अखिलेश यादव ने सरकार के सबसे बड़े बजट के दावे पर कहा…
उत्तर प्रदेश विधानसभा में बजट को लेकर चर्चा के दौरान समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने शायरी का उत्तर शायरी और कविताओं के जरिए दिया। अखिलेश यादव ने गवर्नमेंट के सबसे बड़े बजट के दावे पर बोला कि जब इतना बड़ा बजट लेकर आई तो खर्च क्यों नहीं किया। जब खर्च ही नहीं करना है तो इतना बड़ा बजट क्यों ला रहे हैं। अखिलेश यादव ने भिन्न भिन्न विभागों को अलाट बजट और अभी तक हुए खर्च का पूरा ब्योरा विधानसभा में पेश किया। अखिलेश ने कविता के जरिए गवर्नमेंट को घेरा और बोला कि आपका बजट पुरानी कविता की तरह है। हम लोग पढ़ते थे कि बड़ा हुआ तो क्या हुआ जैसे पेड़ खजूर, पंछी को छाया नहीं फल लागे अति दूर। आपका बजट भी इतना बड़ा है लेकिन जमीन पर कुछ भी नहीं है।
अखिलेश ने बोला कि जो गवर्नमेंट पैसे नहीं खर्च कर पा रही वह शेरो शायरी का रास्ता अपना रही है। क्या शेरो शायरी से जनता की जरूरतें पूरी हो गई हैं। पूछा कि क्या बजट में आपका प्रोविजन गलत है या आंकड़े गलत हैं। बोला कि उत्तर प्रदेश का बजट चाहे सात करोड़ का हो या आठ लाख करोड़ का हो प्रश्न यही है कि 90 फीसदी जनता के लिए क्या है। दस फीसदी लोगों के लिए 90 फीसदी बजट रखती है, 90 फीसदी लोगों के लिए दस फीसदी बजट रखती है।
अखिलेश ने पूछा कि महंगाई में कितनी राहत मिलेगी। मंदी की मार झेल रहे लोगों के लिए क्या तरीका है। किसान को राहत मिलेगी या नहीं। किसानों को दोगुना आय का नारा दिया गया, कब आय दोगुना होगा। कर्मचारियों को पुरानी पेंशन मिलेगी या नहीं। अच्छी दवाई और अच्छी पढ़ाई के लिए कितना आवंटन है। बिजली के कारखाने पूरी क्षमता से नहीं चल पा रहे हैं। गड्ढों को भरने के लिए कितना पैसा खर्च किया गया है।
अखिलेश ने मोदी गवर्नमेंट को भी घेरने की प्रयास की। बोला कि सपना एक ट्रिलियन डालर का दिखाया जाता है है। दिल्ली से पांच ट्रिलियन की बात होती है। विश्व की पांचवीं अर्थव्यवस्था लेकिन जनता पांच किलो राशन पर निर्भर है। किसानों को पांच फीसदी फायदा नहीं। कर्मचारियों को पांच रुपए पेशन नहीं दे पा रहे हैं। वरिष्ठ नागरिकों को किराए में छूट के लिए पांच रुपए की प्रबंध नहीं है। कई बार प्रश्न पूछा गया कि जब वन ट्रिलियन डालर का सपना जो दिखाया जा रहा है उसका रोड मैप क्या है। क्या एक अमेरिकी कंपनी के जरिए प्रचार से यह हासिल हो जाएगा।