उत्तर प्रदेश

लोकसभा चुनाव 2024: VVIP क्षेत्र काशी की सीटों पर रहेगी देश की निगाहें

राष्ट्र की निगाहें इस बार फिर से वीवीआईपी नेताओं के चुनाव मैदान में होने से काशी क्षेत्र की 13 लोकसभा सीटों पर रहेंगी. इस क्षेत्र की वाराणसी सीट से पीएम मोदी के फिर से मैदान में होने की घोषणा के साथ ही राष्ट्र के साथ ही समूची दुनिया यहां की गतिविधियों पर नजर रखेगी. वाराणसी के साथ ही प्रयागराज, मिर्जापुर, सुल्तानपुर, जौनपुर, गाजीपुर जैसी सीटों का चुनाव सुर्खियों में रहने के आसार हैं.

मोदी के अतिरिक्त केंद्रीय मंत्री डा महेंद्र नाथ पांडेय और स्मृति ईरानी, केंद्रीय राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल, महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री कृपाशंकर सिंह आदि नेता भी इस क्षेत्र से चुनाव मैदान में नजर आएंगे. वरुण गांधी और मेनका गांधी भी चुनाव मैदान में होंगे. ये दोनों किस दल से प्रत्याशी होंगे, इसमें संशय है. सुल्तानपुर सीट से मां अथवा बेटे में से किसी एक का प्रत्याशी होने की चर्चा है.

आजादी के बाद से ही काशी और प्रयागराज क्षेत्र की पवित्र भूमि राष्ट्रीय राजनीति के बड़े नेताओं की पहली पसंद रही है. यह वह भूमि है, जहां से राष्ट्र के पहले पीएम पं जवाहर लाल नेहरू के साथ ही अब मौजूदा पीएम मोदी सांसद चुने गए. इसी क्षेत्र से पूर्व पीएम लाल बहादुर शास्त्री, वीपी सिंह भी सांसद चुने गए थे. कुल मिलाकर पूर्व में इस क्षेत्र से सांसद चुने गए तीन नेता पीएम पद को सुशोभित कर चुके हैं, अब नरेंद्र मोदी इस पद पर विराजमान हैं.

फूलपुर से जुड़ा है नेहरू, लोहिया, वीपी सिंह और कांशीराम का नाम  
प्रयागराज जिले की फूलपुर संसदीय सीट से पं जवाहर लाल नेहरू 1952, 1957 और 1962 में जीत दर्ज की थी. महान समाजवादी नेता राम मनोहर लोहिया इसी सीट से 1962 में चुनाव लड़े थे, लेकिन हार गए. बाद में पं नेहरू ने उन्हें राज्यसभा भेजने का काम किया था. 1967 में विजय लक्ष्मी यहां से चुनाव जीती थीं. साल 1969 में उपचुनाव में समाजवादी नेता जनेश्वर मिश्र यहां से सांसद बने. 1971 में विश्वनाथ प्रताप सिंह यहां से सांसद चुने गए, इस चुनाव में बीएसपी संस्थापक कांशीराम भी चुनाव मैदान में थे और हार गए थे. 1996 में भी कांशीराम यहां से लड़े लेकिन उन्हें फिर से हार झेलनी पड़ी थी. इसी प्रतिष्ठापरक वीआईपी सीट से हाल ही में पुलिस अभिरक्षा में लुटेरों द्वारा गोलियों से छलनी किया गया बाहुबली अतीक अहमद भी 2004 और 2009 में सांसद चुना गया था.

इलाहाबाद से सांसद चुने गए थे शास्त्री, वीपी सिंह और अमिताभ
वीवीआईपी सीट फूलपुर के जिला मुख्यालय प्रयागराज (इलाहाबाद) संसदीय क्षेत्र भी कम वीआईपी नहीं रही है. इस संसदीय क्षेत्र से 1957 और 1962 में पूर्व पीएम लाल बहादुर शास्त्री सांसद चुने गए थे. इनके अतिरिक्त 1971 में हेमवती नंदन बहुगुणा, 1977 में 1989 में जनेश्वर मिश्र, 1980 और 1988 में वीपी सिंह तथा 1984 में महानायक अमिताभ बच्चन भी यहां के सांसद बने. वरिष्ठ बीजेपी नेता मुरली मनोहर जोशी 1996, 1998 और 1999 में यहां से सांसद चुने गए थे.

नरेंद्र मोदी से वाराणसी का नाम भी पीएम देने वालों में
महादेव की धरती काशी यानी वाराणसी संसदीय क्षेत्र भी प्रारम्भ से सियासी चर्चाओं का केंद्र रहा है. इस संसदीय क्षेत्र के सांसद नरेंद्र मोदी पिछले एक दशक से राष्ट्र के पीएम हैं. 2014 और 2019 में नरेंद्र मोदी बड़े अंतर से यहां चुनाव जीते थे. इससे पूर्व इस संसदीय क्षेत्र से 1980 में पूर्व केंद्रीय मंत्री कमलापति त्रिपाठी तथा 2009 में पूर्व केंद्रीय मंत्री मुरली मनोहर जोशी सासंद चुने गए थे.

मिर्जापुर से दस्यु सुंदरी फूलन देवी दो बार बनीं थी सांसद
सुल्तानपुर संसदीय क्षेत्र से गांधी परिवार से 2014 में वरुण गांधी ने बीजेपी प्रत्याशी के रूप में जीत दर्ज की थी. इसके बाद 2019 में बीजेपी से ही उनकी मां मेनका गांधी सांसद चुनी गईं. मिर्जापुर संसदीय क्षेत्र पहली बार 1996 में तब चर्चा में आया था, जब समाजवादी पार्टी ने इस सीट से दस्यु सुंदरी फूलन देवी को प्रत्याशी बनाया. फूलन देवी ने इस चुनाव में जीत दर्ज की थी. 1999 में भी फूलन यहां से सांसद चुनी गई थीं. इसके बाद 2014 और 2019 में अद (एस) की प्रत्याशी अनुप्रिया पटेल यहां से चुनाव जीतीं. अनुप्रिया इस समय केंद्र गवर्नमेंट में राज्यमंत्री हैं. इस बार फिर से उनका इसी सीट से चुनाव लड़ना तय बताया जा रहा है.

2019 में इस वीआईपी क्षेत्र की दो सीटें हार गई थी भाजपा
काशी क्षेत्र की 13 लोकसभा सीटों में से 11 सीटों पर 2019 में बीजेपी को जीत मिली थी. केवल दो सीटें जौनपुर और गाजीपुर में बीजेपी को हारी थी. इस बार बीजेपी ने जौनपुर से महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री कृपा शंकर सिंह को प्रत्याशी घोषित किया है. गाजीपुर से प्रत्याशी की घोषणा होनी बाकी है, हालांकि समाजवादी पार्टी ने गाजीपुर से कई मामलों में कारावास में सजा काट रहे मुख्तार अंसारी के भाई सांसद अफजाल अंसारी को प्रत्याशी घोषित कर दिया है.

लोस सीट——-भाजपा—————–सपा/कांग्रेस
प्रतापगढ़—-संगम लाल गुप्ता————-एसपी सिंह पटेल
जौनपुर—–कृपाशंकर सिंह—————घोषित नहीं
चंदौली—–डामहेंद्र नाथ पाण्डेय———–वीरेंद्र सिंह
वाराणसी—–नरेंद्र मोदी—————–घोषित नहीं
गाजीपर——घोषित नहीं—————-अफजाल अंसारी
भदोही——-घोषित नहीं—————-ललितेशपति त्रिपाठी (टीएमसी)
सुल्तानपुर—-घोषित नहीं—————-भीम निषाद

फूलपुर, कौशांबी, प्रयागराज, मिर्जापुर, राबर्ट्सगंज तथा मछलीशहर से अभी किसी भी दल ने प्रत्याशी घोषित नहीं किए हैं.

देश के चार पीएम जो काशी क्षेत्र से सांसद चुने गए
इस क्षेत्र से पं जवाहरलाल नेहरू, लाल बहादुर शास्त्री और वीपी सिंह सांसद रह चुके हैं. अब पीएम मोदी वाराणसी से सांसद हैं.

अमिताभ और फूलन देवी भी इसी क्षेत्र से बने थे सांसद
छोटे लोहिया के नाम से जाने जाने वाले जनेश्वर मिश्र, विजय लक्ष्मी पंडित, महानायक अमिताभ बच्चन, हेमवती नंदन बहुगुणा, कमला पति त्रिपाठी, मुरली मनोहर जोशी, वरुण गांधी, मेनका गांधी के साथ ही फूलन देवी ने भी इस क्षेत्र की सीटों से किया है प्रतिनिधित्व.

लोहिया और कांशीराम भी लड़े थे इस क्षेत्र से चुनाव
डा राम मनोहर लोहिया, बसपा संस्थापक कांशीराम भी इस क्षेत्र से चुनाव लड़े थे, लेकिन जीते कभी नहीं.

काशी क्षेत्र की लोकसभा सीटें
सुल्तानपुर, प्रतापगढ़, जौनपुर, फूलपुर, कौशांबी, प्रयागराज, मिर्जापुर, भदोही, गाजीपुर, चंदौली, वाराणसी, राबर्ट्सगंज और मछलीशहर.

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