उत्तराखण्ड

 उत्तराखंड सरकार द्वारा प्रदेश की गर्भवती महिलाओं के लिए चलाई जा रही है ये योजना

 उत्तराखंड गवर्नमेंट द्वारा प्रदेश की गर्भवती स्त्रियों के लिए ईजा-बोई शगुन योजना (Ija Boi Shagun Yojana Uttarakhand) चलाई जा रही है इसके अनुसार लोगों को जच्चा-बच्चा के लिए सुरक्षित हॉस्पिटल में प्रसव कराने के लिए प्रेरित किया जा रहा है, लेकिन अभी भी अधिकतर लोगों को इस योजना की जानकारी नहीं है दरअसल उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में गर्भवती महिलाएं प्रसव कराने के लिए हॉस्पिटल तभी पहुंचती हैं, जब स्थिति गंभीर हो कई बार अंतिम समय में प्रसूता को हॉस्पिटल तक पहुंचाने के चक्कर में जच्चा-बच्चा की मृत्यु भी हो जाती है खासतौर पर पहाड़ी इलाकों में स्त्रियों को इन योजनाओं की जानकारी कमतर ही हो पाती है, जिस वजह से वे इनका फायदा भी नहीं ले पाती हैं ऐसे में गवर्नमेंट गर्भवती स्त्रियों को हॉस्पिटल में प्रसव कराने के लिए सतर्क कर रही है इसके लिए उत्तराखंड गवर्नमेंट ने 9 नवंबर 2023 राज्य स्थापना दिवस के दिन ईजा-बोई शगुन योजना का शुरुआत किया था, जिसका फायदा गर्भवती स्त्री और खासतौर पर गरीब तबके के लोगों को मिल सके


श्रीनगर गढ़वाल के संयुक्त हॉस्पिटल में तैनात स्त्री बीमारी जानकार डॉ मारिशा पंवार जानकारी देते हुए बताती हैं कि इस योजना के अनुसार गर्भवती महिलाएं यदि संस्थागत प्रसव कराती हैं, तो उन्हें 2000 रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है इसके लिए प्रसव के बाद जच्चा-बच्चा के सुरक्षित स्वास्थ्य के लिए हॉस्पिटल में 48 घंटे रुकना महत्वपूर्ण है हॉस्पिटल में जच्चा-बच्चा का निःशुल्क उपचार किया जाएगा

जननी सुरक्षा योजना से अलग है ईजा-बोई योजना

डॉ पंवार ने कहा कि यह आर्थिक सहायता जो ईजा-बोई शगुन योजना के अनुसार दी जाती है, वह जननी सुरक्षा योजना के अनुसार मिलने वाली प्रोत्साहन राशि से अलग होती है जहां ईजा-बोई शगुन योजना के अनुसार 2000 रुपये दिए जाते हैं, तो वहींजननी सुरक्षा योजना के अनुसार संस्थागत प्रसव कराने वाली शहरी स्त्रियों को 1000 रुपये और ग्रामीण स्त्रियों को 1400 रुपये बतौर प्रोत्साहन राशि दी जाती है गर्भवती महिलाएं दोनों योजनाओं का फायदा ले सकती हैं बस उन्हें अपने नजदीकी सरकारी हॉस्पिटल में आना होता है

गर्भवती महिलाएं इन बातों का रखें ख्याल

उन्होंने आगे कहा कि गर्भवती स्त्रियों को सबसे पहले तो बढ़ते वजन की चिंता छोड़ खाने पर अच्छे से ध्यान देना चाहिए वजन कम उठाना चाहिए स्त्रियों को हर चार घंटे में कुछ न कुछ खाने की प्रयास करनी चाहिए इसके साथ कैफीन समेत कच्चे दूध, मसालेदार खाना आदि नुकसानदायक हो सकता है वे इससे परहेज करें

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