पूजा-पाठ के खिलाफ मस्जिद समिति की याचिका पर सुनवाई
सुप्रीम न्यायालय अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी की ओर से दाखिल याचिका पर सोमवार को सुनवाई करेगा. याचिका इलाहाबाद उच्च न्यायालय के उस निर्णय के विरुद्ध दाखिल की गई है, जिसमें वाराणसी न्यायालय के उस निर्णय को बरकरार रखा गया है, जिसमें हिंदू पक्ष को ज्ञानवापी मस्जिद के दक्षिणी तहखाने में पूजा करने की इजाजत दी गई थी.
शीर्ष न्यायालय की वेबसाइट पर प्रकाशित वाद सूची के अनुसार, सीजेआई डी।वाई। चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ 1 अप्रैल को ज्ञानवापी मस्जिद का प्रबंधन करने वाली अंजुमन इंतजामिया मस्जिद समिति द्वारा दाखिल विशेष अनुमति याचिका पर सुनवाई करेंगे.
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने 26 फरवरी को ज्ञानवापी मस्जिद के दक्षिणी तहखाने में पूजा-पाठ की अनुमति देने वाले जिला न्यायालय के आदेश के विरुद्ध मुसलमान पक्ष द्वारा दाखिल याचिका को खारिज कर दिया था.
ज्ञानवापी परिसर के धार्मिक चरित्र पर परस्पर विरोधी दावों से जुड़े सिविल न्यायालय में चल रहे एक मुद्दे के बीच इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल की पीठ ने यह निर्णय दिया था.
हिंदू पक्ष ने बोला है कि 1993 तक सोमनाथ व्यास का परिवार मस्जिद के तहखाने में पूजा-पाठ करता था, मगर मुलायम सिंह यादव के नेतृत्व वाली तत्कालीन गवर्नमेंट ने कथित तौर पर इस पर रोक लगा दी थी.
मुस्लिम पक्ष ने इस दावे का विरोध किया है और बोला है कि मस्जिद की इमारत पर हमेशा से मुसलमानों का कब्जा रहा है.
ज्ञानवापी परिसर पर मुख्य टकराव में हिंदू पक्ष का यह दावा शामिल है कि उस जमीन पर एक प्राचीन मंदिर था, जिसका एक हिस्सा 17वीं शताब्दी में मुगल सम्राट औरंगजेब के शासन के दौरान नष्ट कर दिया गया था.
मुस्लिम पक्ष का बोलना है कि मस्जिद औरंगजेब के शासनकाल से पहले की है और समय के साथ इसमें कई परिवर्तन हुए हैं.
वाराणसी जिला न्यायालय ने 31 जनवरी के अपने आदेश में पुजारियों को ज्ञानवापी के दक्षिणी तहखाने में मूर्तियों की पूजा करने की अनुमति दी थी. इसके बाद 1 फरवरी की आधी रात को मस्जिद परिसर में धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. बाद में दक्षिणी तहख़ाना भक्तों के लिए खोल दिया गया.
वाराणसी जिला न्यायाधीश ने जिला प्रशासन को मौजूदा ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के अंदर सीलबंद तहखानों (‘व्यास जी का तहखाना’) में से एक के अंदर पूजा अनुष्ठान के लिए 7 दिनों के भीतर मुनासिब प्रबंध करने का निर्देश दिया था.
13 फरवरी को यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी ज्ञानवापी परिसर का दौरा किया था और ‘व्यास जी के तहखाने’ में पूजा की थी.