गोरखपुर जोन में अपने पते पर नहीं मिले पिस्तौल, बंदूक जैसे हथियारों के 16162 लाइसेंस धारक
यूपी पुलिस बाकी राज्यों की तरह इस समय लोकसभा चुनाव 2024 के लिए चुनाव आयोग के निर्देश पर भिन्न-भिन्न तरह के जांच में जुटी है। आयोग ने सभी आर्म्स लाइसेंस वालों के घर-घर जाकर निरीक्षण करने भी बोला था क्योंकि चुनाव के समय लाइसेंसी हथियार वगैरह गवर्नमेंट जमा करवा लेती है। जांच के दौरान गोरखपुर जोन में पिस्तौल, बंदूक जैसे हथियारों के 16162 लाइसेंस धारक अपने पते पर नहीं मिले हैं। इस रिपोर्ट के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस में हड़कंप मच गया है। इस तरह की कवायद उत्तर प्रदेश के हर जोन, हर रेंज, हर जिले और हर पुलिस स्टेशन में चल रही है।
शक है कि इन लाइसेंस धारकों में कुछ ने अपना घर बदला लेकिन लाइसेंस में पता अपडेट कराना भूल गए। खतरा इस बात का भी है कि कुछ लाइसेंस गलत पते पर लिए गए हों लेकिन तब पुलिस पर ही प्रश्न उठेगा क्योंकि शस्त्र लाइसेंस देने से पहले आवेदक की बहुत गहराई से जांच की जाती है जिसमें उसके दिए पते का भौतिक सत्यापन भी शामिल है। एडीजी अखिल कुमार ने कहा कि चुनाव आयोग के निर्देश पर उन लोगों का लाइसेंस कैंसिल करने की प्रक्रिया प्रारम्भ की गई है जिनके विरुद्ध आपराधिक मुकदमा दर्ज हैं।
गोरखपुर जोन के अंदर लाइसेंस में दर्ज पता पर गोरखपुर, देवरिया, महाराजगंज, कुशीनगर और बस्ती जिले के कुल 16162 लोग नहीं मिले हैं। गोरखपुर के 21624 लाइसेंसी में 7955 लाइसेंसी नहीं मिले हैं। देवरिया के 13337 लाइसेंसधारकों में 3417, महाराजगंज के 3515 लाइसेंसी में 405, कुशीनगर के 5368 लाइसेंसी में 543 और बस्ती के 7429 लाइसेंसधारकों में 492 अपने दिए पते पर नहीं पाए गए। अब संबंधित थानों से लाइसेंस में दर्ज टेलीफोन और मोबाइल नंबर पर टेलीफोन करके पता अपडेट करने बोला जा रहा है। ऐसा नहीं करने पर लाइसेंस कैंसिल करने की प्रक्रिया प्रारम्भ हो जाएगी।
चुनाव आयोग ने आर्म्स लाइसेंस वाले उन लोगों के नाम भी मांगे हैं जिन पर 2022 के विधानसभा चुनाव के बाद कोई अपराधी केस दर्ज हुआ है। आयोग ने उनकी भी अलग लिस्ट मांगी है जो लाइसेंस जारी होने के बाद दूसरे पते पर शिफ्ट हो गए हैं और अब तक गवर्नमेंट को नहीं कहा है।