बरेली में एक शिक्षामित्र ने लाइसेंसी बंदूक से गोली मारकर की खुदकुशी
Shikshamitra committed suicide: बरेली के फरीदपुर में डिप्रेशन में चल रहे शिक्षामित्र ने लाइसेंसी बंदूक से गोली मारकर आत्महत्या कर ली। परिजनों का इल्जाम है कि उन्होंने पड़ोसी से चल रहे टकराव के तनाव में आत्महत्या की है। घटना में प्रयुक्त बंदूक बरामद कर पुलिस ने मृतशरीर को पोस्टमार्टम के लिए भेजा है। फरीदपुर के कैरुआ निवासी बहोरन लाल (45) गांव के प्राइमरी विद्यालय में शिक्षामित्र थे। परिजन ने कहा कि समायोजन के दौरान उन्हें इनोनिया मोहनपुर गांव के प्राइमरी विद्यालय में कार्यवाहक प्रधानाध्यापक नियुक्त किया गया था लेकिन साल 2017 में अन्य शिक्षामित्रों के साथ उन्हें भी मूल पद पर भेज दिया गया था। इसके बाद से वह डिप्रेशन में चल रहे थे।
सोमवार को विद्यालय की छुट्टी होने के कारण वह खेत पर चले गए। दोपहर दो बजे घर लौटे और कमरे में जाकर लाइसेंसी बंदूक से अपने पेट में गोली मार ली। परिजन उन्हें कुआंडांडा सीएचसी ले गए, जहां से जिला हॉस्पिटल ले जाते समय रास्ते में उनकी मृत्यु हो गई। सूचना पर एसपी देहात मुकेश चंद्र मिश्र, सीओ गौरव यादव और इंस्पेक्टर पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंचे और लाइसेंसी बंदूक बरामद कर ली। शिक्षामित्र के बेटे आकाश ने इल्जाम लगाया कि पेड़ काटने के टकराव में पड़ोसी ने पुलिस से कम्पलेन कर सोमवार को उन्हें कारावास भिजवाने की धमकी दी थी। इससे डरकर उन्होंने आत्महत्या की है। हालांकि पुलिस इससे इनकार कर रही है।
तनाव में थे, बच्चों से नहीं करते थे बात
पुलिस का बोलना है कि शिक्षामित्र बहोरन लाल का तनाव काफी बढ़ा हुआ था, जिसके कारण वह घर में बच्चों से भी बात नहीं करते थे। वहीं, बेटे का इल्जाम है कि पड़ोसी द्वारा पुलिस में कम्पलेन के बाद वह तनाव में आ गए और आत्महत्या कर ली।
बहोरन लाल के बेटे आकाश ने कहा कि मूल पद पर वापस होने के बाद से ही उसके पिता डिप्रेशन में थे। छह दिन पहले उन्होंने खेत की मेड़ पर लगे अपने पेड़ बेचे थे। तब पड़ोसी ने अपना पेड़ बेचने का इल्जाम लगाकर उनके विरुद्ध पुलिस स्टेशन में तहरीर दी। इसको लेकर दोनों में झगड़ा हुआ लेकिन गांव वालों ने समझौता करा दिया। मगर पड़ोसी उनकी पुलिस से लगातार कम्पलेन कर रहा था। सोमवार को आरोपी उन्हें खेत में मिल गया और कारावास भिजवाने की धमकी दी। इससे वह डर गए और घर आकर आत्महत्या कर ली। वहीं, पुलिस का बोलना है कि बहोरन लाल के तीन बेटी और तीन बेटे हैं। उनके बच्चों ने कहा कि अध्यापक के पद की जॉब से शिक्षामित्र बनाए जाने के बाद से ही वह अपने बच्चों से भी बात नहीं करते थे। कई बार परिवार के लोगों ने समझाने की प्रयास की। उनका उपचार भी कराया गया, लेकिन वह डिप्रेशन से नहीं उबर सके। इंस्पेक्टर रामसेवक ने कहा कि शिक्षामित्र के पद पर वापसी के बाद से ही तनाव में होने के कारण उन्होंने आत्महत्या की है। परिवार वालों के अन्य आरोपों की जांच की जा रही है।
क्या बोली पुलिस
फरीदपुर के एसपी देहात मुकेश चंद्र मिश्र ने कहा कि शिक्षामित्र के बेटे ने पुलिस स्टेशन में लिखित सूचना दी कि उनके पिता ने घर में ही लाइसेंसी बंदूक से गोली मारकर आत्महत्या कर ली है। मृतशरीर का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है। घटना के कारणों की जांच कर कार्रवाई कराई जाएगी।