छोटा हरिद्वार में लोगों के डूबने का कारण बताया महंत मुकेश गोस्वामी ने…
गाजियाबाद : गाजियाबाद के मुरादनगर स्थित छोटा हरिद्वार में गंगा स्नान एवं पूजा के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती हैं। दिल्ली-एनसीआर का एकमात्र गंगा घाट होने के कारण यहां पर हमेशा श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है। कई बार छोटा हरिद्वार से लोगों के डूबने की खबरें सामने आती हैं। लेकिन ऐसा क्यो होता है? इसकी वजह हमने जानने की प्रयास की।
छोटा हरिद्वार के महंत मुकेश गोस्वामी ने नदी में उतरकर उसकी बनावट के बारे में विस्तार से बताया। दरअसल, छोटा हरिद्वार में घाट की सीढ़ियां समाप्त होने के बाद कुछ दूरी तक जमीन बिल्कुल समतल है। लेकिन थोड़ा आगे जाने पर एक तीव्र ढलान है। ये तीव्र ढलान काफी चिकनी और फिसलन भरी है।
तीव्र ढलान के कारण तेजी से बढ़ जाता है जलस्तर
महंत मुकेश गोस्वामी बताते हैं कि जब कोई श्रद्धालु नदी में स्नान करने के लिए आता है और थोड़ा सा आगे बढ़ जाता है। तब उसको लगता है कि आगे भी जमीन बिल्कुल समतल होगी लेकिन तीव्र ढलान के कारण नहर का जलस्तर तेजी से बढ़ जाता है। ऐसे में जब पानी अधिक होता है तब आदमी के डूबने की संभावना बढ़ जाती है।
प्रशासन से क्षेत्रीय लोगों की मांग
मुकेश बताते हैं कि क्षेत्रीय प्रशासन को कई बार इसके बारे में अवगत करा चुके है। वर्ष में दो-तीन मौके ऐसे होते हैं जब नदी की सफाई की जाती है। यदि इस मौके का लाभ उठाकर ढलान के आगे की भूमि को समतल कर दिया जाए तो कई लोगों की जान बच सकती है। हालांकि, सुरक्षा की दृष्टिकोण से छोटा हरिद्वार के घाट पर गोताखोरों की एक यूनिट हमेशा उपस्थित रहती है। इसके अतिरिक्त सीसीटीवी से भी सभी श्रद्धालुओं पर नज़र रखी जाती है, यदि कोई बेरिकेटिंग को पार कर कर स्नान के लिए आगे बढ़ता है तो अनाउंसमेंट के जरिए ऐसे लोगों को रोका भी जाता है।