यहा स्थापित हर मंदिर, घाट और गुफा का अपना रोचक इतिहास और खासियत
उत्तराखंड में योगनगरी ऋषिकेश (Rishikesh Tourist Spots) एक पावन तीर्थ स्थल है। यहां कई सारे प्राचीन मंदिर, गुफा और घाट स्थापित हैं। हर वर्ष हजारों की संख्या में लोग यहां दर्शन के लिए आते हैं। यहां स्थापित हर मंदिर, घाट और गुफा का अपना रोचक इतिहास और विशेषता है। योग कैपिटल ऋषिकेश में कई सारी प्राचीन गुफाएं हैं, उन्हीं में से एक गुफा के बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं, उस गुफा का नाम है अरुंधति गुफा। यह गुफा वशिष्ठ गुफा के पास ही में स्थित है।
अरुंधति गुफा (Arundhati Cave in Rishikesh) ऋषिकेश से करीब 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह गुफा गंगा के तट पर स्थित शांति और ध्यान के लिए एक अच्छा जगह है। ऋषिकेश आने वाले पर्यटक शोरगुल से दूर यहां ध्यान और शांति के लिए पहुंचते हैं। कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, इस गुफा को माता अरुंधति के नाम से जाना जाता है। माता अरुंधति महर्षि वशिष्ठ की पत्नी थीं। वैसे वह ऋषि मेधातिथि के यज्ञकुंड से उत्पन्न हुई थीं, इस वजह से उन्हें मेधातिथि की कन्या भी बोला जाता है।
ऋषिकेश की शोरगुल से दूर एकांत में है गुफा
अरुंधति गुफा ऋषि वशिष्ठ की गुफा के पास ही में स्थित है। इस गुफा में आपको ऋषि वशिष्ठ और अरुंधति की तस्वीर देखने को मिल जाएगी, जिसके पास ही में एक गद्दी है। इसपर किसी को भी बैठने की अनुमति नहीं है। दर्शन के बाद सभी गुफा के पास ही में बैठकर ध्यान करते हैं। वैसे यह गुफा भीड़भाड़ से दूर जंगल में है, इसलिए यह जगह ध्यान के लिए अच्छा माना जाता है।
गुफा में अलग अहसास की अनुभूति
ऋषिकेश घूमने आए अंकित बताते हैं कि उन्होंने वशिष्ठ गुफा और अरुंधति गुफा में बैठकर काफी देर ध्यान किया। यह गुफा बिल्कुल शांत स्थान में है और यहां आकर आप अद्भुत अहसास स्वयं महसूस कर सकते हैं। साथ ही यह गुफा गंगा नदी के पास ही स्थित है। इस वजह से उन्हें यहां आकर बहुत अच्छा लगा।