उत्तर प्रदेश

लोकसभा चुनाव के बाद हार का सिक्सर लगाने की तैयारी में जुटेंगे अखिलेश यादव : केशव प्रसाद

लखनऊ . नरेंद्र मोदी को तीसरी बार पीएम बनाने के

लिए प्रचार में जुटे उत्तर प्रदेश के उप सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने समाजवादी
पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव पर तीखा धावा कहा और बोला कि अखिलेश यादव
लोकसभा चुनाव के बाद हार का सिक्सर लगाने की तैयारी में जुटेंगे. उन्होंने
कहा कि चार जून को चार बजे बीजेपी चार सौ पार हो जाएगी. केशव प्रसाद ने
आईएएनएस से चुनावी मामले पर खुलकर वार्ता की.

पेश है वार्ता के कुछ अंश :
सवाल
: पहले चरण का चुनाव बीत गया. समाजवादी पार्टी मुखिया अखिलेश यादव ने दावा किया है कि
इस फेज में आपका खाता नहीं खुलेगा. इस पर क्या बोलना है ?

जवाब :
अखिलेश जी हार का चौका लगा चुके हैं. 5वीं बार हारने जा रहे हैं. विश्वास
कीजिये कि प्रथम चरण के चुनाव में बीजेपी आठ की आठ सीटें जीते चुकी हैं और
यूपी की 80 की 80 सीटें भी जीतेंगे. चार जून को शाम चार बजे आने वाले चुनाव
परिणाम बीजेपी के पक्ष में होंगे. हम 400 सीटें पार होंगे. यह चुनाव परिणाम
आने के बाद अखिलेश द्वारा हार का सिक्सर लगाने की तैयारी प्रारम्भ कर दी
जाएगी.
सवाल : बीजेपी को बोला जाता है कि वह जातीय गुलदस्ता बनाकर चलती
है. उस गुलदस्ता में सब कोई समाहित रहता है. लेकिन इस चुनाव में पश्चिमी
यूपी में देखा जा रहा है कि सैनी, त्यागी और क्षत्रिय नाराज दिख रहे हैं.
इसका क्या असर होगा चुनाव में.
जवाब : कोई नाराज नहीं है. सभी लोग
प्रसन्न हैं. जो नाराजगी दिख रही है वह विपक्षी नेताओं के बयान में और
मीडिया के सुर्खियों में होगी. लेकिन धरातल की जानकारी जैसे 2017 में
मीडिया और विपक्षी नेताओं को नहीं पता चली और 2019 के लोकसभा चुनाव में सपा
और बीएसपी के साथ रालोद जो इन लोगों के साथ था, उसके बाद भी 64 सीटें जीती,
तब भी नहीं पता चली. 2022 में 400 पार का नारा देने वाले अखिलेश यादव की
साइकिल जब पंचर हो गई तो उनको भी पता नहीं चला. जो 2024 में समर्थन भाजपा
को मिल रहा है ऐसा कभी नहीं मिला होगा.
सवाल : जाति विरोध का असर क्या पहले चरण के चुनाव में दिखा ?
जवाब
: जो विरोध करने वाले लोग हैं, वो गिने चुने हैं. संपूर्ण समाज न मोदी जी
का विरोधी है न बीजेपी का. यदि मान लीजिए किसी समाज का एक लाख आदमी है तो
उसमें से 10 आदमी विरोध करते हैं बाकि लोग समर्थन में खड़े हैं और नहीं
बोलते हैं तो इसका मतलब यह नहीं कि वह समर्थन में नहीं हैं. मतलब ऐसे गिने
चुने कहीं विरोध में होंगे तो अपनी निजी स्वार्थों के कारण होंगे. लेकिन
बाकी लोग मोदी जी और बीजेपी के समर्थन में हैं और जो विरोध में हैं वह भी
कमल का बटन ही दबाएंगे.
सवाल : विपक्ष बीजेपी पर केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग का बार-बार इल्जाम लगा रहा है.
जवाब
: देखिए, इस राष्ट्र में जो जांच एजेंसियां हैं वह अपना काम कर रही हैं. उनके
आंकड़ों के हिसाब से सिर्फ़ 3 फीसदी सियासी क्षेत्र से जुड़े हुए लोग उस
जांच के दायरे में हैं. उनके विरुद्ध जांच एजेंसियों ने कार्रवाई की है. जांच
एजेंसी आखिरी अथॉरिटी नहीं होती है. जांच एजेंसियों की स्थापना बीजेपी ने
नहीं किया है. यह आजादी के बाद की तुरन्त स्थापित एजेंसियां हैं. अब आज
कार्रवाई हो रही है वह किसी सियासी दल के नेता और पदाधिकारी हैं या कहीं
मंत्री हैं तो उनके क्राइम को क्षमा कर दिया जाए तो हिंदुस्तान का संविधान और
कानून इसकी अनुमति नहीं देता है. जो गलत करेगा उसे सजा मिलेगी.
सवाल :
विपक्ष बीएसपी को बीजेपी की बी टीम होने का दावा करता रहा है. लेकिन इस बार
यह चीज देखने को मिली कि मायावती ने जितने उम्मीदवार उतारे हैं वो बीजेपी का
ही वोटबैंक काट रहे हैं.
जवाब :कोई हमारी टीम नहीं है. बीजेपी भाजपा
है. विरोधी पार्टियां विरोधी पार्टियां हैं. उनकी पार्टी की ओर से जो
उम्मीदवार उतारना चाहें वो उतारें. लेकिन बीजेपी अभी 2019 के चुनाव में
सपा-बसपा के गठबंधन को धूल चटा चुकी है. इसलिए उनके पार्टी से कौन
उम्मीदवार आ रहा है, यह हम लोग नहीं देखते. राष्ट्र और प्रदेश की जनता केवल एक
चीज देख रही है कि हमारे उम्मीदवार केवल नरेंद्र मोदी जी हैं.
सवाल
: आप किसी पर पर्सनल इल्जाम और टिप्पणी नहीं करते, लेकिन जैसे राम गोपाल
यादव ने आप पर टिप्पणी की, इस बारे में आप क्या कहते हैं.
जवाब :
पीएम मोदी को कांग्रेस पार्टी ने गाली दी और कांग्रेस पार्टी मुक्त हिंदुस्तान राष्ट्र हो गया.
अखिलेश यादव हों या उनके चाचा, उनके विरुद्ध अपशब्दों को प्रयोग नहीं करूंगा.
मैं राष्ट्रीय स्व्यं सेवक संघ का कार्यकर्ता रहा हूं. इसके अतिरिक्त मैं ऐसे
परिवार से हूं जहां किसी विचार का विरोध किया जाता है, पर्सनल नहीं.
मैं उनको केवल इतना कहूंगा कि उस गाली का उत्तर जनता कमल का बटन दबाकर
देगी.
सवाल : इस बार ध्रुवीकरण का मामला दिख नहीं रहा है.
जवाब
: देखिए तुष्टिकरण की राजनीति खत्म हो गई है. संतुष्टिकरण की राजनीति
शुरु हो गई है — सबका साथ, सबका विकास, सबका कोशिश और सबका विश्वास. इसी
को लेकर प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व राष्ट्र तीव्र गति के साथ आगे बढ़ रहा है. किसी
दल विशेष का तुष्टीकरण का एजेंडा था, वह अब सफल होता नहीं दिख रहा है.
जातिवाद की स्थान लोगों ने विकास को स्वीकार कर लिया है.
सवाल : विपक्ष द्वारा बार बार यह इल्जाम लगाया जा रहा है कि आप लोग सत्ता में दोबारा आएंगे तो संविधान बदल देंगे.
जवाब
: बीजेपी संविधान बदल देगी, यह एक सुनियोजित ढंग से अफवाह फैलाने व
गुमराह करने का असफल कोशिश है. बीजेपी समान नागरिक संहिता लाएगी. अगर
संविधान बदलना है तो यह संविधान में प्रबंध है कि इस राष्ट्र में एक राष्ट्र और
एक कानून होना चाहिए. बीजेपी सत्ता में आएगी तो एक वोटर लिस्ट और एक चुनाव
कराने का काम करेगी. मतलब वन नेशन वन इलेक्शन कराने का काम करेगी. जम्मू
कश्मीर से 370 हटाना संविधान बदलना है, तो इस प्रकार के इल्जाम लगाकर गुमराह
कर सकते हैं. दरअसल यह विपक्ष की षड्यंत्र है बीजेपी को बदनाम करने की. उन्हें
डर है कि यदि बीजेपी दोबारा सत्ता में आई तो भ्रष्टाचारियों को छोड़ेगी
नहीं.
सवाल : कांग्रेस पार्टी की तरफ से भारी भरकम रोजगार का वादा कर खाली पदों की सूची बताई जा रही है? इस पर क्या कहेंगे ?
जवाब
: कांग्रेस पार्टी असत्य बोलने की ऑटोमैटिक मशीन है. यह असत्य बोलो, अफवाह फैलाओ और
गुमराह करो’ की नीति का अनुसरण कर रही है और उसी पर चल रही है. जब से
स्वतन्त्र हिंदुस्तान के इतिहास में इसने राजनीति प्रारम्भ की तभी से असत्य बोल रही है.
चुनाव के माध्यम से सत्ता में आने के बाद से कांग्रेस पार्टी ने जो भी बोला उसने
अपने उस वादे को कभी पूरा नहीं किया. इधर, बीजेपी जब से नरेंद्र मोदी की
अगुवाई में सत्ता में आने के साथ ही ‘जो बोला सो किया’ के अपने वादे को
निभाती आ रही है. इसी कांग्रेस पार्टी ने राज्यों में चुनाव जीतने के लिए पुरानी
पेंशन का वादा किया था और जब घोषणापत्र जारी किया तब पुरानी पेंशन योजना का
जिक्र तक नहीं है. इसी कांग्रेस पार्टी ने ‘गरीबी हटाओ’ का नारा दिया था, लेकिन
कभी ‘गरीबी’ नहीं हटाई. पीएम मोदी ने इन सब मुद्दों पर कोई
नारा नहीं दिया, लेकिन ’25 करोड़ लोगों को गरीबी’ से बाहर निकालने का काम
किया. ‘कांग्रेस पार्टी असत्य बोलने की ऑटोमैटिक मशीन है, इसकी
मैन्युफैक्चरिंग में ही गड़बड़ी है. कांग्रेस पार्टी के डीएनए में है कि वह जो
वादे करेगी, वह कभी पूरे नहीं होंगे. उनके वादों के पूरा होने की कोई
गारंटी नहीं है. इसके उलट, बीजेपी जो कहती है, वह करती है. बीजेपी बिना कहे
खाली पदों को भरेगी. आवश्यकता के मुताबिक नए पद भी सृजित किये जायेंगे. इस देश
की युवा पीढ़ी का सम्मान और प्रतिभा का सदुपयोग बीजेपी गवर्नमेंट में ही हुआ है.
भाजपा ही आगे भी युवा शक्ति का सदुपयोग करने में सक्षम है. कांग्रेस पार्टी के
पास तो विपक्ष का नेता पद पाने के लिए भी सांसदों की संख्या नहीं होंगे.
2014 और 2019 से भी बुरा हाल 2024 में होगा.
सवाल : इस चुनाव में फैक्टर क्या है?
जवाब
: देखिए, इस चुनाव का फैक्टर यह है कि यह कोई साधारण चुनाव नहीं है. यह
चुनाव राष्ट्र को पांच वर्ष नहीं 100 वर्ष आगे ले जाने वाला है. जो कांग्रेस पार्टी 60
साल के शासन में नहीं कर सकी, वह प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में उससे 4 गुना
अधिक 10 गुना 10 साल के शासन में हुआ. 25 करोड़ लोग गरीबी रेखा से बाहर
निकले हैं. 1 करोड़ से अधिक गरीब दीदीयां लखपति बनी हैं. करप्शन मुक्त
भारत बनाने के लिए 52 करोड़ जन धन खाते खोले और 34 लाख करोड़ की विभिन्न
योजनाओं के पैसे लोगों के खाते में भेजे गए और एक रुपए का भ्रष्टाचार नहीं हुआ.
कांग्रेस के पीएम राजीव गांधी संसद में खड़े होकर कहते थे कि हम दिल्ली से
एक रुपए भेजते हैं तो 15 पैसा पहुंचता है. करप्शन की अम्मा कांग्रेस
पार्टी है, वह मुकाबले से बाहर है. उसको प्रत्याशी खोजने नहीं मिल रहे हैं.
अरुणाचल प्रदेश का समाचार मैंने पिछले दिनों पढ़ा तो देखा कि 10 बीजेपी के
विधायक निर्विरोध इसलिए निर्वाचित हुए क्योंकि कांग्रेस पार्टी के पास लड़ाने के
लिए उम्मीदवार नहीं मिल रहे थे. इससे आप समझ सकते हैं कि बीजेपी का तूफान
किस तेजी से चल रहा है और जनता मोदी जी के समर्थन में किस तेजी के साथ खड़ी
है.
सवाल : समाजवादी पार्टी ने अपना मूल कैडर वोटर मुसलमान और यादव को छोड़कर आपकी तरह अन्य पिछड़ी जातियों को टिकट देने का काम किया है.
जवाब
: का वर्षा जब कृषि सुखानी. जब समाजवादी पार्टी की हैसियत थी कि किसी को विधायक और
सांसद बनवा सकती थी, तब तो आपने उनको पूछा नहीं. जब एक पिछड़ी जाति के गरीब
मां-बाप का लड़का राष्ट्र का पीएम बन गया और फिर से बनने जा रहे हैं
तो फूट डालो और सांसद बना लो, यह संभव नहीं है. मतदाता बहुत समझदार है.
पिछड़े और अगड़ा वर्ग बीजेपी के साथ हैं. सभी वर्ग बीजेपी के साथ हैं. हम
सबका साथ सबका विकास करते हैं, इसलिए सबका विश्वास और समर्थन हमारी पार्टी
और प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी को मिल रहा है.
सवाल : प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने नारा दिया है 400 पार का, तो क्या यह संभव है?
जवाब
: देखिये चार जून, चार बजे, चार सौ पार. फिर एक बार प्रचंड बहुमत से मोदी
सरकार. जो नारा 2014 में दिया था कि 272 प्लस, तो 283 जीती थी. 2019 के
लोकसभा चुनाव में नारा था 300 पार, तो 303 जीते. 2024 का नारा है 400 पार
तो मुझे पूरा विश्वास है कि राष्ट्र प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी का दीवाना है. मोदी जी
देशवासियों के दीवाने हैं. मतलब वन-वे ट्रैफिक नहीं है. टू-वे ट्रैफिक है.
जनता भी चाहती है कि मोदी जी के नेतृत्व में 400 पार हो. मोदी जी की अपील
का बहुत गहरा असर लोगों में हुआ है. सबको विश्वास है कि हिंदुस्तान को विश्व में
विकसित और ताकतवर देश के रूप में खड़ा करना है, गरीबी से मुक्त भारत
बनाना है तो और सभी क्षेत्रों में हिंदुस्तान को प्रगति के पथ पर आगे ले जाना है,
रेल मार्ग हो – सड़क मार्ग हो, हवाई मार्ग हो, जलमार्ग हो सबको चालू करना
है. हर खेत तक सिंचाई का भी पानी हो, हर घर तक पीने का भी पानी हो, हर घर
में बिजली भी हो, यह सब कुछ करना है. मुझे विश्वास है कि इस लक्ष्य को पीएम
मोदी ने 370 बीजेपी और 400 प्लस बीजेपी गठबंधन के लिए बोला है. उत्तर प्रदेश के 80 की
80 लोकसभा सीट जीतेंगे. उत्तर प्रदेश में सपा, बीएसपी और कांग्रेस पार्टी का खाता नहीं
खुलेगा.

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