‘धीमा जहर’ या ‘हार्ट अटैक’! यहां जानें कैसे होती है विसरा जांच
खबर है कि अब मुख्तार अंसारी की मृत्यु के पीछे की वजह जानने के लिए विसरा जांच होगा. जिसके लिए मुख्तार की विसरा को विधि विज्ञान प्रयोगशाला लखनऊ भेजा गया है, जिससे अब उसके मृत्यु के पीछे की वास्तविक वजह साफ हो सकेगी. दरअसल, मुख्तार की मृत्यु के बाद उसके परिजनों ने इल्जाम लगाया था कि, “मुख्तार को ‘धीमा जहर’ दिया गया है.” जिसके बाद इस मुद्दे पर राजनीति गरमाने लगी थी.
ऐसे में जब मुख्तार के परिवार की तरफ से उसे जहर देने का इल्जाम लगाया गया तो डॉक्टरों ने मुख्तार की बॉडी के पांच ऑर्गन को विसरा प्रिजर्व कर लिया था, जिसे बाद में पुलिस को सौंप दिया गया था. अब इसी विसरा को जांच के लिए लखनऊ की लैब में भेजा गया है.
यहां जानें कैसे होती है विसरा जांच?
विसरा जांच के अनुसार जब किसी आदमी की मृत्यु हो जाती है तब उसके मृतशरीर का पोस्टमार्टम किया जाता है. इस प्रकरण के दौरान मृतक के शरीर से आंत, दिल, किडनी, लीवर आदि अंगों का सैंपल ले लिया जाता है, इन अंगों के सैम्पल्स को ही विसरा बोला जाता है. ऐसे में यदि उस शख्स की मृत्यु संदिग्ध हालात में होती है तो उसकी मृत्यु के पीछे का सच जानने के लिए विसरा जांच की जाती है. ध्यान रहे ये जांच तब ही होता है जब पुलिस या मृतक के परिवार को उसकी मृत्यु को लेकर कोई शक हो.
ये जांच रासायनिक परीक्षक यानी की Chemical Examiner करते हैं. वो विसरा यानी मृतक के उन अंगों के सैम्पल्स की जांच कर यह पता लगाने की प्रयास करते हैं कि मृतक की मृत्यु कैसे हुई और उसकी वजह क्या थी? जिसके बाद इसकी डिटेल्ड रिपोर्ट कोर्ट में सबूत के तौर पेश किया जाता है.