एक साल पांच माह बाद फिर सलाखों के पीछे पहुंचे आजम
भाजपा विधायक आकाश सक्सेना ने 2019 में गंज पुलिस स्टेशन में अब्दुल्ला आजम के दो जन्म प्रमाणपत्र होने के इल्जाम में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इल्जाम है कि अब्दुल्ला आजम का एक जन्म प्रमाणपत्र लखनऊ नगर निगम से बना है और दूसरा रामपुर नगरपालिका परिषद् से। इस मुकदमे में अब्दुल्ला के पिता समाजवादी पार्टी नेता आजम खां और उनकी मां पूर्व विधायक डाक्टर तजीन फात्मा को भी आरोपी बनाया गया था। विवेचना के बाद पुलिस ने इस मुद्दे में चार्जशीट दाखिल कर दी थी। तीनों इस मुकदमे में जमानत पर चल रहे थे।
मुकदमे की सुनवाई एमपी-एमएलए (मजिस्ट्रेट ट्रायल) शोभित बंसल की न्यायालय में हुई। बुधवार को सुनवाई के दौरान न्यायालय ने दोपहर के समय आजम खां, अब्दुल्ला और तजीन फात्मा को गुनेहगार करार दिया। इसके बाद तीनों को न्यायिक अभिरक्षा में ले लिया। दोपहर बाद न्यायालय ने सजा का घोषणा किया, जिसमें आजम खां, अब्दुल्ला आजम और डाक्टर तजीन फात्मा को सात-सात की कैद और 50 हजार रुपये का जुर्माना अदा करने की सजा सुनाई गई। सजा सुनाए जाने के बाद तीनों को कड़ी सुरक्षा के बीच रामपुर के जिला जेल में भेज दिया गया ।
सपा के वरिष्ठ नेता आजम खां, उनकी पत्नी डा।तजीन फात्मा और अब्दुल्ला आजम ने न्यायालय से कुर्की का वारंट जारी होने के बाद 26 फरवरी 2020 रामपुर की न्यायालय में सरेंडर कर दिया था। तीनों को रामपुर की कारावास भेज दिया था। एक दिन के बाद ही सुरक्षा कारणों से तीनों को सीतापुर की कारावास भेज दिया गया था।