लोकसभा चुनाव: पहले पकड़ो बाघ, फिर देंगे वोट…
पीलीभीत।आधारभूत समस्याओं को लेकर जनता द्वारा चुनाव बहिष्कार की बात तो आपने सुनी होगी, लेकिन यूपी के पीलीभीत में ग्रामीणों ने इस वजह से आनें वाले लोकसभा चुनाव में हिस्सा न लेने का घोषणा किया है, क्योंकि वे बाघों के आतंक से ग्रस्त हैं। मानव वन्य-जीव संघर्ष के बढ़ते मुद्दे और जिला प्रशासन की ढिलाई की वजह से जिले के कई गांवों के ग्रामीणों ने लोकसभा चुनाव में वोट न देने का घोषणा किया है। उनका बोलना है कि पहले बाघों की परेशानी से निजात दिलवाएं फिर वोट डालेंगे.
दरअसल, पीलीभीत के टाइगर रिजर्व से सटे हुए गांव पंडरी क्षेत्र में लगातार बाघ के हमले की घटनाओं को लेकर किसान और ग्रामीण प्रशासन से नाखुश नजर आ रहे है। क्षेत्र में कई गांव के लोगों ने लोकसभा चुनाव को लेकर पूर्ण बहिष्कार का घोषणा किया है। जिसकी फोटो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है। ऐसे पोस्टर हरकिशनापुर ,पंडरी, न्योरिया खुर्द उर्फ़ शिवपुरिया ,विठोरा खुर्द गांव में कई जगहों पर लगाए गए हैं।
बाघ और आवारा पशुओं से परेशान हैं ग्रामीण
पंडरी और न्योरिया खुर्द के ग्रामीणों ने मतदान के बहिष्कार का घोषणा करते हुए अपनी मांगें रखी है। उनका बोलना है कि क्षेत्र में सबसे मुख्य मामला बाघों का आतंक है और दूसरा छुट्टा आवारा सांड जो किसानों की फसल पूरी तरह से बर्बाद कर रहे है। साथ ही बाघोंके डर से किसान अपने खेतों की रखवाली करने नहीं जा पा रहे हैं। स्कूली बच्चे दूसरे गांव से पढ़ने आते है। वह भी बाघों के डर से विद्यालय नहीं जा रहे है, जिससे हमारे बच्चों का भविष्य अधर में लटक हुआ है। ग्रामीणों का बोलना है कि जब तक क्षेत्र के बाघों को प्रशासन नहीं पकड़वाता और छुट्टा सांडों से छुटकारा नहीं मिलती तब तक हम गांव वाले मतदान का बहिष्कार करेंगे और बूथ पर कोई भी मतदान करने नही जाएगा।
डीएम को समाचार ही नहीं
पूरे मुद्दे पर जब पीलीभीत डीएम संजय कुमार सिंह से जानकारी ली गई तो उन्होंने कहा कि चुनाव बहिष्कार के घोषणा की बात उनके संज्ञान में नहीं है। लेकिन फिर भी पूरे मुद्दे में गंभीरता बरती जाएगी। यदि ग्रामीणों को किसी प्रकार की कोई परेशानी है तो उसका जल्द से जल्द निस्तारण किया जाएगा।