समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी शिवपाल यादव ने बदायूं सीट छोड़ने का किया ऐलान
बदायूं । उत्तर प्रदेश में सपा एक बार फिर राजनीतिक भंवर में है। संभल-मेरठ, मुरादाबाद, रामपुर के बाद अब बदायूं में भी पार्टी को लोकसभा चुनाव के लिए प्रत्याशी उतारने में दिक्कत आ रही है। सपा के प्रत्याशी शिवपाल यादव ने बदायूं सीट छोड़ने का घोषणा किया है। अपने बेटे आदित्य यादव को बदायूं से प्रत्याशी बनाने का प्रस्ताव पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव को भेजा है। इससे राजनीतिक घमासान तेज हो गया है।
News18 ने बदायूं से आदित्य यादव के लड़ने की आसार की समाचार पहले ही दे दी थी, लेकिन अब उस पर मुहर लगती हुई दिखाई दे रही है। दरअसल संभल-बदायूं सीट पर समाजवादी पार्टी प्रत्याशी दूसरी बार बदला जाएगा। पहली लिस्ट में धर्मेंद्र यादव को टिकट मिला था। दूसरी लिस्ट में अखिलेश यादव ने शिवपाल यादव को समाजवादी पार्टी प्रत्याशी बनाया था। पार्टी सूत्रों का बोलना है कि यदि पार्टी परिवर्तन करने के लिए तैयार हो जाती है तो आदित्य यादव को टिकट मिलना तय है। वे पार्टी नेता शिवपाल यादव के पुत्र हैं।
लोकसभा सीट से सबसे अधिक 6 बार सपा जीती
बदायूं सपा का गढ़ माना जाता है। बदायूं लोकसभा सीट में कुल 5 विधानसभा है और इन पांचों विधानसभा सीट पर सपा के बढ़त बनाये रखने का दावा शिवपाल यादव ने की है। यह सीट सपा अपनी सेफ सीट मान कर चल रही है। 1996 से लेकर 2014 तक इस सीट पर सपा का ही कब्जा रहा था। लेकिन, 2019 में भाजपा की संघमित्रा मौर्य ने जीत हासिल कर सपा का वर्चस्व तोड़ा। इस लोकसभा सीट से सबसे अधिक 6 बार सपा जीती है तो पांच बार कांग्रेस पार्टी जीती है और दो बार भाजपा ने इस सीट पर जीत हासिल की है।
शिवपाल बोले- युवाओं को मौका देना चाहिए, अखिलेश को मैंने मुख्यमंत्री बनाया था
शिवपाल यादव ने बोला कि युवाओं को हमेशा से मौका देना चाहिए, जिससे पार्टी जवान बनी रहती है। कभी बूढ़ी नहीं होती। अखिलेश 26 वर्ष की उम्र में राजनीति में आ गये थे। मैंने उनको बोल कर सीएम बनाया था। बता दें, बदायूं लोकसभा सीट में तीसरे चरण में मतदान होना है। तीसरे चरण के लिए 12 अप्रैल से नामांकन प्रारम्भ होंगे। 19 अप्रैल नामांकन करने की आखिरी तारीख है. जबकि 20 अप्रैल को नामांकन पत्रों यानी डॉक्युमेंट्स की जांच होगी और 22 अप्रैल को नाम वापसी लेने की तारीख़ है और 7 मई को वोटिंग होगी।