उत्तर प्रदेश के राज्य कर्मचारियों के वेतन को लेकर बड़ा अपडेट
DA Hike News : यूपी के राज्य कर्मचारियों के वेतन को लेकर बड़ा अपडेट सामने आया है। यूपी गवर्नमेंट 20 अक्टूबर के बाद कभी भी महंगाई भत्ता में वृद्धि का फायदा दे सकती है। राज्य गवर्नमेंट में पदस्थ एक सूत्र ने कहा कि केंद्र गवर्नमेंट द्वारा जैसे ही केंद्रीय कर्मचारियों को बढ़ा हुआ महंगाई भत्ता देने का घोषणा किया जाएगा उसके कुछ दिन के अंदर ही प्रदेश गवर्नमेंट महंगाई भत्ते की बढ़ी राशि का एरियर के साथ भुगतान करने का आदेश जारी कर सकती है। उत्तर प्रदेश का वित्त विभाग इसकी पूरी तैयारी कर चुका है। सूत्रों का दावा है कि दशहरा या दिवाली से पहले इसकी घोषणा हो सकती है।
27.35 लाख कर्मचारी, शिक्षक और पेंशनर को मिलेगा लाभ
उत्तर प्रदेश में करीब साढ़े 16 लाख राज्य कर्मचारी हैं। इसके साथ ही पेंशनरों की संख्या भी 11 लाख से अधिक है। वर्ष में दो बार (प्रत्येक छमाही) दिए जाने वाले इस भत्ते का प्रतीक्षा करीब 27.35 लाख कर्मचारी, शिक्षक और पेंशनर कर रहे हैं। राज्य कर्मचारियों के नेता आरके निगम ने प्रभात समाचार से वार्ता में बोला कि दशहरा तक यूपी गवर्नमेंट उत्तर महंगाई भत्ता में वृद्धि का फायदा दे सकती है। अक्सर यह इसी समय एरियर के साथ आता है।
बढ़ोत्तरी के बाद कर्मचारियों का डीए हो जाएगा 46 %
सरकार ने मई में राज्य कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए महंगाई भत्ते और महंगाई राहत में 4% बढ़ोतरी की घोषणा की थी। नीति में परिवर्तन कर इस वर्ष 1 जनवरी से लागू किया गया था। इसके साथ ही डीए 38% से बढ़कर 42% हो गया था। इसका फायदा 27.35 लाख कर्मचारी- पेंशनर को मिला था। सूत्रों की मानें तो डीए में चार प्रतिशत की बढ़ोत्तरी के साथ 46 प्रतिशत होने की आशा है।
क्या होता है महंगाई भत्ता
महंगाई भत्ता (Dearness Allowance, DA) एक प्रकार का भत्ता है जो सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को महंगाई के हिसाब से उनके वेतन या पेंशन में वृद्धि के रूप में दिया जाता है। यह उद्देश्य रखता है कि जब महंगाई बढ़ती है, तो उनकी आर्थिक स्थितियों को सुधारने के लिए उनके वेतन या पेंशन में वृद्धि की जाए। इसका उद्देश्य यह है कि लोग न सिर्फ़ आधारिक वेतन से जुड़े हों, बल्कि उनकी आय उनकी आर्थिक जरूरतों और महंगाई के साथ समायोजित हो। महंगाई भत्ता का मूल आधार एक विशेष तरह की जीवनन्यायिकता है जिसे “Cost of Living” बोला जाता है। इसका मूल उद्देश्य यह है कि आदमी उसकी पर्सनल आय के आधार पर अपने जीवनयापन की लागत को ठीक ढंग से संतुलित कर सके। सरकारें समय-समय पर महंगाई भत्ता में सुधार करती हैं ताकि वेतन और पेंशन तंत्र का इस्तेमाल व्यक्तियों के मुनासिब जीवन यापन की लागत को सहेजने में सहायता कर सके।
AICPI Index क्या होता है
AICPI इंडेक्स का पूरा नाम (All India Consumer Price Index) है। यह एक जरूरी आर्थिक सूचक है जो हिंदुस्तान में महसूस की जानेवाली महंगाई का माप करने के लिए प्रयुक्त होता है। यह इंडेक्स हिंदुस्तान गवर्नमेंट के कार्यक्षेत्री और वित्तीय सेवाओं के लिए महसूस की जानेवाली महंगाई से जुड़ा है और कंज़्यूमरों के खर्च को विभिन्न वस्त्र, खाद्य, निवारक और औषधि आदि की सहायता से मापता है। AICPI इंडेक्स की खासियत यह है कि यह वाणिज्यिक और गरीब वर्ग के कंज़्यूमरों के खर्चों को महसूस करता है और उनके आधार पर महंगाई की मात्रा को निर्धारित करता है। इन इंडेक्सेस के आधार पर हिंदुस्तान गवर्नमेंट विभिन्न वेतनमानों, भत्तों और पेंशनों को समीक्षा और अनुकूलित करती है। यह इंडेक्स भारतीय अर्थव्यवस्था में महंगाई की परिस्थितियों को समझने के लिए जरूरी है और सामाजिक और आर्थिक योजनाओं की योजना बनाने में भी सहायता करता है।
- गर्मी ऋतु के लिए AICPI (IW): जो अप्रैल से सितम्बर तक की महसूस की जानेवाली महंगाई को मापता है।
- सर्दी ऋतु के लिए AICPI (IW): जो अक्टूबर से मार्च तक की महसूस की जानेवाली महंगाई को मापता है।
AICPI Index से महंगाई भत्ता कैसे मिलता है
AICPI इंडेक्स से महंगाई भत्ता मिलता है। हिंदुस्तान गवर्नमेंट के कर्मचारियों को उनके वेतन में महंगाई के मुताबिक सुधार करने के लिए इस्तेमाल होता है। यह एक प्रकार का भत्ता है जो कर्मचारियों को उनके वेतन के विशिष्ट हिस्से रूप में मिलता है। इस विधि से, महंगाई भत्ता एक तरह की वेतन वृद्धि के रूप में कर्मचारियों को दिया जाता है ताकि वे वेतन के साथ साथ महंगाई की वृद्धि से भी सामंजस्यप्त न हों।
कुछ मुख्य चरण हैं जिन्हें पारित किया जाता है:
- इंडेक्स की तैयारी: AICPI इंडेक्स तैयार किया जाता है, जो विभिन्न वस्त्र, खाद्य, निवारक, औषधि, और अन्य उपयोगित वस्तुओं और सेवाओं के महसूस खर्चों को मापता है। यह खर्च विभिन्न जनसंख्या वर्गों के लोगों के द्वारा किये जाते हैं।
- महंगाई भत्ता की गणना: भत्ता की गणना AICPI इंडेक्स के आधार पर की जाती है। यदि इंडेक्स बढ़ता है, तो महंगाई भत्ता बढ़ता है और यदि इंडेक्स कम होता है, तो भत्ता भी कम होता है।
- सरकारी निर्णय: गवर्नमेंट द्वारा निर्धारित नीतियों और उपायों के आधार पर, महंगाई भत्ते का निर्धारण किया जाता है।
- वेतन में शामिल करना: महंगाई भत्ता वेतन में शामिल किया जाता है और इसे कर्मचारियों को उनके वेतन के अतिरिक्त अधिशेष राशि के रूप में दिया जाता है।