रेलवे के यमुना ब्रिज मालगोदाम के आसपास रहने वालों को जल्द मिलने जा रही है बड़ी राहत
रेलवे का यमुना ब्रिज मालगोदाम जब बना था तो आसपास अधिक जनसंख्या नहीं थी। धीरे-धीरे मालगोदाम के आसपास घनी जनसंख्या बस गई। मालगोदाम पर प्रतिदिन सीमेंट सहित अन्य उत्पादों की लोडिंग/अनलोडिंग होती है। इस दौरान सीमेंट धूल के रूप में उड़ता है और आसपास रहने वालों को प्रभावित करता है। इसके अतिरिक्त भी कई अन्य वस्तुओं से होने वाले प्रदूषण से भी लोग परेशान हैं। बीते साल इस मुद्दे में एनजीटी ने संज्ञान लिया था। एनजीटी ने रेलवे को आसपास के लोगों की स्वास्थ्य से खिलवाड़ करने पर फटकार लगाते हुए प्रदूषण रोकने के तरीका करने को बोला था। इसके बाद मालगोदाम की बाउंड्री पर मेटल की शीट लगाने की तैयारी प्रारम्भ कर दी गई है।
मजदूरों, व्यापारियों के लिए भी बढ़ेंगी सुविधाएं
एनजीटी की फटकार के बाद रेलवे मालगोदाम पर रेलकर्मियों, श्रमिकों और व्यापारियों के लिए भी सुविधाएं बढ़ाने जा रहा है। पूरे काम के लिए रेलवे ने करीब करोड़ का बजट मंजूर किया है। इस पैसे से मालगोदाम पर ड्रेनेज, सीवरेज सिस्टम में सुधार किया जाएगा। इसके अतिरिक्त श्रमिकों के कमरों में पेजयल, शौचालय, स्वच्छ हवा की व्यवस्था, कार्यरत रेलकर्मियों, व्यापारियों, मजूदरों के कमरों में एयर कंडीशन की व्यवस्था, बेहतर पार्किंग सुविधा, एंटी स्मोग गन सहित अन्य सुविधाएं बढ़ाई जाएंगी।