बच्चों में मोबाइल फोन और ऑनलाइन गेम्स की लत, बंद हुए वीडियो गेम पार्लर
एक समय ऐसा था जब बच्चे वीडियो गेम खेलने के लिए गेम पार्लर में जाया करते थे।परंतु मोबाइल आने के बाद बच्चों का ये शौक अब वह धीरे-धीरे समाप्त होते हुए नजर आ रहा है। क्योंकि उनकी स्थान मोबाइल टेलीफोन ने ले ली है। आज से कुछ वर्ष पहले तक वीडियो गेम पार्लर में काफी भीड़ देखने को मिलती थी। जिसमें बच्चे और बड़े लोग गेम खेलने के लिए पहुंचा करते थे पर अब इनमें सन्नाटा पसर चुका है या फिर वीडियो गेम पार्लर बंद हो चुके हैं। आप में से किसी न किसी ने वीडियो गेम की दुकान में जाकर मारियो, कॉन्ट्रा, टेकन 3, सुपर सोनिक, डाउनहिल बाइसिकल, स्मैकडाउन जैसे कई गेम खेले होंगे।
इसको लेकर ‘लोकल 18’ की टीम ने अल्मोड़ा में चल रहे वीडियो गेम पार्लर के दुकानदारों से खास वार्ता की। उन्होंने कहा अधिकांश गेम पार्लर बंद हो चुके हैं। अल्मोड़ा में केवल एक ही स्थान में वीडियो गेम की दुकान है, जो की गंगोला मोहल्ला में स्थित है। यहां भी कभी-कभी बच्चे खेलने के लिए आ जाते हैं। दुकानदारों ने कहा कि मोबाइल टेलीफोन इसका सबसे बड़ा कारण है क्योंकि उसमें विभिन्न ढंग के गेम खेलने के लिए मिल जाते हैं जिससे वह युवा पीढ़ी मोबाइल की तरफ आकर्षित हो रही है। दुकानदारों ने कहा कि गेम पार्लर में ताला लगने की वजह पबजी मोबाइल गेम भी है।
करोड़पति बनने की बच्चों में भी होड़
दुकानदार राजेश कुमार साह ने कहा कि उन्होंने वीडियो गेम पार्लर का काम 1989 से किया था। उसे समय के दौर में 50 पैसे से उन्होंने काम प्रारम्भ किया था। अभी ₹10 का आधा घंटा और ₹20 में 1 घंटा गेम खिलाया जाता है। राजेश ने कहा जबसे मोबाइल टेलीफोन आए हैं तबसे वीडियो गेम का काम समाप्त हो गया है। मोबाइल टेलीफोन में कई गेम है पर उनमें युवा पीढ़ी करोड़पति बनने की लालच में गेम खेल रही है। वीडियो गेम पार्लर में पहले मनोरंजन के लिए बच्चे गेम खेला करते थे अब गेम कम पैसे कमाने की बच्चों में होड़ लगी है। अल्मोड़ा में पहले 7 से 8 गेम पार्लर हुआ करते थे अब केवल 1 दुकान ही चल रही है।
ये है मुख्य कारण
दुकानदार राज तिवारी ने कहा कि जबसे मोबाइल टेलीफोन में फ्री गेमिंग या फिर औनलाइन गेम आए हैं तबसे गेम पार्लर में आना अब कोई पसंद नहीं करता है। पहले के समय में बच्चों के पास इंटरटेनमेंट के लिए कोई साधन नहीं हुआ करता था तो बच्चे वीडियो गेम पार्लर में आए करते थे। आज बच्चों के पास अनेक प्रकार की सुविधाएं हैं जो एंड्रॉयड टेलीफोन सरलता से दे देता है। साथ ही बच्चों को गेम के बदले पैसा मिल रहा है तो वो क्यों गेम पार्लर में आएंगे। जो खेलने वाले लोग हैं वह अभी भी कंसोल खरीद रहे हैं।