कचरा फैलाने की प्रवृत्ति पर रोक लगाने के लिए गोरखपुर नगर निगम ने बनाया ये नया नियम
डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन, हर वार्ड की चकाचक सफाई और स्वच्छता के दावों के बीच गोरखपुर नगर निगम का नया नियम चर्चा में है। दरअसल, नगर निगम सफाई को लेकर बड़े-बड़े दावे करता है, लेकिन कूड़ा फेंकने को लेकर वार्डों में नया चैलेंज खड़ा हो गया है। लोग खाली प्लॉट पर कचरा फेंक गंदगी फैला रहे हैं। इससे जगह-जगह डंपिंग-जोन जैसे दृश्य सामने आने लगे हैं। कचरा फैलाने की इसी प्रवृत्ति पर रोक लगाने के लिए गोरखपुर नगर निगम ने नया नियम बनाया है। निगम ने बोला है कि जहां भी खाली प्लॉट है, उसके मालिक चहारदिवारी करा लें। खाली स्थान के चारों तरफ दीवार नहीं दिखा, तो नगर निगम जमीन मालिक पर जुर्माना लगाएगा।
नगर निगम शहर को साफ सुथरा रखने के लिए अभियान चला रहा है। इसके अनुसार खाली पड़े प्लॉटों पर कूड़ा फेंकने पर रोक लगाई जा रही है। जमीन मालिकों से बोला गया है कि वे खाली पड़े प्लॉट पर बाउंड्री वॉल बनवा दें। इन जगहों की चहारदिवारी न करने पर वेस्ट मैनेजमेंट एक्ट 2016 के अंतर्गत, प्लॉट के मालिक से 50 हजार का जुर्माना वसूला जा सकता है। निगम के ऑफिसरों का बोलना है कि शहर को तो साफ सुथरा रखा जा रहा है, लेकिन खाली पड़े प्लॉट पर गंदगी फेंकने से वातावरण प्रदूषित हो रहा है। वार्ड में संक्रामक रोग फैलने की संभावना बढ़ जाती है। इसे रोकने के लिए नगर निगम ने 94 प्लॉटों की साफ-सफाई कराई है। वहीं 10 लोगों को नोटिस भी दिया गया है। इसके अतिरिक्त कई स्थान पर नोटिस चस्पा किए जा रहे हैं।
क्या कह रहे अधिकारी
उप नगर आयुक्त मणि भूषण तिवारी ने लोकल18 से वार्ता में बोला कि खाली पड़े प्लॉट में कचरा फेंकने से न केवल गंदगी फैलती है, बल्कि इससे आम लोगों के स्वास्थ्य को भी खतरा है। इसलिए खाली पड़े प्लॉटों पर नोटिस चस्पा किया जा रहा है। जमीन मालिकों से प्लॉट की चहारदिवारी कराने के लिए बोला जा रहा है। यदि ऐसा नहीं किया जाता है तो सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट एक्ट 2016 के नियम के अनुसार 50 हजार रुपए का जुर्माना लगाया जा सकता है। तिवारी ने बोला कि यह सफाई अभियान इसलिए चलाया जा रहा है, ताकि खाली पड़े प्लॉटों में गंदगी ना फेंकी जाए और शहर साफ-सुथरा रहे।