Gaziabad चुनावी रण में निर्दलीय प्रत्याशी आजमा रहे अपनी किस्मत
उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क जिले के मतदाताओं ने निर्दलीय प्रत्याशियों पर भरोसा नहीं जताया है। यही कारण है कि साल 1967 के चुनाव को छोड़कर इस सीट पर अब तक विभिन्न दलों के प्रत्याशियों ने ही जीत दर्ज की है। साल 1967 के चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी प्रकाशवीर शास्त्रत्त्ी संसद पहुंचे थे। उन्होंने कांग्रेस पार्टी की कमला चौधरी को हराया था। उसके बाद ज्यादातर निर्दलीय जमानत भी नहीं बचा पाए।
इस बार प्रत्याशी चुनावी रण में हैं। इनमें से निर्दलीय प्रत्याशी भी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। प्रत्याशियों को प्रचार तेजी से चल रहा है। हर कोई विकास का मामला लेकर लोगों बीच जा रहा है, लेकिन गाजियाबाद सीट की खास बात यह है कि निर्दलीय प्रत्याशी पर मतदाता भरोसा नहीं जताते। कई निर्दलीय अपनी जमानत नहीं बचा पाए थे।
वर्ष 1951 ( उस समय मेरठ दक्षिण सीट थी ) से साल 19 के चुनाव तक सिर्फ़ एक निर्दलीय प्रत्याशी ने जीत दर्ज की है। अन्य चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी ने हार का मुंह देखना पड़ा है। साल 1967 (हापुड़ सीट) में प्रकाशवीर शास्त्रत्त्ी चुनाव मैदान में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में उतरे थे। उनके सामने कांग्रेस पार्टी की कमला चौधरी थी। रिपब्लिकन पार्टी से बीपी मौर्य चुनावी मैदान थे।
कमला चौधरी उस समय सांसद थीं। बीपी मौर्य का भी बड़ा नाम था। इसके बावजूद प्रकाशवीर शास्त्रत्त्ी ने जीत दर्ज की। लोगों ने प्रकाशवीर शास्त्रत्त्ी को भारी मतों से जिताया था। वह अमरोहा जिले के रेहरा गांव के रहने वाले थे। उन्होंने गाजियाबाद आकर यह चुनाव लड़ा था। तब जनता ने उन पर भरोसा जताया था।
1971 में बीपी मौर्य सांसद बने
वर्ष 1951 और 1957 के चुनाव में कृष्णचंद शर्मा सांसद बने। साल 1962 के चुनाव में कमला चौधरी ने लोकसभा चुनाव जीता था। साल 1967 के चुनाव में प्रकाशवीर शास्त्रत्त्ी सांसद बने थे। वर्ष 1971 के चुनाव में बीपी मौर्य लोकसभा चुनाव जीते थे। साल 1977 के चुनाव में कुंवर महमूद अली ने चुनाव जीता था। साल 1980 में अनवर और साल 1984 का चुनाव केदारनाथ ने जीता था।
1989 में केसी त्यागी विजयी
वर्ष 1989 में हुए लोकसभा चुनाव में केसी त्यागी ने जीत दर्ज की थी। 1991 के चुनाव में बीजेपी के डा। रमेशचंद तोमर ने जीत दर्ज की। वह लगातार वर्ष 1999 तक चार बार जीते। साल 04 के चुनाव में कांग्रेस पार्टी के सुरेंद्र प्रकाश गोयल ने जीत दर्ज की। साल 09 में राजनाथ सिंह जीते थे। इसके बाद लगातार दो योजना में वर्ष और साल 19 में बीजेपी के वीके सिंह जीते।