मोहम्मद हबीब कौन हैं जिन्हें मिला प्राण प्रतिष्ठा का अक्षत निमंत्रण तो हो गए भावुक
मिर्ज़ापुर में जमालपुर ब्लाक में जफराबाद के रहने वाले मुसलमान मोहम्मद हबीब ने 1992 में अयोध्या में भव्य प्रभु राम का मंदिर बनने का सपना देखा था। इस सपने को साकार करने के लिए वह 1992 में कारसेवक के रूप में अयोध्या गये थे। आज जब 22 जनवरी को राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम है तो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता अक्षत निमंत्रण लेकर उनके पास पहुंचे तो वह भावुक हो गये।
1992 में उन्होंने अयोध्या में भव्य राम मंदिर बनाने के लिए हुए आंदोलन में कारसेवक के रूप में भाग लिया था। मिर्ज़ापुर से कारसेवक के रूप में 2 दिसंबर 1992 को अयोध्या गये थे। वाराणसी कैंट से 50 कारसेवकों के साथ मोहम्मद हबीब अयोध्या पहुचे थे। उस समय वह भाजपा युवा मोर्चा में जिला उपाध्यक्ष के पद पर थे। उस पल को याद कर मोहम्बद हबीब ने कहा ‘हम सब अयोध्या उतरे तो वहां पर चार से पांच दिन रहे। विश्व हिंदू परिषद के अशोक सिंघल और बजरंग दल के विनय कटियार का भाषण सुना। फिर आदेश हुआ कि यहां की सरयू तट से बालू लेकर चलना है। हम लोगों के सामने ढांचा टूटा और समतल हुआ। इसके बाद हम लोगों को आदेश हुआ वापस लौटने का तो वाराणसी लौट आये।’
निमंत्रण पत्र मिलने की खुशी जताते हुए मोहम्बद हबीब ने बोला कि प्राण प्रतिष्ठा हो जाने के बाद अयोध्या प्रभु राम के दर्शन के लिए जरूर जाऊंगा। निमंत्रण पत्र लेकर पहुंचे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता आलोक श्रीवास्तव का बोला बोलना है कि हम लोगों ने उस समय कारसेवा करने वाले मोहम्मद हबीब को निमंत्रण दिया। उन्होंने बोला है कि राम मंदिर उनका सपना था। दर्शन करने अयोध्या जरूर जाऊंगा।