प्रशासन ने अयोध्या में 20 जनवरी से नगर में बाहरी लोगों का प्रवेश किया प्रतिबंधित, 21-22 को स्थानीय लोगों पर भी पाबंदी
अयोध्या राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के पहले दर्शन करने को अब चार दिन शेष बचे हैं जिसमे श्रद्धालु श्रीरामलला का दर्शन कर सकते हैं। अनुष्ठानों के कारण 20 और 21 तारीख से दर्शन नही मिलेगा। इसके बाद 22 को मुख्य आयोजन है,जिसमें सिर्फ़ आमंत्रित लोगों को प्रवेश की अनुमति होगी। प्रतिबंधों के लागू होने से पहले रामलला की चौखट पर माथा टेकने के लिए श्रद्धालुओं में होड़ लगी है। भीड़ इतनी की रामजन्मभूमि पथ पर श्रद्धालुओं की कतार दिखना सामान्य बात हो गई है।
परिसर के ऑफिसरों के अनुसार एक हफ्ते से रोजाना श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ती चली जा रही है। प्रशासनिक प्रबंध के मुताबिक 20 जनवरी से नगर में बाहरी लोगों का प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया गया है। इस दिन से सिर्फ़ नगर में वाले लोग ही परिचय पत्र लेकर आवागमन कर सकेंगे। 21 और 22 तारीख को क्षेत्रीय लोगों पर भी पाबंदियां रहेंगी।
लोग बोले, बाद में भीड़ हो जाएगी इसलिए पहले आए
राम जन्मभूमि मार्ग से दर्शन करने के लिए गोरखपुर के आशीष कुमार गुप्ता बताते हैं कि वह सात वर्ष पहले अयोध्या आ चुके हैं। प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव के बाद अधिक भीड़ होने की सूचना मिली तो वह पहले रामलला का दर्शन करने के लिए परिवार के साथ आ गए हैं। उन्होंने बोला अयोध्या में बहुत बदलाव आ गया है। गोविंद बल्लभ पंतनगर कृषि यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर डॉ अनिल शुक्ला ने कहा कि मंदिर निर्माण देखने की उत्सुकता इतनी अधिक थी कि वह अपने को रोक नहीं सके और परिवार वालों के साथ रामनगरी पहुंच गए। उन्होंने कहा वह पहली बार यहां पर दर्शन करने आए हैं। यहां आकर एक नयी ऊर्जा मिली है।
लखनऊ के मुंशी पुलिया इंदिरा नगर निवासी आलोक श्रीवास्तव कहते हैं कि वह पहले भी कई बार अयोध्या आ चुके हैं लेकिन इस बार रामलला का गर्भगृह बनकर तैयार हो गया है। इसलिए अपने को रोक नहीं सके। उन्होंने बोला पहले अयोध्या अब शहर बन गई है। कानपुर से आए इंदु प्रकाश अवस्थी ने कहा कि दस साल बाद अयोध्या आने का सौभाग्य मिला है। फरवरी माह के पहले हफ्ते में हम लोगों ने अयोध्या आने का कार्यक्रम तय किया था लेकिन पत्नी को छुट्टी नहीं मिल रही है। इसलिए बच्चों ने पहले कार्यक्रम तय कर लिया। उन्होंने बोला कि इतना भब्य नक्काशीदार मंदिर पहले कभी नहीं देखा।