उत्तराखण्ड

देहरादून में इस जगह छोले कतलम्बे खाने के लिए लगानी पड़ती है लाइन

देहरादून देहरादून में छोले कतलम्बे कई स्थान मिल जाएंगे लेकिन मामा जी के छोले कतलम्बे की दिवानगी लोगों में इतनी अधिक है कि आप बिना खाए रह नहीं पाएंगे मामा जी के यह स्पेशल कतलम्बे की कार्ट पलटन बाजार स्थित सब्जी मंडी में टमाटर वाली गली के ठीक सामने स्थित है बिना बोर्ड बिना प्रचार के मामा जी के कतलंबे इतने फेमस हैं कि लोग लाइन लगाकर अपनी बारी का प्रतीक्षा करते हैं छोले कतलम्बे वैसे पाकिस्तानी डिश है लेकिन पंजाब में भी इसका चलन बहुत अधिक है इसलिए यह डिश आधी पंजाबी और आधी पाकिस्तानी है

मामा जी कतलंबे कार्ट के ओनर बताते हैं कि यह एक तरह का पकवान है जिसको लोग बड़े चाव के साथ खाते हैं कतलंबे को मैदा से बनाया जाता है इसको एक बार बनाने के बाद 10 से 15 दिन तक घर में रखकर खाया जा सकता है कतलंबे इतने दिनों तक बिना खराब हुए खाने योग्य रहते है कतलंबे को देहरादून में कई लोग रिफाइंड ऑयल में बना रहे हैं लेकिन रिफाइंड में बने कतलंबे लंबे समय तक नहीं चलते हैं और उनमें कतलंबे का ओरिजिनल स्वाद भी नहीं आता है मामा जी अपने कतलंबे डालडा घी में बनाते हैं यह कतलंबे बनाने की बहुत पुरानी विधी है वहीं, इसके साथ खाएं जाने वाले छोले भी खास तरह से तैयार किए जाते हैं मामा जी दो तरह के छोले अपने कतलंबे के साथ खाने के लिए देते हैं सूखे मसाले वाले और हल्का गीले छोले नींबू के साथ

45 वर्ष पहले पिता दी ने शुरु किया था

मामा जी कतलंबे के मालिक बताते हैं कि वह 40-45 वर्षों से इस कार्ट को देहरादून के पल्टन बाजार स्थित सब्जी मंडी में टमाटर वाली गली में लगाते हैं उन्होंने कहा कि इससे पहले उनके जीजा जी इस काम को करते थे और उनसे पहले उनके जीजा जी के उस्ताद राम उस्ताद ने इस काम को किया भारत-पाकिस्तान विभाजन के बाद देहरादून आए राम उस्ताद को ही कतलंबे डिश राजधानी देहरादून पहुंचाने का श्रेय दिया जाता है

 

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