31 साल बाद ज्ञानवापी परिसर में पूजा दोबारा हुई शुरू
ज्ञानवापी मस्जिद के परिसर में गुरुवार तड़के हिंदू पूजा की गई। मस्जिद में बने व्यास जी के तहखाने में विश्वनाथ मंदिर के मुख्य पुजारी ओम प्रकाश मिश्र और गणेश्वर द्रविड़ ने ब्रह्मम बेला में पूजा करवाई। विधि विधान से मंगला गौरी की आराधना की गई। 31 वर्ष बाद ज्ञानवापी परिसर में पूजा दोबारा प्रारम्भ की गई है। नवंबर 1993 में में वहां पूजा रोककर बैरिकेडिंग की गई थी। वाराणसी न्यायालय ने बुधवार को व्यास तहखाने में हिंदुओं को पूजा करने की अनुमति दी थी। इसी के बाद रात में ही व्यवस्था कर बैरिकेडिंग हटाई गई और पूजा की प्रबंध की गई।
आधी रात के बाद तहखाने से हटवाई बैरिकेडिंग
कमिश्नर कौशलराज शर्मा, पुलिस आयुक्त मुथा अशोक जैन और डीएम एस। राजलिंगम समेत आला प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी रात 11.30 बजे ज्ञानवापी परिसर पहुंचे। वहां सभी ने दक्षिणी तहखाना में पूजा के संबंध में जिला न्यायधीश के आदेश के बाद सुरक्षा प्रबंधों की समीक्षा की। रात 12.30 बजे के आसपास तहखाना के सामने लगी लोहे की बैरिकेडिंग हटवा ली गई। वहां साफ सफाई के बाद पूजा कराई गई। रात करीब 1.30 बजे परिसर से बाहर निकले तहखाना के रिसीवर/डीएम एस।राजलिंगम ने मीडिया से बोला कि हमने न्यायालय के आदेश का अनुपालन करा दिया है।
वहीं, विश्वनाथ मंदिर परिक्षेत्र समेत पूरे जिले में हाई अलर्ट कर दिया गया है। विश्वनाथ धाम और आसपास के क्षेत्रों में रात में अतिरिक्त फोर्स की तैनाती की गई है। ग्रामीण क्षेत्र के भी कुछ थानों की फोर्स शहर में बुलाई गई है। गोदौलिया से दशाश्वमेध और गोदौलिया से बुलानाला के बीच निगरानी बढ़ा दी गई है।
आदेश के नौ घंटे के अंदर एक्टिव हो गए अधिकारी
ज्ञानवापी परिसर स्थित दक्षिणी तहखाना में पूजा और राग-भोग के संबंध में जिला न्यायधीश की न्यायालय के आदेश के अनुपालन के लिए प्रशासन नौ घंटे के अंदर ही एक्टिव हो गया। न्यायालय का निर्णय बुधवार अपराह्न तीन बजे के आसपास आया जबकि कमिश्नर आदि अधिकारी रात 11.30 बजे के आसपास परिसर में पहुंच गए। रात एक बजे के बाद तहखाने के सामने से बैरिकेडिंग हटवा दिया गया। उस दौरान वहां अधिकारी और सुरक्षा बल के जवान ही उपस्थित थे।