उत्तर प्रदेश

जिले में रात 10 बजे के बाद डीजे व लाउडस्पीकर बजाने पर रहेगी पाबंदी: पुलिस अधीक्षक

जिले में कुछ सामुदायिक केंद्र और मैरिज पैलेस आवासीय कॉलोनियों में स्थित हैं. जहां पर अक्सर विवाह, विवाह और अन्य कार्यक्रम के दौरान आतिशबाजी एवं ऊंची ध्वनि में डीजे और लाउडस्पीकर बजाने के कारण आमजन को भारी कठिनाई का सामना करना पड़ता है.
पुलिस अधीक्षक अजीत सिंह शेखावत ने ध्वनि प्रदूषण से आमजन को होने वाली परेशानियों पर कड़ा संज्ञान लेते हुए जिला के सभी थाना प्रबंधकों और चौकी इंचार्जों को नियमों की उल्लंघना करने वालों के विरुद्ध निवारक कानूनी कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं. इसी के अनुसार सभी थाना प्रबंधक ने सामुदायिक केंद्र, मैरिज पैलेस और डीजे संचालकों की मंगलवार को बैठकर लेकर नियमों की जानकारी दे रात 10 बजे के बाद डीजे ना बजाने की अपील की.


पुलिस अधीक्षक अजीत सिंह शेखावत ने बोला कि डीजे अथवा लाउडस्पीकर की ऊंची आवाज लोगों की कठिनाई का कारण बनती है. देर रात तक ऊंची ध्वनि में डीजे और लाउडस्पीकर बजाने और आतिशबाजी के कारण आमजन को भारी कठिनाई का सामना करना पड़ता है. एक तरफ जहां विद्यार्थियों को कठिनाई का सामना करना पड़ता है, वहीं बीमार और हर उम्र वर्ग के लोगों को किसी न किसी तरह से कठिनाई होती हैं.
जिला में रात 10 बजे के बाद लाउडस्पीकर और डीजे बजाने पर पूर्ण पाबंदी रहेगी.
यदि रात 10 बजे के बाद कोई डीजे या लाउडस्पीकर बजाता है तो उसकी सूचना पुलिस को दें. क्षेत्रीय पुलिस द्वारा तत्परता से मौका पर पहुंचकर नियमानुसार कड़ी कार्यवाही की जाएगी. निर्धारित समय के दौरान भी डीजे या लाउडस्पीकर नियम मुताबिक निर्धारित की गई आवाज तक ही बजाए, जिससे कि ध्वनि प्रदूषण की स्थिति उत्पन्न न हो.
बगैर अनुमति के रात 10 बजे के बाद डीजे बजाना कानूनी रूप से क्राइम की श्रेणी में आता है.
किसी भी कार्यक्रम में रात 10 बजे के बाद डीजे बजते हुए पाया गया तो डीजे संचालक और डीजे बजवाने वाले दोनों के विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी. निर्धारित नियमों कि पालना न करने पर पर्यावरण संरक्षण अधिनियम के अनुसार सजा हो सकती है.

उन्होंने बोला कि आमजन विवाह कार्यक्रम और अन्य खुशी के माहौल मे ऐसा कोई कार्य ना करें जिससे किसी दुसरे को कठिनाई का सामना करना पड़े. उन्होंने बोला कि ध्वनि प्रदुषण के कई दुष्परिणाम है, रक्तचाप का बढना, सुनने की क्षमता कमजोर होना इत्यादि.
ध्वनि प्रदुषण से मनुष्य ही नही अपितु पशु पक्षियों के जीवन पर भी विपरित असर पड़ता है. ध्वनि प्रदुषण मनुष्य के आचरण, बर्ताव, मनोवैज्ञानिक स्थिती पर विपरित असर डालता है. नियमों का उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध ध्वनि प्रदूषण एक्ट के अनुसार कार्यवाही अमल में लाई जाएगी.

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