फूलों और सब्जियों से बना ये हर्बल रंग, विदेशों में मचा रहा धमाल
नैनीताल । पूरे राष्ट्र में होली की धूम है। होली का त्योहार रंगों का त्योहार है। ऐसे में बाजारों में कई तरह के केमिकल युक्त रंग मिलते हैं, जिनका प्रयोग हमारी त्वचा के लिए भी नुकसानदायक है। वहीं उत्तराखंड के नैनीताल की स्त्रियों ने इन केमिकल युक्त रंगों और गुलालों से त्वचा को बचाने के लिए एक अनूठा तरीका निकाला है। नैनीताल की मोनाल संस्था की स्त्रियों द्वारा खराब पड़े फूलों और सब्जियों से हर्बल रंग तैयार किए जा रहे हैं। संस्था की फाउंडर नायला खान पिछले तीन वर्ष से अन्य स्त्रियों के साथ इन हर्बल रंगों को तैयार कर रही हैं।
लोकल 18 से खास वार्ता में नायला खान ने बोला कि उनकी संस्था की स्त्रियों द्वारा होली के मौके पर हर्बल रंग बनाए जा रहे हैं। हम लोग पिछले तीन वर्ष से रंग बना रहे हैं। होली के मौके पर बाजार में कई तरह के रंग मिलते हैं, जिनका इस्तेमाल त्वचा के लिए नुकसानदायक होता है। वहीं उनकी संस्था द्वारा होली के लिए अरारोट, फूड कलर, खुशबू के लिए इत्र, चुकंदर, गुलाब के फूल, गेंदा के फूल और पालक का इस्तेमाल कर हर्बल रंग तैयार किए जा रहे हैं। इन रंगों की डिमांड नैनीताल के विद्यालयों के साथ ही राम सेवक सभा, नयना देवी मंदिर समेत दूसरे शहरों दिल्ली, कोलकाता और मुंबई तक है। उन्होंने बोला कि जर्मनी, न्यूयार्क तक उनकी संस्था द्वारा बनाए गए रंग इस होली में भेजे गए हैं।
महिलाओं को मिल रहा रोजगार
नायला बताती हैं कि उनकी संस्था से कुल 8 महिलाएं जुड़ी हैं और कुछ महिलाएं घरों से रंगों को तैयार कर रही हैं और पैकेजिंग कर रही हैं। उनकी संस्था द्वारा प्रत्येक स्त्री को रंग बनाने का और पैकेजिंग के लिए वेतन दिया जाता है, जो स्त्रियों को आर्थिक रूप से भी सशक्त कर रहा है।
ऐसे करें ऑर्डर
मोनाल संस्था द्वारा महिलाएं ऑर्गेनिक रंगों के अतिरिक्त ऐपण, पेंटिंग्स, गिफ्ट हैंपर, वेस्ट मैटेरियल का इस्तेमाल कर कई गिफ्ट आइटम बना रहीं हैं। नायला बताती हैं कि आप उनके इंस्टाग्राम पेज monal_shg के माध्यम से उनसे संपर्क कर सकते हैं। रंगों और प्रोडक्ट के मूल्य की जानकारी वहां मौजूद है।