CAA पर यूपी के मंत्री दानिश आजाद अंसारी बोले…
भदोही। यूपी गवर्नमेंट के अल्पसंख्यक कल्याण, हज एवं वक्फ राज्य मंत्री दानिश आजाद अंसारी ने केंद्र द्वारा नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (सीएए) के नियमों को अधिसूचित किये जाने के एक दिन बाद मंगलवार को बोला कि इसको लेकर शक नहीं होना चाहिए क्योंकि ये नागरिकता देने वाला कानून है किसी की नागरिकता छीनने वाला नहीं।
भदोही जिले के प्रभारी मंत्री दानिश आजाद अंसारी ने यहां जिलाधिकारी कार्यालय में विकास कार्यों की समीक्षा बैठक के बाद संवाददाताओं से बोला कि केंद्र की ओर से सोमवार को लागू किया गया सीएए हर तबके, यहां तक कि मुसलमान समाज ने भी दिल खोल कर स्वागत किया है। केंद्र गवर्नमेंट ने लोकसभा चुनाव से ठीक पहले सोमवार को विवादास्पद नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (सीएए)-2019 को लागू करने का घोषणा कर दिया ताकि पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर, 2014 से पहले हिंदुस्तान आने वाले गैर-मुस्लिम प्रवासियों को नागरिकता प्रदान की जा सके।
मुसलमान की नागरिकता छीनने का कोई खतरा नहीं
सीएए के नियम जारी हो जाने के साथ ही अब पीएम नरेन्द्र मोदी की गवर्नमेंट इन तीन राष्ट्रों के प्रताड़ित गैर-मुस्लिम प्रवासियों (हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई) को भारतीय नागरिकता देना प्रारम्भ कर देगी। अंसारी ने कहा, ‘देश में सीएए कानून लागू करने में मोदी की गारंटी है कि इससे राष्ट्र में एक भी मुस्लिम की नागरिकता छीनने का कोई खतरा नहीं और न ही कोई शक होना चाहिए।’ राज्य गवर्नमेंट के मंत्री ने कहा, ‘आज मुसलमान समाज ये जानता है कि उसके लिए महत्वपूर्ण मामले शिक्षा और रोजगार हैं, इसलिए वह बहकने वाला नहीं।’
सीएए के नियम जारी, इससे गैर-मुस्लिम प्रवासियों को मिलेगी नागरिकता
नागरिकता (संशोधन) अधिनियम 2019 यानी सीएए (CAA) को लागू करने से जुड़े नियमों को सोमवार को अधिसूचित कर दिया गया। सीएए पाक (Pakistan), बांग्लादेश (Bangladesh) और अफगानिस्तान (Afghanistan) से आए बिना डॉक्यूमेंट्स वाले गैर-मुस्लिम प्रवासियों को नागरिकता देने के लिए है। सीएए के नियम जारी हो जाने के बाद अब मोदी गवर्नमेंट 31 दिसंबर, 2014 तक हिंदुस्तान आए बांग्लादेश, पाक और अफगानिस्तान के प्रताड़ित गैर-मुस्लिम प्रवासियों (हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई) को भारतीय नागरिकता देना प्रारम्भ कर देगी। नागरिकता (संशोधन) कानून को केंद्र गवर्नमेंट ने साल 2019 में संसद में पास किया था। इस बिल का उद्देश्य पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आये 6 समुदायों (हिंदू, ईसाई, सिख, जैन, बौद्ध तथा पारसी) के शरणार्थियों को हिंदुस्तान की नागरिकता देना है।