अयोध्या राम मंदिर के दूसरे चरण में प्रस्तावित निर्माण को पूरा करने के लिए पुनः तय किया गया नया लक्ष्य
श्रीरामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ने राम मंदिर के दूसरे चरण में प्रस्तावित निर्माण को पूरा करने के लिए रविवार को पुनः नया लक्ष्य तय किया है. तीर्थ क्षेत्र की मंशा है कि बिना गुणवत्ता से किसी प्रकार समझौता किए निर्माण शीघ्र पूरा हो जाए. इसके चलते भवन निर्माण समिति की हुई बैठक में समिति चेयरमैन नृपेन्द्र मिश्र ने नवम्बर 2024 का लक्ष्य तय किया है. उन्होंने संक्षिप्त वार्ता में बोला कि यदि किसी कारण से कोई अवरोध आता भी है तो अधिकतम तीन माह का अतिरिक्त समय बढ़ाया जाएगा. अभी हम निर्धारित लक्ष्य के मुताबिक ही आगे बढ़ेंगे.
परकोटे में बनाए जा रहे 112 झरोखे, बनेंगी एक सौ म्यूरल पेंटिंग
समिति चेयरमैन मिश्र ने बोला कि करीब आठ सौ मीटर लंबे परकोटे का निर्माण बहुत बड़ा है और चुनौतीपूर्ण भी है. उन्होंने कहा कि यह मंदिर की सुरक्षा दीवार भी है और परिक्रमा पथ भी है. उन्होंने कहा कि राम मंदिर में साढ़े चार लाख घन फुट बंशी पहाड़पुर के पत्थरों का प्रयोग हो रहा है जबकि परकोटा में आठ लाख घन फुट पत्थरों का प्रयोग होना है. उन्होंने कहा कि इस परकोटे में विशेष डिजाइन के अन्तर्गत 112 झरोखे बनाए जा रहे हैं.
इसके अतिरिक्त इस परकोटे की दीवार पर एक सौ ब्रांज पैनल पर रामायण के विभिन्न प्रसंगों के म्यूरल पेंटिंग का भी निर्माण कराया जाएगा. उन्होंने कहा कि यह पेंटिंग ईश्वर राम के उन मानवीय गुणों के प्रचार प्रसार के लिए होगी जिनसे समाज जीवन जीने की प्रेरणा मिलती है. इसमें एक राजा का अपने प्रजा के प्रति किस प्रकार का दायित्व होना चाहिए. सेना और नागरिकों के प्रति क्या कर्तव्य होना चाहिए. उन्होंने कहा कि परकोटा का निर्माण सुनिश्चित करने के लिए दस स्थानों को चिह्नित किया गया है और यही निर्माण चल रहा है.
देवी अन्नपूर्णा के मंदिर में ही बनेगा रामलला का भोग प्रसाद
तीर्थ क्षेत्र के पदेन सदस्य एवं भवन निर्माण समिति चेयरमैन नृपेन्द्र मिश्र का बोलना है कि मंदिर निर्माण के पहले यहां सीता रसोई का भी जगह था. इस जगह पर ही देवी अन्नपूर्णा का मंदिर बन रहा है. उन्होंने बोला कि देवी अन्नपूर्णा का भी जरूरी जगह है. इस जगह पर ही भविष्य में रामलला के भोग प्रसाद का निर्माण होगा. उन्होंने कहा कि दूसरे चरण के निर्माण में परकोटा के साथ उसमें प्रस्तावित छह मंदिरों (अन्नपूर्णा समेत ईश्वर शिव, हनुमान जी, गणपति, देवी दुर्गा और सूर्य देव) के साथ सात मंदिरों ऋषि अगस्त्य, महर्षि वशिष्ठ, महर्षि विश्वामित्र, महर्षि वाल्मीकि, माता शबरी, निषाद राज और देवी अहिल्या के मंदिरों के निर्माण को भी शामिल किया गया है.
वैश्विक संग्रहालयों की विशेषताएं रामकथा संग्रहालय में होंगी समाहित
राम मंदिर की भवन निर्माण समिति की बैठक के दूसरे दिन सोमवार को दूसरे सत्र की बैठक रामकथा संग्रहालय में हुई. इस बैठक में संग्रहालय की प्रशासनिक व्यवस्थाओं के अतिरिक्त उसके माडीफिकेशन को लेकर मंथन किया गया. कहा गया कि रामकथा संग्रहालय के बाह्य स्ट्रक्चर में किसी प्रकार का बदलाव नहीं करने का फैसला लिया गया है. बैठक के बाद भी नृपेंद्र मिश्र से वार्ता का कोशिश किया गया लेकिन उन्होंने कुछ भी कहने से मना कर दिया. इस बैठक में सीबीआरआई के पूर्व निदेशक एके मित्तल और संग्रहालय के क्यूरेटर डा संजीव कुमार सिंह सहित अन्य विशेषज्ञ मौजूद रहे.