उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश में तीसरा मोर्चा गठन की कवायद हुई शुरू

उत्तर प्रदेश में तीसरा मोर्चा गठन की कवायद प्रारम्भ हो गई है. यह मोर्चा बीजेपी नीत एनडीए और कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व वाले इण्डिया के अलग होगा. इस मोर्चे में इन दोनों गठबंधन से अलग रहने वाले दल शामिल होंगे. तीसरा मोर्च विमर्श के जरिए संविधान बचाने और हर वर्ग को अधिकार दिलाने का संकल्प लिया गया. इसके लिए मोर्चे में शामिल नेता जिले- जिले भ्रमण करेंगे.

राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अल्पसंख्यक महासंघ की ओर से रविवार को लखनऊ के रविंद्रालय में आयोजित तीसरा मोर्चा विमर्श कार्यक्रम में प्रदेश की राजनीतिक स्थितियों पर चर्चा की गई. बीजेपी पर धावा कहा गया लेकिन यह भी याद दिलाया गया कि कांग्रेस पार्टी वर्षों वर्ष में सत्ता में रहते हुए वंचित जन की आवाज को कुचलती रही है. प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सत्ता रही हो अथवा बीएसपी की. इन दोनों सरकारों में जाति विशेष के कुछ लोगों को भले लाभ मिला हो लेकिन समूचा समाज अभी भी हाशिए पर है. इस दौरान तय किया गया कि तीसरा मोर्चा के लिए पांच सदस्यीय समन्वय समिति बनेगी. यह समिति मोर्चे में नए दलों को जोड़ने संबंधी नियमावली तैयार करेगी फिर जिलेवार सम्मेलन होगा. सम्मेलन को संबोधित करते हुए दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर रतन लाल ने बोला कि मोदी गवर्नमेंट हटाने के लिए हर वर्ग को आगे आना चाहिए. अभी इण्डिया की मंसा साफ नहीं है. ऐसे में दूसरे दलों को एकजुट होकर अपनी ताकत का अहसास कराना होगा. उन्होंने जॉब में आरक्षण का मामला उठाया. बोला कि राष्ट्र में केवल एक नारा लगाना चाहिए बीजेपी हटाओ. इस दौरान उन्नाव जिला पंचायत के पूर्व अध्यक्ष रामकुमार यादव, शिवाकांत गोरखपुरी आदि ने भी संबोधित किया.

संविधान की अनदेखी नहीं होने देंगे- डीपी यादव

तीसरा मोर्चा विमर्श सम्मेलन का नेतृत्व कर रहे राष्ट्रीय बदलाव दल के अध्यक्ष पूर्व मंत्री डीपी यादव ने बोला कि बाबा साहब डा. भीमराव आंबेडकर ने हर समाज के अधिकार की बात की है लेकिन उनके द्वारा दिए गए संविधान को समाप्त करने की षड्यंत्र रची जा रही है. इस षड्यंत्र को रोकने के लिए तीसरे मोर्चे की आवश्यकता है. संविधान की अनदेखी नहीं होने दी जाएगी. इसी उद्देश्य को लेकर नए आंदोलन की आरंभ कर रहे हैं. इसमें अनेक लोगों का साथ मिल रहा है. सामाजिक इन्साफ के लिए संघर्ष महत्वपूर्ण है. उन्होंने बोला कि पीएम मोदी भी गरीबों के लिए काम करने का दावा कर रहे हैं. अनेक योजनाएं सामने आई हैं, लेकिन प्रश्न यह है कि इन योजनाओं का गरीबों को कितना लाभ मिल रहा है. यह सोचना होगा कि प्रदेश में दलितों की गवर्नमेंट आई और पिछड़ों की भी, लेकिन इस वर्ग का कितना भला हुआ.

एनडीए फासीवादी तो इण्डिया जातिवादी- विश्वात्मा

वोटर्स पार्टी इंटरनेशनल के संयोजक विश्वात्मा ने बोला कि एनडीए फासीवादी है तो इण्डिया जातिवादी है. समाजवादी पार्टी ने अपने ही समाज का नाश  किया है. इसलिए समाजवादी पार्टी के पीछे नहीं जाना है. जब तक समाजवादी पार्टी जिंदा है, तब तक बीजेपी बनी रहेगी. इसलिए हमें दोनों से समान दूरी बनाकर चलना होगा. क्योंकि बीजेपी और समाजवादी पार्टी एक-दूसरे का डर दिखाकर राजनीति कर रहे हैं. जिस दिन समाजवादी पार्टी समाप्त होगी, उसी दिन बीजेपी से मुक्ति मिलेगी. उन्होंने इल्जाम लगाया कि सैफई के लोगों ने अपनी झोली भरी और उसका खामियाजा पूरे प्रदेश के यादव बिरादरी के लोग भुगत रहे हैं. बीजेपी संविधान के साथ खिलवाड़ कर रही है, लेकिन इण्डिया के पास इस खिलवाड़ को रोकने की कोई तकनीक नहीं है. उसने अभी तक अपनी मंशा भी सार्वजनिक नहीं किया है. उन्होंने बोला कि इण्डिया गठबंधन छह माह से अधिक नहीं चलेगा. एनडीए और इण्डिया के पास गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वालों के लिए कोई एजेंडा नहीं है. वोटर्स पेंशन का जिक्र करते हुए बोला कि संसद के निर्देश पर बनी गोयल कमेटी ने हर वोटर को 8435 रुपया प्रतिमाह देने की सिफारिश की थी, लेकिन पीएम मोदी ने किसान पेंशन के रूप में केवल पांच सौ रुपया दिया. इसलिए नेताराज समाप्त करने और वोटरराज लागू करने के लिए तीसरे मोर्चे की आवश्यकता है.

Related Articles

Back to top button