Effect of Heatwave: पूर्वांचल में प्रचंड गर्मी, 42 डिग्री सेल्सियस के पार हुआ तापमान
Extreme heat in eastern UP: पूर्वी उत्तर प्रदेश में प्रचंड गर्मी पड़ रही है. दिन में तापमान 42 डिग्री सेल्सियस के पार चला गया है. तापमान में इस उछाल का असर दिमाग पर भी पड़ रहा है. प्रचंड गर्मी में धूप में काम कर रहे लोगों के दिमाग का पानी सूख जा रहा है. इसे वाटर शेड इंफाक्ट कहते हैं. इसके रोगी उपचार के लिए बीआरडी मेडिकल कालेज पहुंच रहे हैं.
मेडिकल कॉलेज की ओपीडी में ऐसे रोगी हीट स्ट्रोक की परेशानी लेकर पहुंच रहे हैं. इन रोगियों को जबरदस्त डिहाईड्रेशन की परेशानी रह रही है. इसके अतिरिक्त उनमें इलेक्ट्रोलाइट का संतुलन बिगड़ा मिल रहा है. रोगियों को चक्कर आ रहे हैं. उनके आंखों के आगे अंधेरा छा जाता है. शरीर की ताकत छीन जाती है.
सोडियम और पोटेशियम हो जाता कम
बीआरडी मेडिकल कालेज के न्यूरो सर्जन डाक्टर त्रिपुरारी पाण्डेय ने कहा कि शरीर में तेजी से पसीना निकलने से इलेक्ट्रोलाइट का संतुलन बिगड़ जाता है. जिससे शरीर में सोडियम और पोटेशियम कम होते जाता है. इससे खून की बारीक धमनियों में सूजन आ जाती है. इसी वजह से धमनियों से खून की आपूर्ति रुक जाती है. जिस हिस्से में आपूर्ति रूकती है. वहां पर दिमाग को स्थाई क्षति हो जाती है. उपचार से इसका असर कम होता है. लेकिन पूरी तरह समाप्त नहीं होता है.
खून की संकरी धमनियां हो जाती हैं चोक
न्यूरोलॉजिस्ट डॉ सुमित कुमार ने कहा कि वाटरशेड इंफाक्ट में दिमाग की बारीक धमनियों में खून की आपूर्ति रुक जाती है. इसकी वजह धमनियों में सूजन और क्लॉटिंग होती है. दरअसल तापमान जब 40 डिग्री सेल्सियस से अधिक होता है. उस दौरान धूप में लंबे समय तक खड़े रहने या काम करने से यह परेशानी होती है. तेज धूप में देर तक खड़े होने के कारण शरीर में रक्त प्रवाह तेज हो जाता है. शरीर के अंदर इन्फ्लेमेशन बढ़ जाता है. खूब पसीना निकलता है.
एम्बुलेंस में भी रहेगा आइस पैक और ओआरएस पैकेट
पूर्वी उत्तर प्रदेश पारा चढ़ने के साथ हीट वेव के मुद्दे बढ़ रहे हैं. इसको देखते हुए शासन ने 108 एम्बुलेंस सर्विस में हीट स्ट्रोक से बचाव के व्यवस्था रखने के निर्देश दिए. इसको लेकर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के मिशन निदेशक ने बकायदे पत्र जारी किया है. पत्र में साफ कर दिया गया है कि अब एम्बुलेंस में भी हीट वेव से बचाव के प्राथमिक व्यवस्था रहेंगे. मिशन निदेशक ने एम्बुलेंस सेवा 108 का संचालन करने वाली ईएमआरआई ग्रीन हेल्थ सर्विसेज के उपाध्यक्ष को इसको लेकर पत्र लिखा है.
उन्होंने बोला है कि एम्बुलेंस में उपस्थित चालक और ईएमटी को हीट वेव से बचाव का प्रशिक्षण जरूर होना चाहिए. इसके अतिरिक्त एम्बुलेंस में एक आइस बॉक्स जरूरी तौर पर उपस्थित हो. एम्बुलेंस में सामान्य थर्मामीटर के साथ ही रेक्टल थर्मामीटर, इमरजेंसी चिकित्सा उपकरण, दवाएं आइस पैक और बॉडी बैग होना चाहिए. इसके अतिरिक्त आईवी फ्लूड, ग्लूकोमीटर और ओआरएस भी एम्बुलेंस में जरूर रखा जाए.
अभी कुछ दिन गर्मी से राहत के आसार नहीं
पूर्वी उत्तर प्रदेश में प्रचंड गर्मी पड़ रही है. दिन और रात का तापमान सामान्य से चार डिग्री सेल्सियस अधिक बना हुआ है. मंगलवार को भी मौसम बहुत गर्म रहा. सुबह से ही तेज रफ्तार से पछुआ चली. मंगलवार को पछुआ हवा की अधिकतम रफ्तार 41 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंच गई थी. दिन चढ़ने के साथ सूरज के तेवर तल्ख हुए.
मंगलवार को अधिकतम तापमान 40.5 डिग्री सेल्सियस रहा. यह सामान्य से चार डिग्री सेल्सियस अधिक है. मंगलवार को रात का न्यूनतम तापमान 26.6 डिग्री सेल्सियस रहा. जो सामान्य से 4.2 डिग्री सेल्सियस अधिक है. मौसम विभाग के अनुसार बुधवार को गर्मी के साथ तेज हवाएं भी चलेंगी. अभी कुछ दिन गर्मी से राहत की आशा नहीं है.