उत्तर प्रदेश

रिटायर कर्मचारी के हौसले ने अंसारी की उड़ा दी थी रातों की नींद, 2000 ईंट चुराने के लिए दर्ज करवाया था मुकदमा

पूर्वांचल के माफिया मुख्तार अंसारी का अंत इस तरह से होगा, किसी ने सोचा भी नहीं होगा. एक समय में पूरे उत्तर प्रदेश में धाक जमाने वाले बाहुबली की मृत्यु कारावास के अकेलेपन में हो गई. उसके जनाजे में पत्नी और बेटा भी शामिल नहीं हो पाए. मुख्तार अंसारी के विरुद्ध जमीन कब्जाने का पहला मुद्दा रेलवे के एक सेवानिवृत्त बुजुर्ग कर्मचारी हरीश चंद्र विश्वकर्मा ने दर्ज करवाया था. उन्होंने मुख्तार अंसारी के विरुद्ध दो हजार ईंटें चुराने का भी इल्जाम लगाया था और केस दर्ज करवा दिया था. एक रिटायर कर्मचारी के हौसले ने मुख्तार अंसारी की रातों की नींद उड़ा दी थी.

हरीश चंद्र विश्वकर्मा 2003 में रिटायर हुए थे. उसी वर्ष उन्होंने माफिया मुख्तार अंसारी के विरुद्ध गैरकानूनी रूप से जमीन पर कब्जा करने का मुद्दा दर्ज करवा दिया. मुख्तार अंसारी के विरुद्ध वैसे तो मर्डर और किडनैपिंग के कई मुद्दे दर्ज थे.  लेकिन जमीन हथियाने का यह पहला ही मुकदमा था. एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार मऊ के माफिया मुख्तार की मृत्यु के बाद 82 वर्ष के हो चले विश्वकर्मा ने कहा, हम सबको एक दिन मरना है. यह हमारी आपकी सबकी कहानी है.

2000  ईंट चुराने के लिए दर्ज करवा दिया था मुकदमा
दरअसल मुख्तार अंसारी विश्वकर्मा के घर के सामने ही एक विद्यालय बनवा रहा था. विद्यालय तक जाने के लिए मुख्तार आंसारी के लोगों ने विश्वकर्मा के 2000 ईंट चुरा लिए थे. पूरा मुद्दा यहीं से प्रारम्भ हुआ. उन्होंने अपना घर बनवाने के लिए ईंट मंगवाई थी. इसी बीच विद्यालय बनना प्रारम्भ हो गया और मुख्तार के लोगों ने ईंटें उठाकर रास्ता बना दिया.

उन्होंने बताया, विद्यालय का उद्घाटन करने जब मुख्तार वहां आया तो उसे सिक्कों से तौला गया था. विश्वकर्मा ने जब पता किया तो  पता चला कि विद्यालय की जमीन राज्य गवर्नमेंट की थी जिसपर गैरकानूनी कब्जा किया गया था. इसके बाद उन्होंने मुकदमा दर्ज करवा दिया. उन्होंने अपनी पेंशन के बल पर केस लड़ा. उन्होंने कहा, मुख्तार के गुर्गे उन्हें और उनके भाई को परेशान भी करते थे लेकिन उन्होंने मुकदमा वापस नहीं लिया. वह केस जीत भी गए. इसके बाद विद्यालय बंद कर दिया गया और नगरपालिका ने जमीन अपने कब्जे में ले ली.

बता दें कि 2005 के बाद से मुख्तार अंसारी की जीवन कारावास में ही कटा. वह पंजाब और यूपी की जेलों में रहा. वहीं गैंगस्टर मुख्तार ने पांच बार विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज की. दो बार उसने बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ा. विश्वकर्मा ने एनडीटीवी को बताया, मेरे घर के सामने ही एक जमीन थी जिसपर मुख्तार अंसारी ने कब्जा कर लिया था. वहां एक विद्यालय बनाया गया था और उद्घाटन करने के लिए मुख्तार क बुलाया गया था.

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