रामलला के प्राकट्य बेला में मध्याह्न भगवान के ललाट पर होगा सूर्याभिषेक
अयोध्या में ऐतिहासिक राम मंदिर में रामनवमी का मुख्य पर्व बुधवार को पहली बार मनाया जाएगा. यह पहली रामनवमी भी ऐतिहासिक होगी. इस पर्व पर रामलला के प्राकट्य बेला में मध्याह्न ईश्वर के ललाट पर सूर्याभिषेक होगा. अध्यात्म और विज्ञान के इस समन्वय होने वाले सूर्याभिषेक के लिए मंगलवार को भी मध्याह्न अंधेरे में ट्रायल किया गया. इस ट्रायल के लिए मध्याह्न 12 बजे के चार मिनट पहले 11.56 बजे आरती प्रारम्भ कराई लेकिन सूर्य की रश्मियां परफेक्ट रूप से ललाट के मध्य न पड़ने के कारण सूर्याभिषेक के समय में थोड़ा परिवर्तन कर सवा 12 बजे तय किया गया है.
इसकी पुष्टि श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की मीडिया सेल से भी की गई. इस दौरान भवन निर्माण समिति चेयरमैन नृपेन्द्र मिश्र, तीर्थ क्षेत्र महासचिव चंपत राय, मंदिर निर्माण प्रभारी गोपाल राव और न्यासी डा अनिल मिश्र सहित अन्य वैज्ञानिक उपस्थित रहे. उधर रामनवमी के पर्व पर रामलला का दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं के लिए वापसी का नया रास्ता तैयार हो गया है. इस नये रास्ते पर भी रेड कार्पेट बिछा दी गयी है. टाटा कंसल्टेंसी की ओर से तैयार कराए इस मार्ग का निरीक्षण मंदिर निर्माण प्रभारी गोपाल राव ने अपने सहयोगियों के साथ किया.
मंगला आरती के बाद प्रारम्भ हो जाएगा
प्राकट्योत्सव की बेला से पूर्व बुधवार को रामलला का पंचामृत और जलाभिषेक का क्रम भोर में साढ़े तीन बजे होने वाली मंगला आरती के साथ ही प्रारम्भ हो जाएगा. ईश्वर के अभिषेक में बालक रामलला के साथ विराजमान रामलला और उनके तीनों अनुजों का भी अभिषेक पूजन होगा. इसके उपरांत उनका शृंगार कर आरती प्रातः पांच बजे की जाएगी. कहा गया कि रामलला का दर्शन भोर में मंगला आरती के साथ ही प्रारम्भ हो जाएगा. यह भी कहा गया कि ईश्वर के अभिषेक की भी रिकार्डिंग कर उसका भी प्रसारण किया जाएगा.