अवैध कब्जा मुक्त कराने गए पुलिस प्रशासन पर सत्संगियों ने किया हमला
आगरा में राधास्वामी सत्संग सभा द्वारा गैरकानूनी कब्जा मुक्त कराने गए पुलिस प्रशासन पर सत्संगियों ने धावा कर दिया। पुलिस की ओर से भी लाठीचार्ज किया गया। करीब दो घंटे तक हंगामा होता रहा। करीब 15 पुलिसकर्मी घायल हुए। 6 सत्संगी भी चोटिल हुए हैं।
मगर, पुलिस को सत्संगियों के सामने बैकफुट पर आना पड़ा। पुलिस बिना किसी तैयारी और सत्संगियों की रणनीति को भांपे दोबारा कब्जा मुक्त कराने चली गई थी। सत्संगियों ने गुरिल्ला युद्ध की रणनीति की तरह पुलिस पर वार किया। पुलिस का इंटेलीजेंस भी स्थिति को भांपने में पूरी तरह असफल रहा। यही कारण रहा कि पुलिस को दबे पांव वापस आना पड़ा।
आइए बताते हैं कैसे टकराव की आरंभ हुई
प्रशासन ने राधास्वामी सत्संग सभा द्वारा गैरकानूनी कब्जों को लेकर FIR दर्ज कराई थी। इसके बाद कब्जा मुक्त कराने के लिए नोटिस दिया था। समय सीमा देने के बाद जब कब्जा नहीं हटाया गया तो शनिवार को प्रशासन और पुलिस ने कार्रवाई की थी।
सार्वजनिक रास्तों पर गैरकानूनी रूप से लगाए गए गेटों और दीवार को बुलडोजर से तोड़ दिया गया था। इसके तुरंत बाद सत्संगियों ने दोबारा गेट खड़ा कर दिया था। प्रशासन ने बाद में एक बार फिर से गेट को तोड़ दिया था। मगर, इसके बाद सत्संगियों ने रात को फिर से गेट लगा दिया। बाकी स्थान पर कंटीले तार की फेसिंग कर दी थी। सत्संगियों द्वारा पुलिस को दी गई चुनौती के बाद रविवार शाम करीब साढे़ चारे बजे राजस्व विभाग की टीम के साथ पुलिस फोर्स टेनरी पर पहुंची थी।
सत्संगियों के सामने पुलिस काफी कमजोर दिखी।
सत्संगियों ने अपनी स्त्री विंग को आगे कर चलवाई लाठी
पुलिस और राजस्व विभाग की टीम के पीछे बुलडोजर भी था। करीब पौने पांच बजे डीसीपी सिटी सूरज राय, एसडीएम सदर परीक्षित खटाना, सिटी मजिस्ट्रेट आनंद कुमार, एसीपी सैयद अरीब अहमद सहित अन्य अधिकारी जैसे ही गेट पर पहुंचे, सत्संगियों ने अपनी स्त्रियों की विंग को आगे कर दिया।
विंग ने ऑफिसरों के सामने लाठी कला का प्रदर्शन प्रारम्भ कर दिया। लाठी चलाते हुए वो आगे बढ़ती गई। इस बीच ऑफिसरों को लाठी लगने लगी। इस पर पुलिस की ओर से विरोध जताई गई। उन्हें रोकने का कोशिश किया। बस यहीं से टकराव की आरंभ हुई।
सत्संगियों ने स्त्री विंग को आगे करते हुए पुलिस के साथ धक्का-मुक्की प्रारम्भ कर दी। पुलिस ने भी उत्तर दिया। सत्संगी बड़ी संख्या में थे। पुलिस को धक्का देने पर कई पुलिस अधिकारी और पुलिस कर्मी कटीले तारों पर गिर गए। पुलिस को भीड़ नियंत्रित करने के लिए हल्का बल प्रयोग करना पड़ा।
इसके बाद देखते ही देखते स्थिति बिगड़ गई। पथराव प्रारम्भ हो गया। सत्संगियों का उग्र रूप देखकर पुलिसकर्मी भी भाग खडे़ हुए। हंगामा प्रारम्भ हो गया। पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। दो घंटे तक तानाशाही का माहौल रहा। दोनों ओर से जमकर पथराव हुआ। दोनों ओर से कई लोग घायल हुए। पत्रकारों को भी चोट लगी। एक स्थिति ऐसी आई की पुलिस पर सत्संगी हावी हो गए। पुलिस को चारों ओर से घेर लिया गया।
फोर्स मांगते रहे, लेकिन एक घंटे बाद लौटना पड़ा
माहौल बिगड़ते देख पुलिस ऑफिसरों ने करीब शाम सवा पांच बजे और फोर्स की मांग की। लेकिन, एक घंटे तक फोर्स नहीं पहुंची। स्थिति बिगड़ रही थी। अंधेरा हो रहा था। दयालबाग की लाइट कट गई थी। चारों तरफ से सत्संगियों ने पुलिस को घेर लिया था। ऐसे में शाम करीब साढे़ छह बजे पुलिस को बैकफुट पर आना पड़ा। सत्संगियों से बात कर, सोमवार को डॉक्यूमेंट्स प्रस्तुत करने का प्रस्ताव रखा। इस पर सहमति बनने के बाद पुलिस वापस आ गई।
पुलिस नहीं भांप पाई, सत्संगियों का LIU बहुत मजबूत
रविवार की कार्रवाई में पुलिस ने सत्संगियों को बहुत हल्के में ले लिया। उनको लगा था कि जिस तरह शनिवार को पुलिस कब्जा मुक्त करा आई थी, वैसे ही रविवार को भी आराम से मुद्दा निपट जाएगा। लेकिन, पुलिस को इसकी एकदम भनक नहीं थी कि सत्संगी बहुत तैयारी के साथ मौके पर पहले से उपस्थित हैं। सत्संगियों ने अपने लोगों को पुलिस स्टेशन पर सुबह से मुस्तैद कर रखा था। जैसे ही पुलिस स्टेशन पर शाम चार बजे पुलिस और PAC का मूवमेंट प्रारम्भ हुआ, वैसे ही सत्संगी भी जुटना प्रारम्भ हो गए।
पुलिस ने कार्रवाई से पहले कोई तैयारी नहीं की थी। न ही LIU ने सत्संगियों की तैयारी के बारे में कोई इनपुट दिया था। शनिवार को करीब दो हजार पुलिस और PAC के जवान कब्जा हटाने गए थे, लेकिन रविवार को ये संख्या आधे से भी कम थी। सत्संगियों ने आरंभ में ही अपनी स्त्री विंग को आगे कर दिया था।
सत्संगियों ने अपनी स्त्री विंग को आगे कर लाठी कला का प्रदर्शन कराया।
पुलिस के साथ टकराव होने के बाद चारों तरफ से बच्चे, बूढे़ और जवान सत्संगी मौके पर पहुंचने लगे। देखते ही देखते पुलिस की संख्या कम लगने लगी। सत्संगियों ने पुलिस को चारों ओर से घेर लिया। वहीं, सत्संगियों ने पहले से बडे़-बडे़ कैमरों और अपने लोगों को चारों तरफ मुस्तैद किया था, जिससे पुलिस की कार्रवाई को हर तरफ से कैमरे में कैद किया जा सके।
मुख्यमंत्री पोर्टल पर कम्पलेन की भरमार
विवाद के बाद पुलिस भले ही लौट गई, लेकिन सत्संगियों ने इस जंग को अलग तरह से लड़ना प्रारम्भ कर दिया। सत्संगियों को सीएम पोर्टल का लिंक और कुछ वीडियो भेजे गए। इसमें सोशल मीडिया के लिए हैश टैग समेत पूरा मैटर तैयार था। सभी सत्संगियों ने सीएम पोर्टल पर पुलिस-प्रशासन की कार्रवाई को बर्बरता बताते हुए कम्पलेन की। इतना ही नहीं पुलिस द्वारा लाठीचार्ज के वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट कर कम्पलेन की गई है।
एंबुलेंस में घायल पुलिसवालों का उपचार किया गया। सत्संगियों से बरामद लाठी में पंच लगा था।
मनोबल की जंग भी जीते सत्संगी
विवाद के दौरान सत्संगी लगातार एनाउंसमेंट करते रहे। वो कहते रहे कि पुलिस की इस कार्रवाई की जानकारी PMO को दे दी गई है। हम पुलिस प्रशासन के विरुद्ध उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय जाएंगे। पुलिस जबरन सत्संग सभा की जमीन पर कार्रवाई कर रही है। उनके पास पूरे डॉक्यूमेंट्स हैं। वो बार-बार कहते रहे कि सत्संग सभा अहिंसा के साथ अपनी बात रखना चाहती है। पुलिस जबरन बच्चों और स्त्रियों पर लाठीचार्ज कर रही है।
रात तक होता रहा मेडिकल
विवाद के बाद पुलिस और सत्संगियों की ओर से चोटिल हुए लोग अपने मेडिकल कराने के लिए जिला हॉस्पिटल पहुंचे। पुलिस की ओर से करीब 14 लोगों का मेडिकल हुआ है। सत्संगियों की ओर चोटिल लोगों की ठीक संख्या सामने नहीं आई है। सत्संग सभा की ओर से तीन चोटिल लोगों के फोटो सोशल मीडिया पर शेयर किए गए हैं।
बवाल में घायल लोगों का रात में जिला हॉस्पिटल में मेडिकल हुआ।
लोहे के कील लगा डंडा मिला
पुलिस का बोलना है कि सत्संगियों के पास से ऐसे डंडे मिले हैं, जिसमें आगे लोहे की बड़ी कील लगी हैं। ये डंडे ऐसे हैं जिसे गलवान घाटी में चीन ने इस्तेमाल किए थे। वहीं सत्संगियों ने पुलिस के बंदूक लेकर वार्ता करने आने की बात कही है।
प्रशासन को नहीं मिला सियासी समर्थन
सत्संग सभा ने घटना के बाद सोशल मीडिया पर समाजवादी पार्टी और कांग्रेस पार्टी को टैग कर वीडियो पोस्ट किए। समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सत्संगियों के पक्ष में ट्वीट भी किया, लेकिन वहीं दूसरी ओर पुलिस सियासी समर्थन हासिल नहीं कर पाई। कुछ दिन पहले बीजेपी सांसद राजकुमार चाहर ने ग्रामीणों के कहने पर पुलिस को गैरकानूनी कब्जा मुक्त कराने के लिए बोला था। बीजेपी गवर्नमेंट में मंत्री डाक्टर संजय निषाद से भी ग्रामीणों ने सहायता मांगी थी। मगर, टकराव के बाद पुलिस को बीजेपी के जनप्रतिनिधियों का समर्थन नहीं मिला।
आगरा में राधा स्वामी सत्संगियों का पुलिस पर हमला: DCP-ACP समेत 20 से अधिक पुलिसकर्मी घायल
आगरा में बड़ा हंगामा हुआ है। यहां दयालबाग में सरकारी जमीन पर से गैरकानूनी कब्जा हटाने गई पुलिस पर सत्संगियों ने धावा कर दिया। हजारों की संख्या में जुटे राधा स्वामी के सत्संगियों ने पुलिस को घेर लिया। लाठी-डंडे से वार किया। पुलिस ने सत्संगियों को भगाने के लिए लाठीचार्ज किया। इस पर सत्संगी पथराव करने लगे। जिसमें DCP और ACP समेत करीब 20 पुलिसवालों को चोट आई है।