उत्तराखण्ड

अति दुर्गम इलाकों में शामिल गांव है नामिक, हुआ 60 % मतदान

 पिथौरागढ़ पिथौरागढ़ के अति दुर्गम इलाकों में शामिल गांव है नामिक, जहां अभी तक पहुंचना काफी कठिन ही है आश्चर्य की बात यह है कि यहां पहुंचने के लिए पिथौरागढ़ मुख्यालय से दूसरे जिले बागेश्वर के गांव गोगिना जाना पड़ता है इसके बाद प्रारम्भ होती है मुश्किल पैदल यात्रा

पिथौरागढ़ जिले से ही जाने वाला पैदल रास्ता 27 किलोमीटर का है यहां के ग्रामीण 1960 में पिथौरागढ़ जिले के निर्माण के बाद से ही सड़क का प्रतीक्षा कर रहे हैं हर बार के चुनाव में यहां के लोग इसी आशा से वोट डालते हैं कि शायद इस बार गवर्नमेंट उनकी सुन ले, इसी आशा के साथ ही सीमांत के इस दुर्गम गांव के लोगों ने 60 प्रतिशत मतदान किया है

आसान नहीं था यहां पहुंचना
पोलिंग पार्टियां यहां मतदान कराकर सकुशल वापस लौट गई हैं यहां पहुंचना पोलिंग पार्टियों के लिए काफी कठिन भरा यात्रा रहा जिन्होंने 150 किलोमीटर गाड़ी से यात्रा करने के बाद बागेश्वर जिले के गोगिना गांव से पैदल 7 किलोमीटर की दूरी तय करके मतदान को संपन्न कराया

60% लोगों ने डाला वोट
नामिक में सेक्टर मजिस्ट्रेट की ड्यूटी निभाने गए पिथौरागढ़ के डिप्टी सीवीओ पंकज जोशी ने जानकारी देते हुए कहा कि नामिक में 415 मतदाता हैं जिनमें से 247 लोगों ने मतदान किया उन्होंने नामिक की इस मुश्किल यात्रा का अनुभव भी साझा किया है

 

पर्यटन की अपार संभावनाएं
नामिक गांव पिथौरागढ़ जिले का एक बहुत खूबसूरत गांव है, जहां मशहूर नामिक ग्लेशियर उपस्थित है यहां पर्यटन की अपार संभावनाएं है लेकिन अभी तक सड़क मार्ग से न जुड़ पाने के कारण यहां मूलभूत सुविधाओं का विस्तार नहीं हुआ है शिक्षा, स्वास्थ्य, संचार इन सेवाओं से अभी भी यहां के लोग काफी पीछे हैं यहां के ग्रामीणों को आशा है कि उनकी चुनी हुई गवर्नमेंट जल्द उन्हें भी विकास की मुख्यधारा से जोड़ेगी

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