उत्तर प्रदेश

आजम खां को लोकसभा चुनाव से पूर्व हुई सजा ने यूपी के सियासी पारे को गर्माया

समाजवादी पार्टी के दिग्गज नेता आजम खां को लोकसभा चुनाव से पूर्व हुई सजा ने उत्तर प्रदेश के राजनीतिक पारे को गर्मा दिया है समाजवादी पार्टी मुखिया अखिलेश यादव ने इसे आजम की धर्म के आधार पर प्रताड़ना करार दिया है, वहीं बीजेपी इसे ‘जैसे करनी वैसी भरनी’ करार दे रही है फिलहाल, यह मामला मिशन-2024 में बीजेपी की राजनीति को और धार दे और सपा इसे मुसलमान मतों को एकजुट करने के दांव के रूप में इस्तेमाल करे तो आश्चर्य नहीं

वैसे तो साल 2022 में भड़काऊ भाषण देने के मुद्दे में हुई सजा के बाद आजम खां और उम्र के गलत प्रमाणपत्र के कारण उनके बेटे अब्दुल्ला आज़म की विधानसभा सदस्यता जा चुकी है इस सजा के बाद तंजीम फातिमा से लेकर अब्दुल्ला आज़म और आजम खां चुनाव लड़ने से अभी और दूर होते नज़र आ रहे हैं वह राजनीतिक मैदान में उतर पाएंगे या नहीं, यह समय बताएगा लेकिन अखिलेश ने आजम खां के पक्ष में बयान देकर साफ कर दिया है कि लोकसभा चुनावों में मुसलमान वोटों पर कब्जा बनाए रखने के लिए समाजवादी पार्टी इसे राजनीतिक मामला बनाने से नहीं चूकेगी

अखिलेश यादव ने आजम के पक्ष में उन्हें धर्म के नाम पर प्रताड़ित किए जाने की बात कहकर मुस्लिमों को अपनी पार्टी के पक्ष में एकजुट रहने का संदेश देने की प्रयास की है ऐसे में जब आजम खां स्वयं बीजेपी पर इल्जाम लगा चुके हैं कि उन्हें खास वजह से प्रताड़ित किया जा रहा है यह राजनीतिक मामला बनना तय है, खासतौर पर रामपुर और आसपास के जिलों में

 

भाजपा बनाएगी करप्शन को मुद्दा
सपा द्वारा आज़म की प्रताड़ना का मामला उठाए जाने के उत्तर में बीजेपी भी लोकसभा चुनावों में इसे पुरजोर ढंग से उठाए तो हैरत नहीं दरअसल, बीजेपी नेता विभिन्न मंचों पर समाजवादी पार्टी के इस इल्जाम का उत्तर यह प्रश्न उछाल कर देते रहे हैं कि यदि प्रदेश में बीजेपी गवर्नमेंट न होती तो क्या आजम खां के अत्याचारों के कारनामों का खुलासा होता?

भाजपा प्रवक्ता आलोक अवस्थी कहते हैं, ‘यह योगी-मोदी गवर्नमेंट की शुचिता, सुशासन और करप्शन पर जीरो टालरेंस की गवर्नमेंट का नतीजा था कि आजम खां के एक के बाद एक काले कारनामें खुलते चले गए जौहर यूनिवर्सिटी के करप्शन से लेकर दलितों-गरीबों की जमीनें कब्जाने तक, उन्होंने किसी को नहीं छोड़ा समाजवादी पार्टी इसे धर्म से जुड़ी प्रताड़ना का मामला बनाने में सफल नहीं होगी उच्चतम न्यायालय से भी उन्हें कई मामलों में राहत नहीं मिली है जनता आजम खां की असलियत समझ चुकी है

आजम की मुसीबतों का अभी अंत नहीं
आजम खां को भले ही अभी तक तीन मामलों में सजा हुई है लेकिन आपराधिक मुकदमों में कार्रवाई का सिलसिला अभी थमता नज़र नहीं आ रहा है दरअसल, जौहर यूनिवर्सिटी को लेकर हुई इनकम टैक्स की कार्रवाई के बाद प्रवर्तन निदेशालय भी उनके विरुद्ध एक्टिव हो गई है अभी तक की जांच में करीब 100 करोड़ से अधिक के सरकारी धन के दुरुपयोग का खुलासा हो चुका है

वहीं जौहर यूनिवर्सिटी में लगाई गई करोड़ों की रकम का हिसाब फिलवक्त मिलता नज़र नहीं आ रहा ऐसे में आज़म पर अभी मनी लाण्ड्रिंग के साथ ही इनकम टैक्स का शिकंजा कसना तय बताया जा रहा है नतीजतन, उनकी मुसीबतें समाप्त होती नज़र नहीं आ रहीं

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