रामनवमी पर रामलला सोने चांदी के वर्क वाले विशेष पीत वस्त्रों में भक्तों को देंगे दर्शन
इस बार रामनवमी पर रामलला सोने चांदी के वर्क वाले विशेष पीत वस्त्रों में भक्तों को दर्शन देंगे. रामलला को रत्नों से जड़ित विशेष आभूषणों से शृंगार किया गया है. इस बीच राम मंदिर को रंगबिरंगी एलईडी लाइटों से जगमगाया गया है. रामलला के वस्त्रों को डिजाइनर मनीष त्रिपाठी नेडिजाइन किया है. रामलला को पहनाए जाने वाले सभी आभूषण रामनवमी पर नए हैं. विशेष रूप से मुकुट अपनी अलग ही आभा बिखेरेंगे. कुंडल, बाजू बंद कमरबंद, गले का हार और अंगूठी एवं पैजनिया पहनकर रामलला नए रूप में नजर आएंगे.
रामलला की ललाट सूर्याभिषेक पर खासतौर पर अपनी चमक बिखेरे इसके लिए उनके माथे पर केसर, कुमकुम युक्त चंदन की बजाया हीरा-पन्ना, पुखराज और माणिक्य के मिश्रण का तिलक लगाया जाएगा. दर्शन सुबह साढ़े तीन बजे मंगला आरती के बाद प्रारम्भ हो जाएंगे. रामलला के ललाट पर सूर्याभिषेक दोपहर 12.15 बजे होगा. सात लाइनों में यह दर्शन अनवरत रात 11 बजे तक चलेंगे. इस बीच उनके 56 भोग भी लगाया जाएगा. पूरे दिन उनकी आरती भोग के बीच कुछ मिनटों के लिए दर्शन बाधित रहेगा, लेकिन दर्शनार्थियों को रोका नहीं जाएगा.
नवमी पर धनिया की पंजीरी का प्रसाद
राम नवमी पर दर्शन के लिए पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को प्रसाद में धनिया की पंजीरी मिलेगी. वापसी मार्ग पर उन्हें प्रसाद दिया जाएगा. इसके अतिरिक्त 15 लाख पैकेट विशेष प्रसाद भी वितरित किया जाएगा. दर्शन मार्ग पर छाया के लिए जर्मन हैंगर लगाए गए हैं. धूप से पैर न जलें, इसके लिए मैट बिछाई जा रही है. दर्शन मार्ग पर पीने के पानी और टायलेट का भरपूर व्यवस्था किया गया है. प्रसाद के निमित्त धनिया की पंजीरी की पर्याप्त प्रबंध कर ली गई है.
कम से कम तीन किलोमीटर चलकर पहुंचेंगे मंदिर
अत्यधिक भीड़ की आसार को देखते हुए चारों दिशाओं में पार्किंग की प्रबंध की गई है. चारों ओर से आने वाले भक्तों को कम से कम तीन किलोमीटर पैदल चलना होगा. रामपथ से आने वाले भक्तों के लिए उदया चौराहे के पास पार्किंग है. वहीं से पैदल आना होगा. एसपी यातायात अयोध्या प्रसाद सिंह ने कहा कि लखनऊ, आजमगढ, अंबेडकरनगर से आने वालों के लिए बूथ नंबर चार से एंटी है. यहीं बड़ा भक्तमाल की बगिया में पार्किंग है यहीं से पैदल जाना होगा. साकेत पेट्रोल पंप की ओार से आने वाले धर्म पथ के पास स्फटिक शिलाा के पास पाकिँग करके पैदल अंदर आ सकेंगे. इसी रास्ते सरयू घाटों पर जाकर स्नान कर सकेंगे.