उत्तर प्रदेश

विशेष अदालत को आजम की धारा 311की अर्जी तय करने का निर्देश

 इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने पूर्व कैबिनेट मंत्री मोहम्मद आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्लाह आजम और पत्नी तंजीन फातिमा को फर्जी जन्मतिथि के मुद्दे में चल रहे आपराधिक मुकदमे में आंशिक राहत देते हुए अभियोजन के गवाह को बुलाने की अर्जी तय करने का निर्देश दिया है न्यायालय ने बोला है कि फेयर ट्रायल अभियुक्त का मूल अधिकार है इससे इनकार अभियुक्त और पीड़ित दोनों के साथ अन्याय है

हालांकि न्यायालय ने आजम की कई मांगे मानने से मना कर दिया और बोला कि विशेष न्यायालय मेरिट पर याची की अर्जी तय करें

यह आदेश न्यायमूर्ति राजबीर सिंह ने आजम खान और अब्दुल्ला आजम की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया आजम खान ने याचिका दाखिल कर स्पेशल न्यायालय एमपी/एमएलए रामपुर में अब्दुल्ला आजम के फर्जी जन्मतिथि को लेकर चल रहे मुकदमे में बचाव पक्ष को मुनासिब अवसर नहीं दिए जाने का इल्जाम लगाया बोला गया कि स्पेशल न्यायालय में चल रहे ट्रायल में बचाव पक्ष को पर्याप्त अवसर नहीं दिया जा रहा है और ट्रायल निष्पक्ष नहीं हो रहा है याची की ओर से ट्रायल न्यायालय के समक्ष कई प्रार्थना पत्र दिए गए लेकिन सभी खारिज कर दिए गए बचाव पक्ष को कानून के अनुसार अपना पक्ष रखने का अवसर नहीं दिया जा रहा है बचाव पक्ष ने अभियोजन गवाह मोहम्मद शफीक की प्रेस कॉन्फ्रेंस की पेनड्राइव प्रस्तुत करने की अनुमति मांगी थी, जिसे ट्रायल न्यायालय ने खारिज कर दिया इसी प्रकार नामांकन पत्र भरने की प्रक्रिया का वीडियो प्रस्तुत करने की भी मांग की थी साथ ही कई अन्य जरूरी डॉक्यूमेंट्स प्रस्तुत करने और गवाहों की प्रति परीक्षा करने की मांग की थी, जिन्हें ट्रायल न्यायालय ने नहीं माना

राज्य गवर्नमेंट की ओर से बोला गया कि ट्रायल न्यायालय कानून के अनुसार काम कर रही है मजिस्ट्रेट को यह अधिकार है कि वह जिस डॉक्यूमेंट्स को ट्रायल के लिए मुनासिब समझे, उसे रखने की इजाजत दे या गैर महत्वपूर्ण दस्तावेजों को प्रस्तुत करने से इनकार कर दे कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद बोला कि बचाव पक्ष को साक्ष्य के तौर पर डॉक्यूमेंट्स प्रस्तुत करने का अधिकार है, लेकिन यह ट्रायल न्यायालय का अधिकार है कि वह किसी डॉक्यूमेंट्स को मुकदमा के लिए जरूरी समझती है या नहीं हालांकि उच्च न्यायालय ने यह माना कि अभियोजन के गवाह से प्रति परीक्षा करना बचाव पक्ष का अधिकार है और उसे यह अवसर मिलना चाहिए इसी के साथ न्यायालय ने अभियोजन साक्षी मोहम्मद शफीक से बचाव पक्ष को प्रति परीक्षा का अवसर दिए जाने का ट्रायल न्यायालय को निर्देश दिया है, जबकि अन्य मामलों में राहत देने से इनकार कर दिया

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