कर्मचारियों की लापरवाही से पोस्टमार्टम हाउस पर बदले दो महिलाओं के शव, परायों ने किया दाह संस्कार
Dead bodies changed in post mortem: पोस्टमार्टम हाउस पर कर्मचारियों की ढिलाई से दो स्त्रियों के मृतशरीर बदल गये। उन्नाव की संध्या प्रजापति का मृतशरीर कर्मचारियों ने मड़ियांव की संध्या त्रिवेदी के घर वालों को दे दिया। संध्या त्रिवेदी के घर वालों ने उसका आखिरी संस्कार भी बुधवार को कर दिया। वहीं संध्या प्रजापति के परिवारीजनों को जब दोपहर तक मृतशरीर नहीं मिला तो उन्होंने पोस्टमार्टम हाउस के कर्मचारियों से पूछताछ की। तब खुलासा हुआ कि संध्या प्रजापति का मृतशरीर दूसरे परिवार को दे दिया गया। इस पर बवाल होने लगा तो चौक पुलिस पहुंची। पता चला कि संध्या प्रजापति का मृतशरीर मड़ियांव में एक परिवार ले गया और उसने आखिरी संस्कार भी कर दिया है।
पूरा नाम पुकारते तो न होती गलती
वहीं जब संध्या त्रिवेदी के घर वालों को पता चला कि उन्होंने किसी दूसरी महिला के मृतशरीर का आखिरी संस्कार कर दिया है तो वह लोग भी पोस्टमार्टम हाउस पहुंच गये। यहां उन्होंने मृतशरीर को देखा तो उसकी पहचान संध्या त्रिवेदी के रूप में की। यहां वार्ता में सामने आया कि पोस्टमार्टम हाउस के कर्मचारियों ने केवल संध्या नाम पुकारा था। सरनेम न बोलने की वजह से यह गलती हो गई।
दोनों की मृत्यु जहर खाने से हुई थी
मड़ियांव के त्रिलोक विहार कॉलोनी निवास संध्या त्रिवेदी (27) और उन्नाव के हसनगंज निवासी संध्या प्रजापति (26) के मृतशरीर का पोस्टमार्टम बुधवार को होना था। दोपहर 130 बजे संध्या त्रिवेदी का भाई सुमित पेास्टमार्टम के बाद मृतशरीर ले जाकर गुलाला घाट पर आखिरी संस्कार कर दिया। दोपहर दो बजे संध्या प्रजापति के पति विपिन ने मृतशरीर मिलने में देरी होने पर पूछा तो पता चला कि संध्या का मृतशरीर तो परिवार वाले ले जा चुके हैं। उन्होंने बोला कि अभी तक तो संध्या प्रजापति का मृतशरीर नहीं मिला है। इसके बाद ही बवाल प्रारम्भ हुआ। एडीसीपी पश्चिमी विश्वजीत श्रीवास्तव ने कहा कि संध्या त्रिवेदी के परिवार वालों ने गलती से संध्या प्रजापति का आखिरी संस्कार कर दिया था। इस बारे में पता चलने पर संध्या त्रिवेदी के परिवारीजन फिर से पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे और बेटी का मृतशरीर ले जाकर उसका भी आखिरी संस्कार कर दिया। इन लोगों ने संध्या प्रजापति की अस्थियां उनके परिवारीजनों को सौंप दी। प्रजापति परिवार शाम को उन्नाव चला गया।
केजीएमयू का तर्क
केजीएमयू के प्रवक्ता डाक्टर सुधीर सिंह ने बोला कि मृतशरीर परीक्षण के लिए पार्थिव शरीर पुलिस लाती है। केजीएमयू में मृतशरीर परीक्षण कर पार्थिव शरीर को पुलिस को सौंप दिया जाता है। उसके बाद समस्त कागजी कार्रवाई पुलिस और तीमारदारों के मध्य होती है। केजीएमयू की इसमें कोई किरदार नहीं होती है।
चार घंटे पोस्टमार्टम हाउस पर चला हंगामा
हंगामे की सूचना पर एडीसीपी पश्चिमी विश्वजीत श्रीवास्तव, एसीपी चौक राजकुमार सिंह और इंस्पेक्टर चौक नागेश उपाध्याय मौके पर पहुंच गए। पुलिस कर्मियो ने संध्या प्रजापति के परिवार वालों को शांत कराने का कोशिश किया पर वह दोषियों पर कार्रवाई की मांग पर अड़े थे। संध्या प्रजापति के पति विपिन कुमार ने केजीएमयू के कर्मचारियों के विरुद्ध तहरीर दी। करीब चार घंटे तक बवाल चलता रहा था।