उत्तर प्रदेश

आयुष और पीयूष गोयल जुड़वा भाइयों ने सेरेब्रल पाल्सी जैसी गंभीर बीमारी को दी मात

मेरठ आयुष और पीयूष गोयल जुड़वा भाइयों ने सेरेब्रल पाल्सी जैसी गंभीर रोग को भी मात दे दी वे लगातार कोशिश करते रहे और चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी से समृद्ध बीएड पाठ्यक्रम फाइनल में प्रथम जगह हासिल कर माता-पिता का नाम रोशन किया है ये वही जुड़वा भाई हैं जिन्होंने इंटर की परीक्षा में भी बहुत बढ़िया प्रदर्शन किया था और तब तत्कालीन शिक्षा मंत्री स्मृति ईरानी ने उन्हें सम्मानित किया था

बीएड की परीक्षा पास करना दोनों भाइयों के लिए सरल नहीं था वे निर्धारित अवधि तक बैठकर कुछ लिख सकें, इसके लिए उन्हें नियमों के भीतर एक राइटर मौजूद कराया गया, जो 12th पास था आयुष और पीयूष गोयल ने जो भी शोध किया था, उसी के मुताबिक प्रश्नों के उत्तर देते गए 12वीं का स्टूडेंट उनके एग्जाम का आंसर लिख रहा था अब जब रिज़ल्ट जारी हुआ है तब उससे आयुष, पीयूष के साथ उनके माता-पिता भी काफी खुश हैं आयुष ने जहां 69% अंक हासिल किए हैं, वहीं पीयूष के अंक 72% हैं

कभी विद्यालय में नहीं मिला था एडमिशन
आयुष और पीयूष के माता-पिता बताते हैं कि जब दोनों भाइयों का विद्यालय में एडमिशन कराने पहुंचे तो विद्यालय वालों ने एडमिशन देने तक से इंकार कर दिया था तब जाकर एक छोटे से विद्यालय में उनका एडमिशन कराया वहां भी जो बच्चे थे, उनका मजाक उड़ाया करते थे जिससे कई बार आयुष, पीयूष निराश भी हो जाते थे लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और अपनी कमजोरी को ही अपनी हौसला बनाते हुए लगातार आगे बढ़ते गए जब इंटर में आयुष के 75.8 फीसदी और पीयूष के 68 फीसदी फीसदी नंबरों से पास हुए, तब तत्कालीन शिक्षा मंत्री स्मृति ईरानी ने उन्हें सम्मानित किया था

इस रोग से ग्रस्त हैं दोनों भाई
माता सुधा गोयल बताती हैं कि जब दोनों का जन्म हुआ तब उनका वजन 900 ग्राम था इसके बाद डॉक्टरों की राय पर उनकी दिल्ली एम्स में जांच कराई गई तब पता चला कि दोनों भाई सेरेब्रल पाल्सी नामक असाध्य बीमारी से ग्रसित हैं यही कारण है कि बैठने, चलने, पेंसिल पकड़ने में परेशानी होती है, लेकिन माता-पिता ने भरपूर योगदान किया

पीएम मोदी हैं आइडल
दोनों भाई पीएम नरेंद्र मोदी को अपना आइडल मानते हैं कहते हैं कि जिस ढंग से पीएम मोदी ने दिव्यांगों की पीड़ा को समझकर विकलांग शब्द की स्थान दिव्यांग शब्द प्रयोग करने के लिए बोला था उससे उनके हौसलों को भी एक नयी उड़ान मिली उसी की बदौलत है कि वे लगातार आगे बढ़ते जा रहे हैं इतना ही नहीं, वह समाज सेवा भी करते हैं साथ ही अब तक 25000 से अधिक पौधे लगा चुके हैं

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