महंगी होने वाली हैं यूपी के 100 गांवों की ये जमीनें
इटावा जिले से चित्रकूट जिले तक बना यह एक्सप्रेसवे करीब 296 किलोमीटर का है। इसे 4 लेन का बनाया गया है और पूरा निर्माण महज 28 महीने में पूरा हो गया। एक्सप्रेसवे प्रारम्भ होने के बाद दोनों तरफ सोलर प्रोजेक्ट लगाने की तैयारी में है।
मोदी गवर्नमेंट राष्ट्र में एक्सप्रेसवे और हाईवे का जाल बिछा रही है। इससे सड़क सुविधाओं के साथ जमीनों की कीमतों में भी तेजी से उछाल दिख रहा है। आंकड़े बताते हैं कि जहां भी एक्सप्रेसवे या हाईवे का निर्माण हुआ है, वहां जमीनों की कीमतों में तेजी से उछाल आना प्रारम्भ हो गया है। उत्तर प्रदेश में भी हाल में ही एक नए एक्सप्रेसवे का उद्घाटन किया गया और इसके दोनों तरफ सोलर प्रोजेक्ट लगाने की तैयारियां भी प्रारम्भ हो गई हैं। एक्सप्रेसवे तो प्रारम्भ हो चुका है, लेकिन सोलर प्रोजेक्ट के लिए गवर्नमेंट फिर से जमीनों का अधिग्रहण प्रारम्भ करेगी, जिससे इस एक्सप्रेसवे के आसपास की जमीनों के मूल्य बढ़ सकते हैं।
दरअसल, हम बात कर रहे हैं बुंदेलखंड सोलर एक्सप्रेसवे (Bundelkhand Solar Expressway) की। बीते सप्ताह ही पीएम मोदी ने इस एक्सप्रेसवे का उद्घाटन किया है। उत्तर प्रदेश के इटावा जिले से चित्रकूट जिले तक बना यह एक्सप्रेसवे करीब 296 किलोमीटर का है। इसे 4 लेन का बनाया गया है और पूरा निर्माण महज 28 महीने में पूरा हो गया। एक्सप्रेसवे प्रारम्भ होने के बाद अब गवर्नमेंट दोनों तरफ सोलर प्रोजेक्ट लगाने की तैयारी में है। यह राष्ट्र का पहला एक्सप्रेसवे होगा, जिसके दोनों तरफ सोलर प्रोजेक्ट लगाए जाएंगे।
1 लाख घरों को मिलेगी बिजली
उत्तर प्रदेश औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपिडा) इस प्रोजेक्ट को पूरा करेगा। प्रोजेक्ट के अनुसार 550 मेगावाट बिजली पैदा करने का लक्ष्य है, जिससे 1 लाख घरों को रोशन किया जा सकेगा। इस प्रोजेक्ट को पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप के अनुसार पूरा किया जाएगा। एक्सप्रेसवे की मुख्य सड़क और सर्विस लेन के बीच में करीब 15 से 20 मीटर चौड़ी पट्टी है, जिस पर सोलर पैनल लगाने का प्लान है और बिजली पैदा की जाएगी।
हो गई जमीन की पहचान
सरकार ने एक्सप्रेसवे के दोनों किनारों पर सोलर पैनल लगाने के लिए बड़ी मात्रा में जमीनें भी चिन्हित कर ली है और जल्द ही इसका अधिग्रहण प्रारम्भ हो जाएगा। जाहिर है कि इस प्रोजेक्ट के बनने से एक्सप्रेसवे के दोनों किनारों की जमीनों के मूल्य भी बढ़ने लगेंगे। प्रोजेक्ट पर काम प्रारम्भ करने के लिए 8 सोलर पावर डेवलपर्स ने अपना प्रेजेंटेशन भी पूरा कर दिया है।
100 गांवों का सीधा फायदा
एक्सप्रेसवे के किनारे सोलर प्रोजेक्ट बनने से करीब 100 गांवों को सीधा लाभ होगा। सोलर पावर से बनी बिजली का प्रयोग कर सालाना 6 करोड़ रुपये बचाए जा सकते हैं। एक्सप्रेसवे 7 जिलों से होकर गुजरेगा और इसके किनारे स्थित 100 गांवों के 1 लाख घरों को बिजली मिलेगी। सबसे ज्यादा लाभ जालौन जिले को होगा, जिसके 64 गांवों की जमीनें अधिग्रहण की जाएंगी। इसके अतिरिक्त चित्रकूट के 9 गांव, बांदा के 28 गांव, महोबा के 8 गांव, हमीरपुर के 29 गांव, औरेया के 37 गांव और इटावा के 7 गांवों को इसमें शामिल किया गया है।