उत्तर प्रदेश

कानपुर में डेंगू के 100 से अधिक मरीज,दो की हुई मौत

कानपुर में डेंगू का संक्रमण अब काफी तेज हो गया है. इन रोगियों में सबसे अधिक युवा है, जिनकी उम्र 20 से 40 साल के बीच है. रोगियों में कमजोरी और बीपी लो होने की कम्पलेन अधिक है. शहर में डेंगू रोगियों का आंकड़ा 400 के पार पहुंच चुका है. ग्रामीण क्षेत्र हो या शहरी क्षेत्र हर स्थान रोगी निकल रहे है. पिछले एक सप्ताह के अंदर 100 से अधिक रोगी डेगू के मिल चुके है.

60 से अधिक रोगियों को किया गया भर्ती
शनिवार तक काशीराम हॉस्पिटल, कानपुर मेडिकल कॉलेज के हैलट अस्पताल, उर्सला हॉस्पिटल समेत अन्य अस्पतालों में 60 से अधिक रोगी भर्ती किए गए है. यह सरकारी अस्पतालों का आंकड़ा कहा जा रहा है. इसके अतिरिक्त यदि प्राइवेट हॉस्पिटल की बात करे तो यह आंकड़ा 150 के पार जाएगा. इन रोगियों में प्लेटलेट्स धीरे-धीरे गिरती जा रही है, जिसके कारण उनकी हालत बिगड़ रही थी. कानपुर मेडिकल कॉलेज के प्रोफेसर जेएस कुशवाहा के अनुसार डेंगू रोगी को खान-पान का विशेष ध्यान रखना चाहिए जो की रोगी नहीं कर रहे हैं. इस कारण उनकी तबीयत बिगड़ती जा रही है. प्लेटलेट्स डाउन होने पर रोगी की हालत और बिगड़ जाती है फिर ऐसे में रिकवर करना कठिन हो जाता है.

दो की हुई मौत

तेज बुखार के कारण शहर में दो लोगों की मृत्यु हो चुकी है. किदवई नगर निवासी आनंद राजपाल (58) को पिछले छह दिनों से बुखार आ रहा था. उन्होंने हैलट में इलाज कराया, लेकिन जब आराम नहीं मिली तो उन्होंने प्राइवेट हॉस्पिटल में दिखावाया. जहां उचार के दौरान शुक्रवार रात उनकी मृत्यु हो गई. डॉक्टरों के अनुसार उनके फेफड़ों में संक्रमण फैल गया था. इसके अतिरिक्त रोगी को बीपी की भी कम्पलेन थी. वहीं, चमनगंज निवासी फातिमा बेगम (68) को कई दिनों से बुखार आ रहा था. जिनका उपचार प्राइवेट चिकित्सक से चल रहा था. सोमवार सुबह उनकी हालत बिगड़ने पर घर वाले हॉस्पिटल लेकर भागे जहां उनकी मृत्यु हो गई.

बीपी तेजी से घट रहा है

डॉ. कुशवाहा के अनुसार रोगी में यदि बीपी तेजी से डाउन हो रहा है तो यह खतरे की बात होती है. बीमार की नब्ज डेंगू शॉक सिंड्रोम के कारण बहुत धीमी चलने लगती है. इससे ब्लड प्रेशर डाउन होने का खतरा होता है. यदि बीपी तेजी से डाउन होता है तो रोगी के दिमाग की तांत्रिक यंत्र प्रभावित हो जाती हैं, जिसकी वजह से रोगी बेहोश हो जाता है. इसलिए यदि किसी रोगी का बीपी तेजी से गिर रहा हो तो ऐसे में ढिलाई ना करते तुरंत उसे भर्ती करा देना चाहिए.
फल फ्रूट का करें अधिक सेवन
डॉक्टर के अनुसार अपने घर के पानी को हमेशा ढक कर रखें. पानी को पीने से पहले उसे उबाले, फिर ठंडा करके पिए, जितना हो सके मौसमी फलों का सेवन करें. कटे फटे फल एकदम ना खाएं. इसके अतिरिक्त बाहर की चीज का परहेज करें. इससे संक्रमण अधिक फैलता है. यदि घर में या घर के आसपास कहीं पानी जमा है तो वहां दवा कि छिड़काव करे.
यह होते हैं लक्षण
डॉ. कुशवाहा के अनुसार यदि आपको ठंड लगने के बाद तेज बुखार आता है. बदन में दर्द होता है या फिर शरीर पर लाल चकत्ते पड़ने लगते हैं तो यह डेंगू शॉक सिंड्रोम के लक्षण होते हैं. इसमें रोगी के होंठ भी नील पड़ने लगते हैं.

 

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