ASI टीम आज 50वें दिन ज्ञानवापी परिसर में सर्वे की कार्रवाई को बढ़ा रही आगे
एएसआई की टीम सोमवार को 50वें दिन ज्ञानवापी परिसर में सर्वे की कार्रवाई को आगे बढ़ा रही है। सोमवार को सुबह दाखिल हुई टीम अनवरत ऐतिहासिक साक्ष्य जुटाने में लगी है। सुबह 10 बजे टीम तकनीक के आधार पर सर्वे कर रही है। मशीनों के अतिरिक्त कई उपकरण लेकर टीम के सदस्य अंदर हैं और जांच जारी है। एक टीम परिसर के अंदर ऐतिहासिक साक्ष्य संकलन में जुटी है तो बाहर दूसरी टीम भवन की दीवारों और कारीगरी के मुताबिक निर्मित साल का पता लगा रही है।
शुक्रवार को भारतीय पुरातत्व विभाग (ASI) की टीम 50वें दिन अहम साक्ष्य जुटाने के लिए सर्वे का आगाज कर रही है। जिला कोर्ट की ओर से चार हफ्ते का समय मिलने के बाद एएसआई ने सर्वे की रफ्तार बढ़ा दी है और दस्तावेजी काम भी प्रगति पर है। ज्ञानवापी में वजू-स्थल को छोड़कर संपूर्ण परिसर का सर्वे के लिए न्यायालय से निर्धारित अब महज 10 दिन बचे हैं। इन दिनों में सर्वे को पूरा कर ASI अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। परिसर के अंदर एएसआई प्रथम चरण का सर्वे लगभग पूरा हो गया है। साक्ष्य जुटाना, अवशेष सहेजना और सैंपल लेकर उन्हें लैब भेजने का काम टीम कर चुकी है। फिर भी एक पखवाड़े में सर्वे पूरा करना एएसआई के लिए बड़ी चुनौती है, जिसके लिए टीम के सदस्य बढ़ाए गए हैं।
एएसआई फिर मांगेगी एक महीने का समय
वहीं सूत्रों की माने तो एएसआई फिर सर्वे के दिन बढ़ाने की गुहार करेगी। न्यायालय में छह अक्तूबर को रिपोर्ट पेश करने के साथ एएसआई लगभग एक महीने के समय का अप्लीकेशन देगी। कहा जाएगा कि अभी तक इसकी दीवारों की कारीगरी और भित्तिचित्रों को काशी विश्वनाथ मंदिर के पुराने परिसर से भी मिलाया जा रहा है। वहीं सर्वे के मिलने वाले ऐतिहासिक साक्ष्यों पर एएसआई की मुहर के बाद जिला प्रशासन संरक्षण करेगा। साक्ष्य अभी ज्ञानवापी परिसर में जरूर रहेंगे लेकिन इस पर जिला प्रशासन का मालिकाना अधिकार होगा। डीएम की नज़र में इन साक्ष्यों को सूची बनाकर एएसआई की टीम सुपुर्दगी देगी। साक्ष्य की सुपुर्दगी मिलने के बाद डीएम की गठित टीम इसकी प्रत्येक दिन नज़र करेगी और कोर्ट के आदेश पर साक्ष्य पटल पर पेश करेगी।
अब 10 दिन बाद न्यायालय में पेश करेंगे रिपोर्ट
त्रिस्तरीय सुरक्षा के बीच टीम परिसर में ऐतिहासिक संभावनाएं तलाश करने उतरी टीम का सर्वे जारी है। वजूस्थल को छोड़कर संपूर्ण परिसर के सर्वे में जुटी टीम अब तक 310 घंटे से अधिक का सर्वे पूरा कर चुकी है। सर्वे में वाराणसी, पटना, कानपुर, दिल्ली और हैदराबाद की टीमें शामिल हैं। अगले 10 दिनों में टीम को सर्वे पूरा करने का लक्ष्य लेकर टीम विभिन्न पहलुओं पर जांच करेगी। टीम ने सर्वे की रफ्तार बढ़ाने के साथ माह के अंत तक पूरा सर्वे करने का लक्ष्य रखा है। जानकार तहखाने के अंदर साक्ष्य खंगालने के साथ उसकी सूची भी तैयार करेगा। परिसर के अंदर मिलने वाले साक्ष्य और सर्वे की अलग रिपोर्ट बनेगी, जिसकी एक कापी जिला प्रशासन को भी दी जाएगी।
सुबह 9 बजे से शाम पांच बजे तक सर्वे
ज्ञानवापी में साइंटिफिक सर्वे के दौरान भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की टीम कड़ी सुरक्षा और पुख्ता व्यवस्था के बीच ज्ञानवापी परिसर में छह घंटे सर्वे करेगी। सोमवार को सुबह 8.00 बजे दाखिल टीम के सदस्य वादी-प्रतिवादी वकीलों और पक्षकारों की मौजूदगी में सर्वे प्रारम्भ करेंगे। सर्वे लगभग 8:00 बजे प्रारम्भ होकर 12.30 बजे तक चलेगा। इसके बाद लंच और नमाज के लिए रोककर फिर 2.30 बजे से दोबारा प्रारम्भ करेंगे। सर्वे शाम पांच बजे पूरा होगा, इसके बाद टीम के सदस्य गेस्ट हाउस रवाना होंगे। अब तक ग्राउंड पेनिट्रेटिंग रडार (जीपीआर) सर्वे के लिए स्थानों का निर्धारण हो चुका है।
अब तक टीम ने किया इतना काम
ज्ञानवापी परिसर को 4 सेक्टर में बांटकर चारों तरफ कैमरे लगाए हैं, वीडियोग्राफी की जा रही है। ज्ञानवापी की पश्चिमी दीवार पर सबसे अधिक फोकस करते हुए बारीक स्कैनिंग जारी है। पूरे परिसर की पैमाइश, अंदर मिलने वाली आकृतियों और दीवारों की कलाकृतियों की फोटो और वीडियोग्राफी हो चुकी है। दो टीमें तहखाने और दो टीमें बाहरी परिसर में लगी है। सदस्यों ने यूनिट के मुताबिक बाहरी दीवार, पश्चिमी दीवार, व्यासजी तहखाना समेत अन्य तहखाने, गुंबद और छतों का गहन शोध किया है। इन जगहों से सैंपल जुटाकर लैब में भेजे और प्राचीनता के लिए पुरातन दस्तावेजों से साक्ष्यों का मिलान जारी है।
जिला न्यायालय से उच्चतम न्यायालय तक अपील
- 21 जुलाई को वाराणसी की क्षेत्रीय न्यायालय ने ASI को सर्वे करके 4 अगस्त को रिपोर्ट सौंपने के लिए बोला था।
- 24 जुलाई को सुबह 7 बजे सर्वे प्रारम्भ हुआ। मुसलमान पक्ष रोक लगाने के लिए उच्चतम न्यायालय पहुंचा। उच्चतम न्यायालय ने 26 जुलाई की शाम तक सर्वे पर रोक लगा दी और उच्च न्यायालय जाने को कहा।
- 25, 26, 27 जुलाई को मुसलमान पक्ष की याचिका पर उच्च न्यायालय में सुनवाई हुई। 27 जुलाई को न्यायालय ने आदेश सुरक्षित रख लिया और 3 अगस्त को आदेश देने की बात कही।
- 3 अगस्त को उच्च न्यायालय के जस्टिस प्रीतिंकर दिवाकर ने अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी की याचिका खारिज कर दी। न्यायालय ने कहा, ‘न्यायहित में सर्वे महत्वपूर्ण है। मुझे इस तर्क में कोई दम नहीं दिखता कि बिना दीवार खोदे ASI नतीजे पर नहीं पहुंच सकता।’
- 3 अगस्त को इस आदेश के विरुद्ध मुसलमान पक्ष उच्चतम न्यायालय चला गया। 4 अगस्त को मुसलमान पक्ष की अपील खारिज हो गई तब से 24 सितंबर तक सर्वे जारी है।