आगरा जिले के बाह ब्लॉक में एक मासूम बच्ची की कुत्तों के हमले के बाद हुई मौत
आगरा जिले के बाह ब्लॉक में एक मासूम बच्ची की कुत्तों के हमले के बाद मृत्यु हो गई। 8 वर्ष की बच्ची को लंबे समय पहले कुत्तों ने काटा था लेकिन ठीक उपचार न मिलने के कारण उसकी मृत्यु हो गई। जानकारी के अनुसार लगभग दो सप्ताह पहले आवारा कुत्तों ने बच्चे पर धावा किया था। परिवार ने घर पर ही उसका उपचार किया। 8 वर्ष की लड़की ने रविवार को दम तोड़ दिया। हॉस्पिटल में डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
बताया जा रहा है कि कुत्तों के हमले की घटना उस समय हुई जब लड़की पास की किराना दुकान पर जा रही थी। घर लौटने के बाद उसने अपने माता-पिता को कहा कि उसपर कुत्तों ने धावा कर दिया था। हालांकि फिर भी उसके घरवाले उसे तुरंत हॉस्पिटल नहीं ले गए। डॉक्टरों ने सोमवार को बोला कि आवारा जानवरों के हमले के तुरंत बाद बच्ची को एंटी-रेबीज वैक्सीन (एआरवी) नहीं दी गई थी। उन्होंने बोला कि जब रविवार को उसकी हालत बिगड़ गई, तो उसे बाह समुदाय स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया। गंभीर हालत में देख डॉक्टरों ने उसे आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया। वहां पहुंची लड़की को डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।
लड़की के पिता, धर्मेंद्र सिंह एक किसान हैं। उन्होंने बोला कि मेरी बच्ची को कुत्ते के काटने से हल्की घाव हो गया था। मुझे लगा कि यह कुछ ही दिनों में ठीक हो जाएगा। ऐसी ही घटना मेरे पड़ोस में एक और बच्चे के साथ घटी और वह लड़का ठीक है। लेकिन मेरी बच्ची की तबीयत अचानक बिगड़ने लगी। उसे तेज़ बुखार था और वह कुछ बोल भी नहीं पा रही थी। इस बारे में जानकारी देते हुए बाह सीएचसी अधीक्षक डाक्टर जितेंद्र कुमार ने बोला कि बच्ची को घटना के 15 दिन बाद हॉस्पिटल लाया गया था। वह रेबीज से संक्रमित हो गई और कुछ ही समय बाद उसकी मौत हो गई। घर पर उपचार जानलेवा साबित हुआ। कुत्ते, बिल्ली और बंदर के काटने के मुद्दे में, तुरंत एआरवी देना अहम है।