Mathura Holi 2024: मथुरा में आज लठ्ठमार होली का होगा आयोजन
लखनऊ: भगवान श्रीकृष्ण की नगरी मथुरा (Mathura Holi 2024) में आज लठ्ठमार होली का आयोजन होगा। लठ्ठमार होली खेलने के लिए नंदगांव के हुरियारे और बरसाने की हुरियारिनें तैयार हैं। लाठियों और ढाल को तैयारकर लिया गया है। टेसू के फूल के रंग तैयार किए गए हैं। मथुरा में रंगोत्सव 2024 का आयोजन 1 जून तक होगा। इस दौरान होली के भिन्न-भिन्न रंग देखने को मिलेंगे।
लड्डू होली से प्रारम्भ हुआ रंगोत्सव
मथुरा (Mathura Holi 2024) में होली के आयोजन 40 दिन तक चलते हैं। बरसाना, दाऊजी, वृंदावन, गोवर्धन, गोकुल, नंदगांव में तरह-तरह की अनोखी होली खेलने का प्रचलन है। ब्रज की मशहूर होली देखने के लिए न सिर्फ़ राष्ट्र बल्कि बड़ी संख्या में विदेशी पर्यटक भी जुटते हैं। इसी के अनुसार मथुरा में रविवार को लड्डू होली से रंगोत्सव 2024 प्रारम्भ हो गया। राधा जी के गांव बरसाना स्थित श्रीजी मंदिर परिसर में अनेक सखियां होली खेलने का निमंत्रण देने के लिए बरसाना से नंदगांव के नंदभवन पहुंचीं। इसके बाद श्रीजी मंदिर में लड्डू होली खेली गई। मंडलायुक्त रितु माहेश्वरी ने यूपी ब्रज तीर्थ विकास परिषद द्वारा श्री राधा बिहारी इंटर कॉलेज बरसाना में आयोजित रंगोत्सव 2024 कार्यक्रम का दीप जलाकर शुरुआत किया।
ब्रज में 40 दिन तक होली का उत्सव
ब्रज में 40 दिन तक होली का उत्सव चलता है। लेकिन वास्तविक उत्साह होली के एक हफ्ते पूर्व से दिखता है। रंगोत्सव के लिए उप्र ब्रज तीर्थ विकास परिषद ने तैयारियां पूरी कर ली हैं। बरसाना में सात मंच बने हैं। जगह-जगह पर सेल्फी प्वाइंट बनाए गए हैं। गाड़ी पार्किंग, सुरक्षा, पेयजल, मोबाइल टायलेट,सफाई की व्यापक प्रबंध की गयी है।
कब कौन सी होली
फाल्गुन दशमी 19 मार्च को नंदगांव के नंद भवन में लट्ठमार होली भी दर्शकों के लिए अनूठी होती है। 20 मार्च को वृंदावन में रंगभरनी एकादशी को बिहारी जी मंदिर में रंग खेला जाएगा। 21 मार्च को गोकुल में छड़ीमार होली होगी् इसी दिन बांके बिहारी मंदिर में फूलों की होली होगी। 24 मार्च को द्वारकाधीश मंदिर में होली होगी। चौबे समाज का होलीगेट तक डोला भी निकलेगा। मथुरा के होलीगेट पर रात्रि में होलिका दहन होगा। 25 मार्च को पूरे ब्रज में होली का उत्सव (धुलेंडी) मनाया जाएगा. 26 मार्च को दाऊजी के विशाल मंदिर में हुरंगा होगा। 26 मार्च को ही जाब का हुरंगा, जाब गांव में होगा.।इसी दिन चरकुला नृत्य राधा जी ननिहाल मुखराई में होगा। 27 को गिडोह और बठैन में होली का आयोजन है। 31 मार्च को छड़ीमार होली पुरानी महावन में और एक अप्रैल को श्रीरंग जी मंदिर वृंदावन में होली के साथ समाप्ति होगा।
क्या है मान्यता है ?
मान्यता है कि ईश्वर श्री कृष्ण ने राधा रानी और गोपियों के साथ बरसाना में लठ्ठमार होली खेली थी। तभी से यह परंपरा प्रारम्भ हुई। बरसाना ही नहीं बल्कि रंगोत्सव-2024 में जगह-जगह होली के सांस्कृतिक कार्यक्रम होते हैं। इसमें क्षेत्रीय कलाकारों के लिए विभिन्न स्थानों पर सांस्कृतिक मंच बनाये गये हैं। 26 मार्च को बलदेव में दाऊजी मंदिर के हुरंगा में फूलों के रंगों से होली खेली जाएगी। इसमें पंडा समाज (अहिवासी ब्राह्मण) के लड़कों पर महिलाएं रंग फेंकने के बाद उन्हीं कपडों से कोड़े बरसाती हैं।