भारत-मालदीव के बीच जारी तनाव के बीच बरेली के मौलाना ने पीएम मोदी का किया समर्थन
भारत और मालदीव के बीच जारी तनाव के बीच बरेली के मौलाना ने पीएम मोदी का समर्थन किया है। उन्होंने बोला कि मालदीव में वहां के लोगों और गवर्नमेंट में जिम्मेदार पदों आसीन व्यक्तियों ने हिंदुस्तानियों की निंदा की है। इसी तरह पीएम की भी निंदा की है। हिंदुस्तान के पीएम के लिए गलत शब्द की भाषा कही गई है। उन्हें निशाना बनाया गया है। यह बहुत ही दुख की बात है। मौलाना ने आगे बोला कि हिंदुस्तान का मुस्लिम इन अनेक बातों पर विश्वास नहीं करता है। हम किसी भी राष्ट्र द्वारा की हिंदुस्तान विरोधी टिप्पणियों का विरोध करते हैं। मालदीव की गवर्नमेंट को इसके लिए माफी मांगनी चाहिए।
उत्तर प्रदेश के जनपद बरेली में मौलाना शहाबुद्दीन रिजवी बरेलवी ने बोला कि मालदीव में शासी लोगों ने हिंदुस्तानियों की निंदा की है। इसी तरह पीएम की भी निंदा की है। हिंदुस्तान के पीएम के लिए गलत शब्द की भाषा कही गई है और उन्हें निशाना बनाया गया है। यह बहुत दुख की बात है। हिंदुस्तान का मुस्लिम इन अनेक बातों पर विश्वास नहीं करता है। हिंदुस्तान अम्ल और शांति का राष्ट्र है। हिंदुस्तान में किसी भी राष्ट्र के विरुद्ध न कोई आंदोलन होता है और न ही विरोध किया जाता है। इसलिए हम किसी भी राष्ट्र के द्वारा हिंदुस्तान के विरोध में की गई टिप्पणियों का भी विरोध करते हैं। उन्होंने आगे बोला कि मालदीव को हिंदुस्तान के लोगों से माफी मांगनी चाहिए।
‘भारतीय मुसलमानों को पहुंची ठेस’
मौलाना शहाबुद्दीन रिजवी बरेलवी ने कहा, ‘पीएम मोदी के लक्षद्वीप दौरे पर मालदीव गवर्नमेंट की मंत्री मरियम शिउना और दूसरे नेताओं की आपत्तिजनक टिप्पणी से भारतीय मुसलमानों को ठेस पहुंची है।’ इस पूरी घटना पर मौलाना ने बयान जारी करते हुए बोला कि हिंदुस्तान राष्ट्र के मुस्लिम से मालदीव गवर्नमेंट को माफी मांगनी चाहिए। मौलना बरेलवी ने अपने बयान में बोला कि भारतीय मुस्लिम इस तरह की आलोचनाओं को कतई बर्दाश्त नहीं करेगा।
क्या है विवाद?
मालदीव की निलंबित मंत्री मरियम शिउना और राजनेता जाहिद रमीज ने हिंदुस्तान पर निशाना साधा था। उन्होंने लक्षद्वीप को पर्यटन स्थल के रूप में बढ़ावा देने के पीएम मोदी के कोशिश का मजाक उड़ाते हुए नस्लवादी टिप्पणी कर दी। इसके बाद बड़ा टकराव खड़ा हो गया है। इन टिप्पणियों ने सोशल मीडिया पर हिंदुस्तानियों को भी प्रभावित किया। प्रसिद्ध शख़्सियतों सहित कई लोग मालदीव के बहिष्कार के आह्वान में शामिल हो गए।