19 साल का एक युवक रील बनाते हुए गिरा पानी की टंकी में…
लखनऊ: हमारे राष्ट्र में रील बनाने का शौक लोगों में दिन रोजाना बढ़ता जा रहा है। रील बनाते समय लोग घातक जगहों का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिससे लगातार उनकी जान भी जा रही है। ऐसा ही एक मुद्दा यूपी की राजधानी लखनऊ में बीती रात हुआ। यहां पर 19 वर्ष का एक पुरुष रील बनाते हुए पानी की टंकी में गिर गया, जिससे डूब कर उसकी मौत हो गई। पुरुष अपने माता-पिता का इकलौता बेटा था। पिता राकेश अग्रवाल की पत्नी को पिछले वर्ष कैंसर हुआ था। उनके उपचार में पूरी जमा पूंजी राकेश अग्रवाल ने लगा दी थी।
राकेश अग्रवाल स्वयं निजी सुरक्षा गार्ड हैं। बेटा 9वीं कक्षा में इस बार जाने वाला था। 19 वर्ष का था। बेटे से आशा लगाए हुए थे कि बेटा उनका भविष्य सुधार देगा। लेकिन, इकलौता बेटा जिसको अपने पिता को कंधा देना था। हालात ऐसे हुए की पिता को स्वयं अपने बेटे को कंधा देना पड़ा। पोस्टमार्टम हाउस के बाहर पिता राकेश अग्रवाल रोते हुए नजर आए। जब उनसे बात की गई तो उन्होंने बोला कि बेटा गुरुवार शाम चार बजे अपने दोस्त प्रभात से मिलने के लिए निकला था। इसके बाद उसकी मौत की समाचार आई। कभी नहीं सोचा था कि यह दिन देखना पड़ेगा।
हत्या का लगाया आरोप
पिता राकेश अग्रवाल ने कहा कि उनके बेटे का नाम शिवांश अग्रवाल था। वह केवल 19 वर्ष का था। कॉलोनी में ही रहने वाले प्रभात नाम के पुरुष से उसकी दोस्ती थी। पिछले 4 वर्ष से दोनों दोस्त थे। प्रभात ने ही शिवांश को पानी की टंकी पर चढ़ाया था। उन्होंने कहा कि प्रभात ने ही उनके बेटे की मर्डर की है। क्योंकि, उनके बेटे के शरीर पर चोट के कई निशान हैं। यह दुर्घटना नहीं बल्कि मर्डर है। प्रभात नाम के पुरुष के विरुद्ध पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद एफआईआर दर्ज कराई जाएगी। पुलिस स्टेशन में भी उससे पूछताछ हुई है। उन्होंने कहा कि उनके बेटे को रील बनाने का शौक एकदम भी नहीं था। ऐसे में वह रील बनाने कैसे चला गया। यह समझ में नहीं आ रहा है। सोशल मीडिया पर भी उसका एक भी एकाउंट नहीं है।
विशेषज्ञों ने कहा, माता-पिता दें ध्यान
लोकबंधु हॉस्पिटल के चिकित्सा अधीक्षक चिकित्सक अजय शंकर त्रिपाठी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि जब पुरुष को यहां लाया गया तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। उन्होंने कहा कि ऐसे मुद्दे लगातार बढ़ रहे हैं। संज्ञान में आ रहे हैं। ऐसे में महत्वपूर्ण है कि रील बनाने के शौक को लोग अब कम करें। क्योंकि इससे कुछ समय के लिए तो अच्छा लगता है। लेकिन, इस तरह के जब बड़े हादसे हो जाते हैं तो उनके माता-पिता के लिए जीवन भर का पछतावा हो जाता है। माता-पिता भी अपने बच्चों की हर हरकत पर ध्यान दें। ताकि ऐसे मुद्दे रुक सकें।