माघ पूर्णिमा पर प्रयागराज में श्रद्धालुओं ने संगम घाट पर लगाई आस्था की डुबकी
संगम नगरी प्रयागराज में माघी पूर्णिमा पूरी आस्था और भक्ति के साथ मनाई जा रही है। संगम तट पर आस्था के दर्शन के लिए करीब 40 लाख श्रद्धालु उमड़ पड़े हैं। यह माघ मेले का पांचवां और मुख्य स्नान होगा। माघ पूर्णिमा के स्नान के साथ एक महीने तक चलने वाला कल्पवास खत्म हो जाएगा। माघ मेला प्रशासन ने माघ पूर्णिमा के स्नान के लिए व्यापक तैयारियां की हैं। रेलवे ने 10 स्पेशल ट्रेनें और उत्तर प्रदेश रोडवेज ने करीब 300 अतिरिक्त बसें चलाई हैं। सन्ना पर्व के मद्देनजर आधी रात से ही प्रयागराज जिले में ट्रैफिक डायवर्जन लागू कर दिया गया है।
माघ पूर्णिमा पर स्नान का अनोखा महत्व है
माघ पूर्णिमा पर स्नान करने के लिए एक दिन पहले ही बड़ी संख्या में श्रद्धालु मेला क्षेत्र में पहुंच गये थे। माघ मेला क्षेत्र में कड़ी सुरक्षा प्रबंध की गई है। प्रशासन ने दावा किया है कि सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं और पुख्ता व्यवस्था किए गए हैं। माघ पूर्णिमा स्नान के लिए संतों के शिविरों में भी विशेष तैयारियां की गई हैं। जैसे-जैसे विदाई की घड़ी निकट आ रही है, कल्पवास का विचार कर रहे श्रद्धालु भावुक होते जा रहे हैं। कल्पवास पूरा करने वाले श्रद्धालुओं में खुशी तो है, लेकिन आस्था की नगरी छोड़ने का गम भी है।
संगम तट पर लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा
माघ पूर्णिमा के स्नान पर्व के चलते माघ मेला क्षेत्र लगभग खाली रहेगा। हालांकि, माघ मेले का आधिकारिक समाप्ति 8 मार्च को महाशिवरात्रि पर होगा। माघ पूर्णिमा स्नान ब्रह्म मुहूर्त यानी सुबह 3 बजे से प्रारम्भ होगा। 14 फरवरी को मकर संक्रांति पर प्रयागराज में माघ मेला प्रारम्भ हुआ। योगी गवर्नमेंट इस बार माघ मेले को महाकुंभ के रिहर्सल के तौर पर आयोजित कर रही है। उसे देखते हुए माघ मेले में कई अभिनव प्रयोग किये गये हैं। माघ मेले का क्षेत्रफल बढ़ाया गया है। इसके अतिरिक्त सुविधाएं भी बढ़ाई गई हैं। पुलिस श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सेवा पर विशेष ध्यान दे रही है।