ATS ने प्रयागराज में नक्सली गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में पति-पत्नी अरेस्ट
लखनऊ: यूपी के आतंकवाद रोधी दस्ते (ATS) ने मंगलवार को उग्रवादी गतिविधियों में शामिल होने के इल्जाम में प्रयागराज में दंपती को अरैस्ट कर लिया। एटीएस ने एक बयान में बोला कि कृपाशंकर सिंह (49) और उसकी पत्नी बिंदा सोना उर्फ मंजू उर्फ सुमन (41) प्रतिबंधित भाकपा (माओवादी) के सदस्य थे और राष्ट्र के विरुद्ध युद्ध छेड़ने की योजना में शामिल थे। जांच में दंपति के विरुद्ध एटीएस को कई अहम सुराग मिले हैं, जिनके आधार पर दावा किया जा रहा है कि दोनों उग्रवादी गतिविधियों में शामिल थे। एटीएस ने दंपति को लेकर कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं।
एटीएस के बयान के अनुसार दंपति ने 2017-2018 में उग्रवादी क्वांथन श्रीनिवासन को शरण दी थी, जिस पर पांच लाख रुपये का पुरस्कार था। उग्रवादी को शरण देने के अतिरिक्त आरोपी दंपति ने श्रीनिवासन को महाराजगंज के करमहिया गांव में आश्रय देते हुए फर्जी नाम के साथ एक विद्यालय में काम दिलाया। एटीएस ने बोला कि जुलाई 2019 में उग्रवादी गतिविधियों में शामिल होने के इल्जाम में सात लोगों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की गई थी और इस मुद्दे को लेकर कुछ लोगों की गिरफ्तारियां भी की थीं। एफआईआर के मुताबिक इन सातों लोगों पर देशभर में उग्रवादी घटनाओं के षड़यंत्र में शामिल होने का इल्जाम था।
एटीएमस के बयान में बोला गया है कि उनके पास से बरामद किए गए इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के फोरेंसिक विश्लेषण से कृपाशंकर सिंह और उसकी पत्नी के प्रतिबंधित संगठन के साथ संबंध सामने आए हैं। एटीएस ने बोला कि कृपाशंकर सिंह रायपुर में एक एनजीओ में काम करने के दौरान बिंदा सोना के संपर्क में आया था। विवाह के बाद वे प्रतिबंधित संगठन में शामिल हो गए। जानकारी के अनुसार कृपाशंकर कुशीनगर का रहने वाला है और उसकी पत्नी छत्तीसगढ़ की रहने वाली है। रायपुर में दोनों की मुलाकात हुई और फिर दोनों ने विवाह कर ली। इसके बाद से दोनों उग्रवादी गतिविधियों में शामिल हो गए।