श्रमजीवी एक्सप्रेस विस्फोट: आतंकियों को न्यायाधीश राजेश कुमार राय ने सजा-ए-मौत की सुनाई सजा
बुधवार का दिन, दोपहर बाद के 3 बजकर 13 मिनट पर हथकड़ी लगाए श्रमजीवी एक्सप्रेस बम विस्फोट काण्ड में गुनेहगार आतंकवादी हिलालुद्दीन उर्फ हिलाल और नफीकुल विश्वास को कोर्ट में पेश किया गया। न्यायालय रूम अधिवक्ताओं से खचाखच भरा था। हर कोई पहले से आकलन कर रहा था कि क्या सजा हो सकती है। दोनों दोषियों को कटघरे में खड़ा किया गया। इसके करीब 57 मिनट के बाद न्यायाधीश राजेश कुमार राय ने सजा-ए-मौत की सजा सुनाई। सजा सुनते ही दोनों आतंकवादी एक-दूसरे की ओर देखने लगे। साल 2005 में 28 जुलाई को सिंगरामऊ में हरपालगंज रेलवे क्रॉसिंग के पास आतंकवादियों ने राजगीर (बिहार) से नयी दिल्ली जाने वाली श्रमजीवी एक्सप्रेस में बम विस्फोट किया था। विस्फोट में 14 लोगों की जान गई। उस समय 62 लोग घायल हुए थे।
इस मुद्दे में दो आतंकवादी हिलालुद्दीन उर्फ हिलाल और नफीकुल विश्वास को बुधवार को सजा सुनाने की तिथि मुकर्रर की गई थी। सुबह से ही दीवानी कोर्ट परिसर में इस मुद्दे की चर्चा रही। कई वादकारी तो अपना मुकदमा देखने के बाद आतंकवादियों मुद्दे में सजा की जानकारी के लिए रुके रहे। दोपहर दो बजकर 50 मिनट पर दोनों आतंकवादियों को जिला जेल से रवाना किया गया। वज्र गाड़ी जब कोर्ट में पहुंचा तो वहां भीड़ जुट गई थी। दो बजकर 13 मिनट पर उन्हें पेश किया गया। दिन में दो बजकर 11 मिनट पर न्यायाधीश अपनी कुर्सी पर बैठे। करीब चार मिनट के अंदर ही उन्होंने निर्णय सुना दिया। निर्णय आने के बाद दोनों आतंकवादियों ने कोर्ट के निर्णय का सम्मान करते हुए आगे अपील की प्रक्रिया के बारे में समझा। दोनों को निर्णय की कॉपी दी गई। नफीकुल विश्वास बंगला भाषा में और हिलाल ने अंग्रेजी भाषा में हस्ताक्षर किया।
जल्दबाजी में दिखा हिलालुद्दीन
न्यायालय में पेश होने के करीब 30 मिनट के बाद कटघरे में खड़े खड़े हिलालुद्दीन ऊब सा गया। वह थोड़ा जल्दबाजी में दिख रहा था। उसने अपने वकील से पूछा कि आखिर कब तक निर्णय होगा। अभी कितनी देर लगेगी। इस पर अधिवक्ता ने उसे शांत रहने के लिए कहा। वहीं नफीकुल विश्वास पूरी तरह शांत था।
अधिवक्ताओं की वार्ता पर चौंक जा रहे थे आतंकी
कोर्ट परिसर में जब तक न्यायधीश नहीं बैठे थे तब तक अधिवक्ता और वहां आने वाले पुलिसकर्मी, वादकारी इस मुद्दे में पूर्व में हुई सजा पर जैसे ही चर्चा करते वैसे ही नफीकुल विश्वास और हिलाल चौंक जा रहे थे। दोनों बड़े ही ध्यान से बात सुनने का कोशिश करते दिखे। उन्हें अपने मुद्दे में जानने की ख़्वाहिश थी।
सजा पाने वाले आतंकवादियों पर आरोप
श्रमजीवी बम विस्फोट में गुनेहगार नफीकुल विश्वास और हेलाल उर्फ हिलालुद्दीन के विरुद्ध धारा 148, 302, 149, 307, 149, 120बी और धारा 3 और 4 विस्फोटक पदार्थ अधिनियम धारा 150 और 151 रेलवे अधिनियम और धारा 14 फारनर्स एक्ट में केस था। नफीकुल और हिलाल के अतिरिक्त ओबैदुर्रहमान और रोनी पर भी ये सारी धाराएं लगी थीं। चारों आतंकवादियों की सुनवाई एक साथ चल रही थी। इस बीच, आंध्रप्रदेश कारावास में बंद होने के कारण 13 अगस्त, 2012 को हिलालुद्दीन उर्फ हिलाल और नफीकुल विश्वास की पत्रावली अलग कर दी गई थी।
बुधवार को न्यायालय में पूरे घटनाक्रम पर एक नजर
-3:13 बजे न्यायालय में पेश हुए दोनों आतंकी
-4:11 बजे अपर जिला एवं सत्र जज प्रथम राजेश कुमार राय न्यायालय में आकर बैठे।
-4:12 बजे अपर जिला एवं सत्र जज प्रथम राजेश कुमार राय सजा सुना प्रारम्भ किए।
-4:16 बजे अपर जिला एवं सत्र जज प्रथम राजेश कुमार राय ने निर्णय पर हस्ताक्षर किया।
-4:17 बजे अपर जिला एवम सत्र जज न्यायालय से उठकर अपने चैम्बर में वापस चले गए।
-4:20 बजे आतंकवादी हिलाल और नफीकुल ने निर्णय पर हस्ताक्षर किया।
-5:18 बजे दोनों को कड़ी सुरक्षा में जिला जेल ले जाया गया।