उत्तर प्रदेश

100 वर्षों से भी ज्यादा पुरानी है ये दुकान ,इस के है देश विदेश के लोग स्वाद के दीवाने

 हरदोई शहर खानपान के लिए प्रसिद्ध है, यहां की मिठाई को लोगों द्वारा काफी पसंद किया जाता है हरदोई में एक मिठाई की दुकान है जो कि असर्फी लाल की मिठाई की दुकान के नाम से फेमस है यह दुकान 100 सालों से भी अधिक पुरानी है इस दुकान पर मिलने वाले खोए के पेड़े काफी खास हैं ब्रिटिश काल के दौरान अंग्रेज अधिकारी इस दुकान के पेड़ों के स्वाद के मुरीद हुआ करते थे, आज भी इस दुकान के पेड़े हरदोई या फिर अन्य जनपद राज्य ही नहीं राष्ट्र विदेश में भी लोग स्वाद के दीवाने बने हुए हैं

हरदोई में एक ब्रिटिश काल मे खुली मिठाई की दुकान है जहां के संचालक मनीष कुमार गुप्ता बताते हैं कि इस दुकान की आरंभ उनके बाबा असर्फी लाल के द्वारा 100 साल से भी पहले की गई थी तब राष्ट्र में ब्रिटिश शासन लागू था, वह बताते हैं कि ब्रिटिश काल से ही इस दुकान के खोए के पेड़े काफी प्रसिद्ध थे यहां पर आने वाले ग्राहकों में बिटिश अंग्रेज अधिकारी भी हुआ करते थे

देश विदेश में भी हैं स्वाद के दीवाने

100 सालों से भी अधिक पुरानी मिठाई की दुकान चलाने वाले मनीष गुप्ता बताते हैं कि इनकी दुकान के पेड़ों का स्वाद लेने वाले हरदोई ही नहीं अमेरिका, पाक और सऊदी जैसे राष्ट्रों के लोग भी शामिल हैं वह बताते हैं कि जो भी यहां के लोग हैं और उनके सम्बन्धी यदि किसी दूसरे राष्ट्र मे हैं तो वह इन पेड़ों को उनके लिए पैक करवाकर जरूर ले जाते हैं जिन्हें वहां के लोग खूब पसंद करते हैं साथ ही ब्रिटिश काल मे जब इनके बाबा असर्फी लाल इस दुकान को चलाते थे तो अंग्रेज अधिकारी इनके पेड़े खाते थे साथ ही पैक भी करवाकर ले जाते थे

यहां है दुकान और इतनी है कीमत

 

हरदोई के सांडी कस्बा में 100 सालों से भी अधिक पुरानी दुकान है जो कि बाबा असर्फी लाल की मिठाई की दुकान के नाम से फेमस है यहां पर सबसे खास खोए के पेड़े ही मिलते हैं जिनकी 100 साल पहले मूल्य 2 रुपये और 4 रुपये शेर हुआ करती थी और आज के समय मे इनकी मूल्य जो कि दो तरह के पेड़े हैं जिनमे छोटा पेड़ा 320 रुपए किलो और बड़ा पेड़ा 360 रुपए किलो मिलता है

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