ऐसा शिव मंदिर जहां एक साथ करें 290 से ज्यादा शिवलिंगों के दर्शन
प्रयागराज: महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर लोग शिव मंदिरों और शिवालयों में दर्शन के लिए जाते हैं। इस दिन श्रद्धालु ईश्वर शंकर को प्रसन्न करने के लिए वकायदा पूजा-अर्चना करते हैं। बोला जाता है कि सच्चे मन से प्रार्थना करने पर भोलेनाथ हर कामना पूरी करते हैं। हिंदुस्तान में कई ऐसे शिव मंदिर हैं, जिनका इतिहास काफी गहरा है। इन मंदिरों से पौराणिक कथाएं जुड़ी हुई हैं। ऐसा ही एक मंदिर प्रयागराज में स्थित है शिव कचहरी, जिसकी महिमा का गुणगान भक्त करते रहते हैं।
शिव कचहरी, ऐसा शिव मंदिर है जहां पर एक साथ 290 से अधिक शिवलिंगों के दर्शन हो जाते हैं। यह अपने आप में अनोखा है। यह शिवकुटी के एक मोहल्ले में गंगा के तट पर स्थित है, जहां एक शिवालय भी है। क्षेत्रीय लोगों में मान्यता है कि यह ईश्वर शिव का करिश्मा है कि आज तक कोई इसे ठीक से गिन नहीं पाया। ईश्वर भोलेनाथ जब जैसा चाहते हैं, इसकी संख्या घटती और बढ़ती रहती है। इसकी स्थापना हिंदुस्तान के किसी राजा ने नहीं, बल्कि नेपाल के राजा पदम जंग बहादुर ने की थी। इसने यहां पर चंदेश्वर नागेश्वर सिद्धेश्वर समेत शिव के कई रूपों की स्थापना कर मंदिर को खास बना दिया।
क्या कहते हैं पुजारी
मंदिर के मुख्य पुजारी आशीष जी महाराज कहते हैं कि शिव की महिमा गजब की है। लोग यहां मौजूद शिवलिंगों की गणना करते हैं। लेकिन, दोबारा गणना करने पर वह पुनः उस संख्या को प्राप्त नहीं कर पाते हैं। इस शिव न्यायालय में लगभग 300 शिवलिंग है। वैसे तो रोज भक्त शिव मंदिर आते हैं। लेकिन, सोमवार के दिन मंदिर भक्तों से खचाखच भरा रहता है। सावन के महीने में दूर-दूर से लोग इस मंदिर में रुद्राभिषेक करने आते हैं। महाशिवरात्रि के दिन इस मंदिर में शिवलिंग पर जलाभिषेक करने के लिए भक्तों की लंबी लाइन लगती है। यह मंदिर भक्तों के लिए दिनभर खुला रहता है। इसके कपाट रात में 10:00 बजे बंद किए जाते हैं।