उत्तर प्रदेश

मायावती ने छोटे राज्‍य की वकालत के साथ वेस्‍ट यूपी से साधा निशाना

Mayawati News: बसपा सुप्रीमो मायावती ने मुजफ्फरनगर में चुनावी रैली के जरिए अपने लोकसभा चुनाव अभियान की आरंभ करते हुए, रविवार को समाजवादी पार्टी, कांग्रेस पार्टी और बीजेपी पर जमकर हमले किए. उन्‍होंने बोला कि यदि उनकी पार्टी गवर्नमेंट बनाती है तो वह पश्चिमी यूपी को एक अलग राज्य बनाने के लिए काम करेंगी. मायावती द्वारा अलग राज्य के दर्जे का आह्वान यूपी की सत्‍ता में उनके अंतिम कार्यकाल (2007-12) की याद दिलाता है, जब उनकी गवर्नमेंट ने उत्तर प्रदेश से चार अलग- अलग राज्य बनाने के लिए राज्य विधानसभा में एक प्रस्ताव पेश किया था. उत्तर प्रदेश में चार बार सीएम रह चुकीं मायावती ने सहारनपुर लोकसभा क्षेत्र के नांगल क्षेत्र के खतौली गांव और मुजफ्फरनगर में चुनावी रैलियों को संबोधित करते हुए लोगों से सहारनपुर में पार्टी के उम्मीदवार माजिद अली, मुजफ्फरनगर में दारा सिंह प्रजापति और मुजफ्फरनगर में विजेंद्र सिंह मलिक के लिए वोट करने की अपील की.

इन चुनावी रैलियों को संबोधित करने से पहले उन्होंने डाक्टर भीमराव अंबेडकर की जयंती पर उनके चित्र पर फूल चढ़ाए. मुजफ्फरनगर में, 2013 के मुजफ्फरनगर-शामली दंगों के लिए तत्कालीन सपा गवर्नमेंट पर निशाना साधते हुए उन्होंने बोला कि समाजवादी पार्टी के कार्यकाल के दौरान जाटों और मुसलमानों का भाईचारा टूट गया था, जबकि उनके शासनकाल में क्षेत्र में कोई दंगा नहीं हुआ था. मायावती ने बोला कि हमारी इच्‍छा थी कि इस बार मुसलमान को मुजफ्फनगर से लोकसभा चुनाव लड़ाया जाए, लेकिन मुसलमान इस गवर्नमेंट से इतने डरे हैं कि कोई टिकट के लिए सामने ही नहीं आया. ऐसे में हमें अति पिछड़ा समाज से प्रत्याशी को लड़ाना पड़ा. उन्होंने बीजेपी पर धर्म की आड़ में अल्पसंख्यकों का उत्पीड़न करने का इल्जाम लगाया.

बसपा ने मुजफ्फरनगर में दारा सिंह प्रजापति को बीजेपी उम्मीदवार संजीव बालियान, जो तीसरी बार चुनाव लड़ रहे हैं, और सपा के उम्मीदवार हरेंद्र मलिक के विरुद्ध मैदान में उतारा है. उन्होंने यह भी बोला कि मुस्लि‍म समुदाय को भागीदारी प्रदान करने के लिए, बीएसपी ने पड़ोसी राज्य उत्तराखंड के हरिद्वार से एक मुसलमान उम्मीदवार को मैदान में उतारा है. बीएसपी ने हरिद्वार में उत्तराखंड के पूर्व सीएम त्रिवेन्द्र सिंह रावत (भाजपा) और कांग्रेस पार्टी उम्मीदवार वीरेंद्र रावत के विरुद्ध जमील अहमद को उम्मीदवार बनाया है. कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधते हुए मायावती ने बोला कि वह आजादी के बाद लंबे समय तक सत्ता में रही, लेकिन अपनी नीतियों के कारण बाहर हो गई. बीजेपी के बारे में उन्होंने बोला कि वह सत्ता में नहीं लौटेगी. पार्टी की नाटकबाजी और जुमलेबाजी काम नहीं करने वाली है.

उन्होंने बोला कि बीजेपी की कथनी और करनी में अंतर है.‘ उन्होंने बोला कि जब भी बीएसपी की गवर्नमेंट बनी, किसानों को हर फसल का मुनासिब मूल्य दिया गया. गरीबों को निःशुल्क राशन से नहीं बल्कि स्थायी रोजगार प्रदान करके लाभान्वित किया जाएगा. धर्म की आड़ में मुसलमानों का उत्पीड़न रोका जाएगा. बीएसपी गवर्नमेंट में भर्तियां निष्पक्ष ढंग से होती थीं. जाट समुदाय के युवाओं को भी रोजगार मिला. किसान नेता और पूर्व पीएम चौधरी चरण सिंह, जिन्हें हाल ही में मरणोपरांत हिंदुस्तान रत्न से सम्मानित किया गया था, को याद करते हुए मायावती ने बोला कि यदि बीएसपी की गवर्नमेंट बनी तो वह पश्चिमी यूपी को एक अलग राज्य बनाने के लिए काम करेंगी.ण्‍सहारनपुर में एक रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने बोला कि बीएसपी कांग्रेस, बीजेपी या किसी अन्य पार्टी के साथ गठबंधन में नहीं है, बल्कि टिकट वितरण में समाज के सभी वर्गों के लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करते हुए अकेले चुनाव लड़ रही है. उन्होंने बोला कि आजादी के बाद ज्यादातर सरकारें कांग्रेस पार्टी पार्टी की रही हैं. दलित विरोधी, आदिवासी विरोधी और पिछड़ा वर्ग विरोधी नीतियों के कारण यह पार्टी केंद्र और राज्यों की सत्ता से बेदखल हो गई.

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